जिस बच्चे की फोटो देख लोगों ने मदद के लिए दिए 57 लाख रुपए, अब हुआ बड़ा खुलासा
नई दिल्ली। दिल्ली में 37 साल के एक सफाईकर्मी अनिल की सीवर की सफाई करते वक्त मौत के बाद क्राउडफंडिंग के जरिए उसके परिवार की मदद के लिए लगभग 60 लाख रुपए इकट्ठा हो गए हैं। लेकिन अब इस मामले में नया मोड़ आ गआ है। बताया जा रहा है कि सोशल मीडिया पर जिस बच्चे की फोटो सोशल मीडिया पर वायरल हुई थी अनिल उसका जैविक पिता नहीं था। क्योंकि परिवार के लिए क्राउडफंडिंग अभियान चलाने वाली वेबसाइट केटो ने कहा है कि स्थानीय निवासियों ने पुष्टि की है कि बच्चे की मां रानी, अनिल के साथ लिव इन रिलेशनशिप में रह रही थी। पिछले तीन साल से अनिल ही दोनों की देखभाल करता था और रानी और उसका बच्चा आर्थिक रूप से भी अनिल पर ही निर्भर थे।
क्राउडफंडिंग के जरिए दो दिन में इकट्ठा हुए 57 लाख
एक एनजीओ की मदद से क्राउडफंडिंग अभियान चलाने वाली संस्था केटो ने बताया है कि सोशल मीडिया पर अनिल की डेड बॉडी के पास खड़े दुखी और रोत हुए बच्चे की फोटो को देखने के बाद घटना के मात्र दो दिन के भीतर ही 57 लाख रुपए की मदद डोनेशन के जरिए परिवार को मिली है। संस्था ने बताया है कि 3000 से अधिक लोगों परिवार की मदद के लिए आगे आएं हैं और पैसे जमा कराए हैं।
अब क्या होगा मदद में मिले पैसे का?
संस्था ने बताया है कि रानी की शादी भले ही अनिल से ना हुई हो और अनिल भले ही उस बच्चे का जैविक पिता नहीं था, इससे कोई फर्क नहीं पड़ने वाला है। संस्था ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले का हवाला देते हुए कहा है कि कोर्ट ने अपने एक फैसले में कहा था कि एक वयस्क जोड़े को शादी के बिना एक साथ रहने का अधिकार है। इसलिए अनिल ने कोई गलती नहीं की है और इसलिए संस्था उनके साथ है। इसलिए संस्था ने कहा है दान में मिले पैसे बच्चे और उसके भाई-बहनों के खाते में जमा किया जाएगा। वयस्क होने के बाद वो पैसे प्राप्त कर सकते हैं। लेकिन तब तक उस पैसे से मिलने वाले ब्याज से परिवार का खर्च और बच्चों की पढ़ाई लिखाई का ध्यान रखा जाएगा।
20 फीट गहरे सीवर में उतरने के बाद हुई मौत
रिपोर्ट के मुताबिक लगभग 20 फीट गहरे सीवर में उतरते समय उसके कमर में बधी रस्सी कमजोर थी और वो टूट गई और अनिल सीवर में गिर गया। जहां उसकी मौत हो गई। अनिल के पास कोई सुरक्षा उपकरण भी नहीं था कि वो खुद को बचा सके। अगर अनिल के पास सुरक्षा उपकरण होते तो शायद रस्सी टूटने और गिरने के बाद भी अनिल की जान बच जाती लेकिन ऐसा नहीं हुआ।
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