शर्मनाक! ओडिशा के श्मशान घाट में नहीं है कोई देखने वाला, अधजले शवों के पास मंडरा रहे कुत्ते
भुवनेश्वर, 19 मई: कोरोना महामारी की दूसरी लहर इतनी ज्यादा भयानक होगी, इसका अंदाजा किसी को भी नहीं था। एक ओर मरीजों को अस्पतालों में बेड, ऑक्सीजन और दवाइयां नहीं नसीब हो रहीं, तो वहीं दूसरी ओर कई लोगों का तो अंतिम संस्कार भी ढंग से नहीं हो पा रहा है। ताजा मामला ओडिशा के बलांगीर जिले से सामने आया है, जहां पर आधे जले शवों पर कुत्ते मुंह मार रहे हैं। जिससे स्थानीय लोग काफी परेशान हैं।
दरअसल बलांगीर शहर से करीब 3 किलोमीटर दूर खुले मैदान को अस्थाई श्मशान घाट में तब्दील किया गया था। कुछ दिनों से खबरें आ रही हैं कि वहां पर कोरोना मरीजों के शवों को सही ढंग से नहीं जलाया जा रहा है, जिस वजह से आवारा कुत्तें दिनभर वहां पर मंडराते रहते हैं। शवों को घसीटते हुए कुछ कुत्तों की तस्वीरें भी सोशल मीडिया पर वायरल हुईं, जिसके बाद इलाके में हंड़कंप मच गया। इसके अलावा मृतकों के रिश्तेदार भी काफी ज्यादा दुखी हैं। वहीं सूत्रों के मुताबिक एक शव के अंतिम संस्कार के लिए 7500 रुपये मिल रहे हैं, लेकिन जिम्मेदार लोग लकड़ी का इंतजाम ही नहीं कर पा रहे हैं।
एक कोविड पीड़ित के रिश्तेदार ने बताया कि प्रशासन ने उनसे कहा था कि वो शवों को परिजनों को नहीं सौपेंगे। उन्होंने इस बात को स्वीकार कर लिया, लेकिन कम से कम सम्मानजनक तरीके से वो अंतिम संस्कार कर सकते थे। एक दूसरे शख्स ने कहा कि अधूरा दाह संस्कार लोगों की भावनाओं को आहत करता है क्योंकि परंपरा के अनुसार अंतिम संस्कार का महत्व है। ऐसे में दोषी लोगों पर जरूर कार्रवाई होनी चाहिए।
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मामला गरमाता देख बलांगीर के उप कलेक्टर लंबोधर धारुआ ने श्मशान घाट का दौरा किया। साथ ही प्रभारी कर्मचारियों को इलाके में सफाई रखने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि किसी के परिजन का अंतिम संस्कार ढंग से नहीं होगा, तो उसे तो दुख होगा। ऐसे में वो सबको आश्वसन दिलाते हैं कि सभी का अंतिम संस्कार सम्मानजनक तरीके से होगा।