महाराष्ट्र में Coronavirus मरीजों की संख्या 10000 पार, 24 घंटों में 583 नए केस
मुंबई। देश में कोरोना वायरस में मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं। संक्रमण के सबसे ज्यादा केस महाराष्ट्र में सामने आए हैं। यहां मरीजों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है। पिछले 24 घंटे में 583 नए केस सामने आए, ऐसे में राज्य में कुल मरीजों की संख्या बढ़कर 10 हजार के पार 10498 हो गई है। वहीं अबतक कुल 459 लोगों ने अपनी जान गंवाई है। इस बीच कुल 1773 लोगों को ठीक हो जाने के बाद डिस्चार्ज किया जा चुका है।
7 राज्यों में मामले दोगुने होने की दर कम
स्वास्थ्य मंत्रालय में संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने प्रेस ब्रीफिंग में कहा कि सात राज्यों में कोविड-19 के मामलों के दोगुने होने की दर राष्ट्रीय औसत से कम है। उन्होंने कहा कि दिल्ली (11.3), उत्तर प्रदेश (12),जम्मू कश्मीर (12.2), ओडिशा (13), राजस्थान (17), तमिलनाडु (19.1) और पंजाब (19.5) में मामलों की संख्या दोगुनी होने की दर 11-20 दिन है। उन्होंने कहा कि कर्नाटक (21.6), लद्दाख (24.2), हरियाणा(24.4), उत्तराखंड (30.3) और केरल (37.5) में मामलों की संख्या 20 से 40 दिन में दोगुनी हो रही है।
उन्होंने कहा कि असम, तेलंगाना, छत्तीसगढ़ और हिमाचल प्रदेश में यह दर 40 दिन से भी अधिक है। हालांकि अग्रवाल ने कहा कि किसी राज्य में कुल मिलाकर मामले दोगुने होने की दर घटने के बावजूद कुछ जिले हो सकते हैं जिनमें मामले तेज रफ्तार से दोगुने हो रहे हैं। उन्होंने कहा, "और इसलिए, यह सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है कि हम चिह्नित हॉटस्पॉट क्षेत्रों में देश के बाकी हिस्सों के साथ-साथ ध्यान केंद्रित करते हुए काम करते रहें." उन्होंने कहा कि देश में कोरोना वायरस संक्रमण से मौजूदा मृत्यु दर 3.2 प्रतिशत है जहां मृतकों में 65 प्रतिशत पुरुष और 35 फीसद महिलाएं हैं।
51.2 प्रतिशत मरने वालों की उम्र 60 साल से ज्यादा
अधिकारी ने कहा, "अगर हम आयु के आधार पर संख्या को विभाजित करें तो मौत के 14 प्रतिशत मामले 45 साल की आयु से कम के हैं, 34.8 प्रतिशत मामले 45-60 साल की आयुवर्ग के रोगियों के हैं और 51.2 प्रतिशत मृत्यु के मामले 60 साल से अधिक आयु के लोगों के हैं।" अग्रवाल ने कहा, "मृत्य के मामलों को हम 60 साल से अधिक उम्र के आयुवर्ग में भी देखें तो 42 प्रतिशत मामले 60-75 साल के हैं और 9.2 प्रतिशत 75 साल से अधिक लोगों के हैं।" उन्होंने कहा कि संक्रमण से मौत के 78 प्रतिशत मामलों में रोगियों को मधुमेह, उच्च रक्तचाप, किडनी और हृदय संबंधी गंभीर रोग होने का भी पता चला है और इस लिहाज से अधिक उम्र तथा अन्य गंभीर बीमारियां जोखिम वाले कारक हैं।