गणेशोत्सव में मुंबई का पीछा करती दिल्ली
नई
दिल्ली(विवेक
शुक्ला)
क्या
दिल्ली
अब
मुंबई
हो
गई
है?
आपको
यह
सवाल
कुछ
अटपटा
लग
सकता
है।
सोमवार को गणेशोत्व के अंतिम दिन राजधानी की तमाम सड़कें जाम दिखीं गणेश जी की प्रतिमा को विसर्जन के लिए ले जाने वाले भक्तों से। इसे देखकर एक बार तो लगा कि दिल्ली अब मुंबई हो गई है।
150 जगह गणेशोत्सव
एक अनुमान के अनुसार, राजधानी और एनसीआर में इस बार करीब 150 जगह गणेशोत्व के आयोजन हुए। अनेक लोगों ने गणेश अपने घर में भी सजाए थे। कनाट प्लेस, पटेल नगर, लक्ष्मी नगर, विकास मार्ग, तिलक मार्ग जैसी व्यस्त सड़कों पर लंबा जाम दिखा गणेश जी की प्रतिमा को ले जाने वाले भक्तजनों के कारण। बेहद मस्ती के मूड में थे गणेश भक्त। सब यमुमा नदी पर पहंच रहे थे विसर्जन के लिए।
लंबे समय से दिल्ली में रह रहे
वरिष्ठ कार्टुनिस्ट और मराठी लेखक माधव जोशी कहने लगे कि इस बार जितने गणेश के पंडाल राजधानी में सजे हैं, उसे देखकर तो लगा कि सारा महाराष्ट्र दिल्ली में आ गया है।
बेहद उत्साह से गणेशोत्सव यहां पर मनाया गया। राजधानी दिल्ली में मुंबई की तर्ज पर राजा लालबाग पंडाल शुरू किया गया है। मिश्रित संस्कृति वाले दिल्ली में इसके प्रति रूचि बढ़ रही है।
दिल्ली के पीतमपुरा में राजा लालबाग पंडाल शुरू किया गया है। आयोजकों का दावा है कि वे पहली बार गणेश प्रतिमा मुम्बई से ही लाये थे और यहां तक कि पुजारी भी वहां से बुलाये गये थे।
शहर के राजा लालबाग गणपति ट्रस्ट के सचिव और मेला मंत्री राजेश गुप्ता ने कहा कि यह हम आगे भीनइस तरह से गणेशोत्सव का आयोजन करते रहेंगे।
लक्ष्मी नगर में के पंडाल से गणेश जी की प्रतिमा को विसर्जित करने के लिए कम से कम 5 हजार लोग जा रहे थे गाजे-बाजे के साथ।