कम टेस्ट करने के राहुल गांधी के आरोप का डॉक्टर गंगा खेड़कर ने दिया क्या जवाब
नई दिल्ली। भारतीय चिकित्सा अनुसंधान संस्थान (आईसीएमआर) के डॉ. रमन आर गंगा खेड़कर ने बताया है कि रैपिड टेस्टिंग देश में आ चुकी हैं लेकिन अभी इनका इस्तेमाल नहीं किया जा सकता है। शुरुआती जांच के लिए हमें लैब पर ही निर्भर रहना होगा। वहीं कम टेस्ट किए जाने के सवाल पर डॉ खेड़कर ने कहा, देश में हम एक पॉजिटिव केस पर 24 लोगों की जांच कर रहे हैं। जापान में यह आंकड़ा 11.7, इटली में 6.7, अमेरिका में यह 5.3 और ब्रिटेन में 3.4 है। गुरुवार को राहुल गांधी की ओर से भी कम टेस्ट को लेकर सवाल उठाए गए हैं। जिसके बाद आईएमसीआर की ओर से ये कहा गया है।
स्वास्थ्य मंत्रालय और आईसीएमआर की संयुक्त प्रेस वार्ता में गुरुवार को ICMR के वैज्ञानिक रमन गंगाखेडकर ने कहा, हमारे पास 8 हफ्ते तक टेस्ट करने के लिए किट मौजूद है। वहीं चीन की दो कंपनियों से रैपिड एंटीबॉडी टेस्टिंग किट सहित पांच लाख टेस्टिंग किट भी प्राप्त हो गए हैं। रैपिड टेस्टिंग किट को लेकर आईसीएमआर की ओर से बताया गया कि ये रैपिड एंटीबॉडी जांच किट कोरोना की शुरुआती जांच के लिए उपयोग में नहीं आती हैं। एंटीबॉडी टेस्ट हर क्षेत्र में इस्तेमाल का फायदा नहीं। इसे हॉटस्पॉट में इस्तेमाल से ही फायदा होगा। शुरुआती जांच के लिए लोगों को लैब पर ही निर्भर रहना होगा, आम लोग इस रैपिड टेस्ट की मांग न करें। इसका इस्तेमाल कोरोना की जांच के लिए नहीं बल्कि महामारी के प्रसार का पता लगाने के लिए किया जाता है।
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डॉ. रमन आर गंगा खेड़कर ने टेस्ट की संख्या को लेकर कहा कि अब तक देश में हमने 2,90,401 लोगों का टेस्ट किया है, इनमें से 30,043 लोग जिनका टेस्ट बुधवार (15 अप्रैल को) हुआ है, उसमें 26,331 का टेस्ट आईसीएमआर नेटवर्क के 176 लैब में हुआ और 3,712 टेस्ट निजी लैब में हुए, निजी लैब 78 हैं।
गुरुवार दोपहर अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस में राहुल गांधी ने कहा था कि देश में टेस्ट पर्याप्त नहीं हो रहे हैं। उन्होंने कहा, ज्यादा से ज्यादा टेस्ट ही कोरोना वायरस के खिलाफ हमारा मुख्य हथियार है। भारत को वायरस की रोकथाम के लिए ज्यादा टेस्ट शुरू करना चाहिए। सिर्फ लॉकडाउन से इसे नहीं रोका जा सकेगा।
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