Coronavirus पर एक और वार, भारत बायोटेक की इंट्रानासल बूस्टर डोज को मिली मंजूरी
भारत के औषधि महानियंत्रक (DCGI) ने भारत बायोटेक के इंट्रानैसल 'फाइव आर्म्स' बूस्टर खुराक को कोविड-19 के उपयोग के लिए मंजूरी दे दी है। जानकारी के मुताबिक बूस्टर खुराक को मंजूरी मिलने के बाद अब कोरोना की खुराक इंजेक्शन के बजाय नाक के रास्ते दी जाएगी। आपको बता दें कि अभी तक इसके प्रयोग पर रोक लगाई गई थी। वहीं, कोरोना वैक्सीनेशन की बात करें तो अभी तक भारत में इंजेक्शन के रूप में ही दिया जा रहा है।
इससे पहले बीबीआईएल ने इस साल सितंबर में "फाइव आर्म्स" इंट्रानैसल हेटेरोलॉगस बूस्टर खुराक की मंजूरी के लिए डीसीजीआई को आवेदन किया था। उस दौरान बीबीआईएल की तरफ से 18 वर्ष और उससे अधिक उम्र के लिए आपातकालीन स्थिति में उपयोग की मंजूरी देने के लिए कहा गया था।
वहीं, दावा किया गया जा रहा है कि ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (डीसीजीआई) की विषय विशेषज्ञ समिति (एसईसी) के सदस्य 15 नवंबर को इसके उपयोग की मंजूरी को लेकर बैठक भी किए थे। भारत बायोटेक इंटरनेशनल लिमिटेड (बीबीआईएल) की तरफ से तैयार फाइव आर्म्स हेटेरोलॉगस इंट्रानैसल बूस्टर डोज़ का अर्थ है- आर्म 5: 2 इंट्रानैसल-बूस्टर इंट्रानैसल।
आपको बता दें कि कोरोना वायरस संक्रमण रोकने में टीकाकरण अभियान सबसे ज्यादा कारगर साबित हुआ है। इसका दावा कई मेडिकल रिसर्च में भी किया गया है। टीकाकरण का नतीजा है कि आज कोरोना लगभग सभी देशों में खात्मे की कगार पर है। वहीं, अगर कोरोना से संक्रमित मरीज मिल भी रहे हैं तो, उन्हें भर्ती करने की भी जरूरत नहीं पड़ रही है।
बता दें कि भारत के साथ अन्य देशों में कोरोना की पहली और दूसरी लहर के दौरान विकराल रूप देखने को मिला था। दूसरे लहर के दौरान कोरोना वायरस का संक्रमण इतना खतरनाक था कि अधिकतर मरीजों को ऑक्सीजन की जरूरत पड़ती थी। वहीं, कई मरीजों की मौत ऑक्सजीन समय से नहीं मिलने के कारण भी हो गई थी।
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