'कैथोलिक क्रिश्चियन न होते तो तमिलनाडु बिहार बन जाता' स्पीकर के बयान पर विवाद शुरू
चेन्नई, 26 जुलाई: तमिलनाडु विधानसभा के अध्यक्ष और डीएमके नेता एम अप्पावु के महीने पर पुराने विवादास्पद बयान पर अब सियासी संग्राम छिड़ गया है। उन्होंने ना सिर्फ तमिलनाडु के विकास का श्रेय ईसाइयों को दिया था, बल्कि कहा था कि यदि कैथोलिक क्रिश्चियन नहीं होते तो तमिलनाडु भी बिहार बन जाता। लेकिन, उनका यह विवादित बयान सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद सियासत गर्मा गई है। बीजेपी ने इसके लिए डीएमकी पर निशाना साधा है और तमिलनाडु विधानसभा के स्पीकर की इस मुद्दे पर निंदा की है। हालांकि, स्पीकर का कहना है कि उनका बयान पूरा नहीं दिखाया जा रहा है और उन्होंने जो कुछ कहा है उससे पीछे नहीं हटना चाहते।
डीएमके
हिंदू
विरोधी
पार्टी
है-
भाजपा
तमिलनाडु
विधानसभा
के
स्पीकर
एम
अप्पावु
के
विवादास्पद
बयान
के
खिलाफ
प्रदेश
भाजपा
के
उपाध्यक्ष
और
प्रवक्ता
नारायणन
ने
सोशल
मीडिया
के
जरिए
उनपर
हमला
किया
है।
उन्होंने
कहा
है
कि,
'क्या
यही
डीएमके
की
धर्मनिरपेक्षता
है?
उन्होंने
खुद
को
धर्मनिरपेक्ष
पार्टी
कहलाने
का
हक
खो
दिया
है।
इससे
यह
साबित
हो
जाता
है
कि
डीएमके
एक
हिंदू
विरोधी
पार्टी
है।'
इसपर
राजनीति
नहीं
होनी
चाहिए-
स्पीकर
हालांकि,
विवाद
बढ़ता
देख
अप्पावु
ने
बीजेपी
पर
मामले
का
राजनीतिकरण
करने
का
आरोप
लगाते
हुए
उसकी
आलोचना
की
है।
उन्होंने
कहा,
'अगर
बीजेपी
मेरे
भाषण
का
प्रचार
कर
रही
है,
तो
ये
अच्छी
बात
है।
मैं
नहीं
कहूंगा
कि
मैंने
वह
नहीं
कहा
था।
हां,
मैंने
ऐसा
कहा
था।
लेकिन,सोशल
मीडिया
पर
एक
छोटा
सा
हिस्सा
फैलाया
जा
रहा
है।
मैंने
जो
भी
कहा
वह
इतिहास
है,
इसपर
कोई
राजनीति
नहीं
होनी
चाहिए।'
'...तो
तमिलनाडु
भी
बिहार
बन
जाता'
दरअसल,
पिछले
महीने
की
28
तारीख
को
स्पीकर
अप्पावु
तिरुचिरापल्ली
में
सेंट
पॉल
सेमनेरी
के
शताब्दी
समारोह
में
शामिल
होने
पहुंचे
थे।
वहां
पर
उन्होंने
कहा
था,
'अगर
क्रिश्चियन
फादर
और
सिस्टर
यहां
नहीं
होते,
तमिलनाडु
बिहार
जैसा
ही
होता।
कैथोलिक
फादर
और
सिस्टर
ने
मुझे
इस
पद
तक
पहुंचाने
में
मदद
की
है,
जहां
पर
मैं
आज
हूं।
तमिलनाडु
की
सरकार
आपकी
सरकार
है।
आपने
इस
आंदोलन
को
शुरू
किया
है।
आपकी
दुआओं
और
व्रत
से
यह
सरकार
बनी
है।
कैथोलिक
क्रिश्चियन
और
क्रिश्चियन
फादर
ही
सामाजिक
न्याय
और
द्रविड़
मॉडल
सरकार
के
मुख्य
कारण
हैं।'
'कैथोलिक
ईसाई
तमिलनाडु
के
विकास
के
मुख्य
कारण
हैं'
उनका
कहना
था,
'आपको
(कैथोलिक
क्रिश्चियन)
किसी
पर
निर्भर
रहने
की
आवश्यकता
नहीं
है।
आप
अपनी
सभी
समस्याओं
की
एक
सूची
बनाएं
और
उसे
सीधे
मुख्यमंत्री
को
दे
दें।
वे
किसी
चीज
से
मना
नहीं
करेंगे
और
हर
चीज
का
हल
निकालेंगे।
क्योंकि,
मुख्यमंत्री
जानते
हैं
कि
यह
सरकार
आप
ही
के
कारण
है।
यह
आपकी
सरकार
और
आपके
मुख्यमंत्री
हैं।
इसमें
मैं
आपके
साथ
हूं।
अगर
ईसाइयों
को
तमिलनाडु
से
हटा
दिया
जाए
तो
कोई
विकास
नहीं
होगा।
कैथोलिक
ईसाई
तमिलनाडु
के
विकास
के
मुख्य
कारण
हैं।
आज
का
तमिलनाडु
आपकी
बदौलत
है।'