Coronavirus: 68% ऐक्टिव केस और 72% मौत के मामले सिर्फ 20 जिलों में
नई दिल्ली- आज से तीसरे लॉकडाउन की शुरुआत हो चुकी है। इसमें पहले दोनों लॉकडाउन से कुछ ज्यादा रियायतें दी गई हैं। शायद इस सोच के पीछे की वजह ये रही है कि देश में कुछ ही जिले ऐसे हैं जहां कोरोना वायरस का सबसे ज्यादा प्रकोप है। इन जिलों में ऐक्टिव केस भी ज्यादा हैं और मौतों भी इन्हीं जिलों में ज्यादा हुई हैं। अब केंद्र सरकार ने इन जिलों पर खास ध्यान देने के लिए अपनी एक विशेष टीम तो राज्यों में भेजी ही है, साथ ही राज्यों से ये भी कहा है कि वह इन संवेदनशील जिलों पर ज्यादा ध्यान केंद्रित करे और संक्रमण रोकने के तमाम प्रोटोकॉल का सख्ती से पालन कराए।

करीब 20 जिलों में ही सबसे ज्यादा कहर
सोमवार से लॉकडाउन के तीसरे फेज की शुरुआत हो चुकी है। इस दौरान केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने राज्य सरकारों को बताया है कि देश में इस समय कोरोना वायरस के 68 फीसदी ऐक्टिव मामले देश के सिर्फ 20 जिलों में ही सीमित हैं। रविवार को कैबिनट सचिव की अगुवाई में राज्यों के मुख्य सचिवों की हुई बैठक में राज्यों को इन आंकड़ों से वाकिफ कराया गया। राज्यों को यह जानकारी भी दी गई कि इस वायरस की वजह से अब तक देश में जितनी भी मौतें हो रही हैं, उनमें से 72 फीसदी केस केवल 20 जिलों तक ही केंद्रित हैं। इन जिलों में देश के मुंबई, अहमदाबाद, दिल्ली, चेन्नई और पुणे जैसे महानगर शामिल हैं। एक बात और स्पष्ट करने की आवश्यकता है के दोनों ही तरह के केस में जिन 20 जिलों की बात की गई है, उनमें से अधिकतर एक ही हैं, अलबत्ता कुछ और जिले भी जरूर अलग-अलग केस में शामिल किए गए हैं।

इन जिलों में केंद्र ने भेजी अपनी टीम
बता दें कि केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने 72 फीसदी मौतों और सबसे ज्यादा ऐक्टिव मामलों वाले 20 जिलों में राज्य स्वास्थ्य विभागों की सहायता के लिए सेंट्रल पब्लिक हेल्थ टीम भेजी है। 2011 के जनगणना के आधार पर इन 20 जिलों की आबादी करीब 10 करोड़ थी। स्वास्थ्य मंत्रालय के आदेश के मुताबिक 'ये टीमें संबंधित राज्यों के अतिरिक्त मुख्य सचिवों/ प्रधान सचिवों/अतिरिक्त सचिवों (स्वास्थ्य) को रिपोर्ट करेंगी और जिलों/शहरों में कोविड-19 से प्रभावित इलाकों में रोकथाम के आवश्यक कदम उठाने में राज्य की स्वास्थ्य विभाग की सहायता करेंगी।'

लिस्ट में ज्यादातर मेट्रो सिटी शामिल
बैठक में प्रेजेंटेशन के दौरान बताया गया कि 'मुंबई, अहमदाबाद, चेन्नई, सेंट्रल दिल्ली, कोलकाता, उत्तरी दिल्ली, कानपुर नगर और कृष्णा, इन 8 जिलों में 10 दिन से पहले ही मामले दोगुने हो रहे हैं। ' जबकि, 7 जिलों में मृत्यु दर भारत के औसत 3.2 फीसदी से ज्यादा है। इन सात जिलों में मुंबई, पुणे, अहमदाबाद, इंदौर, सूरत, सेंट्रल दिल्ली और कृष्णा जिले शामिल हैं। इसके अलावा 9 जिलों (मुंबई, अहमदाबाद, इंदौर, ठाणे, आगरा, कुरनूल और कोलकाता समेत) में पॉजिटिव मामलों की संख्या भारत के औसत 4.4 फीसदी से दोगुनी है। इस प्रेजेंटेशन में एक बड़ी चिंता ये जताई गई है कि जिन 20 जिलों में संक्रमितों की संख्या सबसे ज्यादा है, उनमें से 9 क्रिटिकल हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर की कमी है।

कोविड इंडिया पोर्टल पर आंकड़े लगातार अपडेट करने के निर्देश
बता दें कि सोमवार से शुरू हुए तीसरे लॉकडाउन में देश के 130 जिलों को रेड जोन, 284 को ऑरेंज और 319 को ग्रीन जोन में रखा गया है। इसको लेकर कुछ राज्यों ने सवाल भी उठाए थे कि जोन निर्धारित करने में उनकी भी राय को अहमियत मिलनी चाहिए। इस पर केंद्र ने राज्यों से यह भी अनुरोध किया है कि आईसीएमआर के पोर्टल पर अगर कोई बेमेल आंकड़ें हैं तो उन्हें तुरंत हटा लें। साथ ही राज्यों से कहा गया है कि वह कोविड इंडिया पोर्टल पर मरीजों के आंकड़े, आउटकम आंकड़े (मौतों, स्वस्थ होने वाले) और हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर डेटा (आइसोलेशन बेड, ऑक्सीजन बेड, आईसीयू) को लगातार अपडेट करते रहें ताकि, जिलावार वर्गीकरण में आसानी रहे।

लगातार जागरुकता बढ़ाने पर जोर
इसके साथ ही केंद्र ने राज्यों से कहा है कि जहां मामले ज्यादा तेजी से बढ़ रहे हैं, वहां सोशल डिस्टेंसिंग, कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग और बाकी प्रोटोकॉल का कड़ाई से पालन किया जाए और यह सुनिश्चित किया जाए कि पीपीई किट्स और स्वास्थ्यकर्मियों के लिए प्रॉफिलैक्सि के साथ हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध रहे। साथ ही ऐसे इलाकों में जागरुकता बढ़ाने के भी तमाम कदम उठाए जाने चाहिए। बता दें कि सोमवार सुबह तक देश में कोरोना वायरस संक्रमण के कुल 42,533 मामले सामने आ चुके हैं, जिनमें से 11,707 लोग रिकवर हो चुके हैं, लेकिन 1,373 लोगों की मौत हो चुकी है।
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