Coronavirus: बिल गेट्स ने पहले ही किया था आगाह कि दुनिया......
coronavirus:Bill Gates warned 5 years ago that the world was not ready to deal with any epidemicबिल गेट्स ने 5 साल पहले ही चेताया था कि दुनिया किसी महामारी से निपटने को तैयार नहीं
बेंगलुरु। पूरी दुनिया में अब तक कोरोना वायस से 16,558 लोगों की मौत हो चुकी है और ताजा आकड़ों के अनुसार कोरोना वायरस से 381,63 लोग संक्रमित हैं। 102, 429 लोग इस वायरस से ठीक हो चुके है। भारत में मंगलवार सुबह तक कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों का आंकड़ा 492 पर पहुंच गया। देश में इस वायरस की वजह से 9 लोगों की मौत हो चुकी है। चंद दिनों में ही भारत इस महामारी के प्रकोप में जकड़ता जा रहा हैं यहां लोगों वही चीन, इटली, स्पेप, अमेरिका समेत अन्य देश में इस वायरस ने त्राहिमान मचा दिया हैं।
ऐसा नहीं है कि दुनिया भर में ऐसी महामारी पहली बार फैली हो इससे पहले 2014 में कोरोना जैसी महामारी दुनिया में फैली थी और जिसने पूरी दुनिया को हिला कर रख दिया था। उस बीमारी का नाम इबोला था और इस बीमारी से दो साल में दुनिया भर के 11 हजार लोगों की जान ले ली थी। लेकिन कोरोना वायरस ने तो पिछले तीन महीनों ने इबोला से कई गुना दुनिया भर में त्राहिमान मचा दिया हैं।
अमेरिका जैसे शक्किशाली देश भी नहीं कर पा काबू
बता दें दुनिया भर में कोरोना के कारण जो कोहराम मचा है उसके लिए दुनिया शक्ति शाली देश भी झेल नहीं पा रहे इसके पीछे ये ही कारण हैं कि 6 वर्ष पूर्व इबोला जैसी बीमारी झेलने के बाद भी हमने कोई भी कोई खास प्रबंध नहीं किया। जिसका नतीजा है कि आज इस संकट की घड़ी में अमरिका, चाइना जैसे बड़े देशों के भी हाथ पैर फूल रहे हैं।
5 साल पहले बिल गेट्स ने चेताया था कि
मालूम हो कि माइक्रोसाफ्ट के संस्थापक बिल गेट्स ने आज से पांच साल पहले ही दुनिया को चेताया था कि हमारी दुनिया अब किसी भी नए वायरस के प्रकोप को झेलने के लिए तैयार नहीं हैं। डेट टॉक्स के कार्यक्रम में बिल गेट्स ने कहा था इबोला के बाद दुनिया भर के देशों को स्वास्थ्य सुविधाओं को अधिक मजबूत करना चाहिए था लेकिन ऐसा नहीं हुआ हैं।
वैश्विक प्रलय का सबसे बड़ा कारण युद्ध नहीं बल्कि एक वायरस बनेगा।
बिल गेट्स ने अपने इस साक्षात्कार में बताया था कि वो जब छोटे थे तो उन्हें परमाणु हमले से बहुत डर लगता था। उनके साथ उनका परिवार भी भयभीत रहता था और उनका परिवार खाने-पीने के सामान का बैरल बेसमेंट में रख दिया करता था। उन्होंने कहा कि वैश्विक प्रलय का सबसे बड़ा कारण युद्ध नहीं बल्कि एक वायरस बनेगा। उन्होंने पांच साल पहले अगाह किया था कि अगर कुछ दशकों में लाखों लोगों को कोई खत्म कर सकता है तो वह है वायरस , युद्ध नही।
महामारी से बचने के लिए सिस्टम तैयार करें सारे देश
इस विडियो ने गेट्स ने ये भी बताया कि दुनिया भर के देश स्वयं को शक्तिसंपन्न बनाने के लिए सबसे ज्यादा खर्च परमाणु बम बनाने मे कर रहे हैं बल्कि सभी देशों को इस पर पैसा खर्च करने के बजाय महामारी रोकने के लिए एक सिस्टम बनाने पर ज्यादा ध्यान दिया जाना चाहिए।
इबोला के वक्त हमारी तैयारी नहीं थी इसलिए इतनी मौतें हुई
उन्होंने तभी कहा था कि इबोला से पूरी दुनिया को सबक लेते हुए दुनिया को स्वयं को इसके लिए मजबूत करना चाहिए था। उन्होंने कहा था इबोला के वक्त हमारे पास एक ऐसा सिस्टम नहीं था जो बेहतर काम करता हो। इबोला के समय हमारे पास उचित मेडिकल टीम नहीं थी यही कारण था कि इतने लोगों को जान गंवानी पड़ी।
बिल गेट्स ने कोरोना जैसी महामारी फैलने का जताया था अंदेशा
बिल गेट्स ने ये भी कहा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन ऐसी महामारी की निगरानी करता है। डब्ल्यूएचओ की तरफ से ऐसी महामारी को रोकने के लिए किसी रिसर्च या डेवलेपमेंट पर काम नहीं किया जाता है। वीडियो में बिल गेट्स ने किसी दूसरे महामारी या वायरस फैलने के भी संकेत दिए, साथ ही उन्होंने कहा कि नया वायरस इबोला से बहुत ज्यादा खतरनाक होगा।
ऐसे वायरस से लड़ने के लिए दुनिया को तैयार रहना चाहिए
गेट्स ने इस विडियो में 1918 में फैले स्पेनिश फ्लू के बारे में भी बताया और ये भी बताया कि ये बहुत स्पीड से पूरी दुनिया को अपनी चपेट में लिया था। तब इससे मात्र 263 दिनों में लगभग 30 लाख लोगों मौत के काल में समा गए थे। उस समय विज्ञान ने इतनी तरक्की नहीं थी लेकिन आज सांइस और टेक्नालॉजी के सहयोग से ऐसी महामारियों से लड़ा जा सकता हैं । तभी उन्होंने सुझाया था कि दुनिया को ऐसे वायरस से फैलने वाली बीमारियों से लड़ने की तैयारी कर लेनी चाहिए।
इबोला से दुनिया को सीखना चाहिए था
माइक्रोसाफ्ट कंपनी के संस्थापक गेट्स के अनुसार ऐसी वायरस से फैलने वाली बीमारियों से तभी लड़ा जा सकता है जब गरीब देशों को भी बेहतर मेडिकल और स्वास्थ्य सुविधाएं दी जाएगी इसके साथ ही वायरस को खत्म करने के लिए शोध कार्य किए जाएंगे। बिल गेट्स ने कहा था कि इबोला एक तरह की महामारियों का संकेत था जिससे दुनिया को इससे सीखना चाहिए और तैयारी करनी चाहिए।
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