Coromandel Express: दो नहीं तीन ट्रेनों की टक्कर से और भयानक हो गया हादसा, मृतकों की संख्या बढ़ने की आशंका
Coromandel Express ट्रेन बेपटरी होने के बाद एक और एक्सप्रेस ट्रेन बेपटरी हुई। बाद में मालगाड़ी भी बेपटरी हुए डिब्बों से टकराई। तीन ट्रेनों की टक्कर के कारण सैकड़ों यात्री घायल हुए हैं।
Coromandel Express हादसे के बाद ओडिशा के मुख्य सचिव ने बताया कि तीन ट्रेनों की टक्कर के कारण सैकड़ों यात्री प्रभावित हुए हैं। इससे पहले रेलवे प्रवक्ता अमिताभ शर्मा ने कोरोमंडल हादसे के बारे में बताया कि शुक्रवार शाम करीब 7 बजे, शालीमार-चेन्नई कोरोमंडल एक्सप्रेस के 10-12 डिब्बे बालेश्वर के पास पटरी से उतर गए।
ओडिशा ट्रेन दुर्घटना कितना भयावह है इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि दो यात्री ट्रेनों के अलावा मालगाड़ी भी टकराई है। अमिताभ शर्मा के अनुसार, डिरेल होने के बाद कोरोमंडल एक्सप्रेस के डिब्बे सामने वाली पटरी पर गिर गए।
उन्होंने बताया कि विपरीत दिशा वाले ट्रैक पर गिरे कोरोमंडल एक्सप्रेस के डिब्बों से दूसरी एक्सप्रेस ट्रेन टकराई, टक्कर होने के बाद ट्रेन का संतुलन बिगड़ा और उसके भी 3-4 डिब्बे पटरी से उतर गए।
हादसे का शिकार हुई दूसरी ट्रेन के बारे में अमिताभ शर्मा ने कहा, कोरोमंडल एक्सप्रेस के दुर्घटनाग्रस्त होने के कुछ समय बाद, यशवंतपुर से हावड़ा जाने वाली ट्रेन पटरी से उतरे कोरोमंडल के डिब्बों से टकरा गई।
#WATCH | Odisha Train accident: At around 7pm, 10-12 coaches of the Shalimar-Chennai Coromandel Express derailed near Baleswar and fell on the opposite track. After some time, another train from Yeswanthpur to Howrah dashed into those derailed coaches resulting in the derailment… pic.twitter.com/Fixk7RVfbq
— ANI (@ANI) June 2, 2023
ओडिशा के मुख्य सचिव ने भी बताया है कि राहत और बचाव कार्य में स्थानीय प्रशासन पूरी क्षमता से जुटा है। रेल मंत्री ने मृतकों के लिए 10 लाख रुपये और घायलों के लिए भी मुआवजे का ऐलान किया है।
दो ट्रेनों के 15 से अधिक बोगियों के बेपटरी होने का मतलब है कि अगर ट्रेन में क्षमता के अनुसार यात्रियों की संख्या का अनुमान लगाया जाए तो लगभग 1000 से 1300 यात्री सीधे तौर पर प्रभावित हुए हैं। बता दें कि रिजर्व कंपार्टमेंट में 72, जबकि जनरल में 90 सीटें होती हैं।
इसी आधार पर प्रभावित यात्रियों की अनुमानित संख्या लगभग 1300 है। 60 से अधिक एंबुलेंस, 600 से अधिक राहत और बचावकर्मी रेस्क्यू ऑपरेशन चला रहे हैं। अंधेरे के कारण राहत और बचाव कार्य में चुनौती का सामना करना पड़ रहा है।
बालासोर के चुनौतीपूर्ण हालात और दुर्घटना के शुरुआती मंजर देखने के बाद ऐसी आशंका है कि मृतकों और घायलों की संख्या बढ़ सकती है। खुद रेल मंत्री भी घटनास्थल पर रवाना हुए हैं।
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