जम्मू और कश्मीर में आतंकी हमलों पर राहुल गांधी का ट्वीट, कहा- PDP और BJP के बीच मोदी जी 'दुविधा में'
नई दिल्ली। जम्मू और कश्मीर में लगातार हो रहे आतंकी हमलों पर कांग्रेस अध्यक्ष और अमेठी से सांसद राहुल गांधी ने टिप्पणी की है। राहुल ने ट्वीट कर, जम्मू और कश्मीर में भारतीय जनता पार्टी और जम्मू और कश्मीर पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) पर हमला बोला है। अपने ट्वीट में राहुल ने कहा है कि-'पीडीपी कहती है कि पाकिस्तान से 'बात' हो। बीजेपी की रक्षा मंत्री कहती हैं कि- पाकिस्तान को इसकी कीमत चुकानी पड़ेगी। जबकि हमारे सैनिक बीजेपी / पीडीपी के अवसरवादी गठबंधन और कश्मीर नीति की गैर-मौजूदगी के चलते अपना खून गंवा रहे हैं। मोदी जी दुविधा में है।'
क्या आप जानते हैं कि नोटबंदी का विचार कहाँ से आया?
वहीं कर्नाटक में एक कार्यक्रम के दौरान राहुल ने कहा कि क्या आप जानते हैं कि नोटबंदी का विचार कहाँ से आया था? यह आरबीआई का विचार नहीं था, अरुण जेटली का भी नहीं था, यह वित्त मंत्रालय के किसी अधिकारी का विचार नहीं था। यह आरएसएस का एक विशेष विचार था। आरएसएस एक विचार को प्रधानमंत्री के मन में डालती है और प्रधानमंत्री ने इस विचार को लॉन्च कर दिया। उन्होंने कहा कि भाजपा हिन्दुस्तान की संस्थाओं को कैप्चर करने की कोशिश कर रही है। संघ अपने लोगों को हर संस्था में डालने की कोशिश में है। मोहन भागवत का बयान तो आपने सुना ही होगा।
महबूबा मुफ्ती ने कहा था कि...
गौरतलब है कि 12 फरवरी को राज्य की विधानसभा में सीएम महबूबा मुफ्ती ने कहा था कि - पाकिस्तान से बातचीत होनी चाहिए। महबूबा ने सदन में तो बयान दिया ही इसके साथ ही ट्वीट भी किया था। अपने ट्वीट में मुफ्ती ने कहा था कि 'अगर हम खून खराबे को समाप्त करना चाहते हैं तो पाकिस्तान के साथ बातचीत करना जरूरी है। मुझे पता है कि आज रात एंकरों द्वारा मुझे राष्ट्र विरोधी का नाम दिया जाएगा लेकिन इससे कोई फर्क नहीं पड़ता। जम्मू-कश्मीर के लोग पीड़ित हैं हमें बात करना है क्योंकि युद्ध एक विकल्प नहीं है।'
हमारे जवान और नागरिक मारे जाते रहेंगे
मुफ्ती ने सदन में कहा कि हमने पाकिस्तान के खिलाफ सभी युद्ध लड़े और जीते, लेकिन अब भी आज बातचीत के अलावा कोई हल नहीं है, हमारे जवान और नागरिक मारे जाते रहेंगे। पता नहीं है कि कुछ मीडिया घरानों ने अटलजी को बुलाते अगर वो आज समय में लाहौर गए और बातचीत की होती। मुफ्ती ने कहा कि दुर्भाग्य से, कुछ मीडिया हाउसों ने एक वातावरण बनाया है कि यदि हम वार्ता के बारे में बात करते हैं (पाकिस्तान के साथ) तो हम पर राष्ट्र विरोधी का लेबल लगा दिया जाता है।