Congress President election:कांग्रेस के 416 अमान्य वोटों में थरूर और राहुल के लिए क्या गुप्त संदेश है
Congress President election result: कांग्रेस को 24 साल बाद अध्यक्ष के तौर पर सोनिया गांधी और उनके बेटे राहुल गांधी का विकल्प मिला है। हालांकि, मल्लिकार्जुन खड़गे अनकहे रूप से पार्टी की ओर से नामित सदस्य लग रहे थे, लेकिन फिर भी शशि थरूर को जितने वोट मिले हैं, वह मौजूदा कांग्रेसी परंपरा को देखते हुए खास मायने रखते हैं। वोटों की गिनती के दौरान चार सौ से ज्यादा वोट रद्द भी किए गए हैं। हैरानी की बात है कि उन रद्द किए वोटों के माध्यम थरूर ने कांग्रेसियों का दिल जीत लिया है। इन वोटों में राहुल गांधी के लिए भी खास संदेश छिपा हुआ नजर आ रहा है।
कांग्रेस के 416 अमान्य वोटों में छिपे हैं गुप्त संदेश
कांग्रेस अध्यक्ष के चुनाव के आए नतीजों में मल्लिकार्जुन खड़गे को बड़ी जीत मिली है। उन्हें 7,897 वोट मिले हैं, जबकि उनके मुकाबले चुनाव मैदान में उतरे कांग्रेस सांसद शशि थरूर को 1,072 वोट मिले हैं। कांग्रेस पार्टी की मौजूदा परिस्थितियों और उसपर गांधी-नेहरू परिवार के घोषित-अघोषित वर्चस्व को देखते हुए थरूर को जितने वोट मिले हैं, वह भी बड़ा सवाल पैदा करता है। लेकिन, यहां हम बात उन 416 अमान्य वोटों की कर रहे हैं, जिन्हें किसी ना किसी वजह से रद्द कर देना पड़ा है। अगर कांग्रेसियों की भावनाओं को समझने की कोशिश करें तो पार्टी के एक वर्ग के लिए इन अमान्य वोटों के माध्यम से बड़ा संदेश देने की कोशिश हुई है।
शशि थरूर ने कांग्रेस का 'दिल' जीत लिया
सबसे पहले शशि थरूर की बात करते हैं। थरूर ऐसे नेता हैं, जो किसी ना किसी वजह से सोशल मीडिया पर छाए रहते हैं। सोशल मीडिया पर कई बार उनके सियासी विरोधी भी उनके सर्मथक बन जाते हैं और कई बार उनकी पार्टी की विचारधारा को मानने वाले लोग भी उनका विरोध शुरू कर देते हैं। अब पता चल रहा है कि कांग्रेस अध्यक्ष के चुनाव में जो 416 वोट अमान्य ठहराए गए, उनमें एक बैलट पर उनके नाम के आगे 'दिल और तीर' का निशान लगाया गया था। इंडिया टुडे को थरूर कैंप के सूत्रों ने बताया है कि कम से कम एक बैलेट तो ऐसा जरूर था, जिसमें उनके चहेते नेता के सामने 'दिल और तीर' बना हुआ था। इससे पार्टी के अंदर के लोगों में भी उनके प्रति अलग तरीके की दीवानगी बयां होती है।
कुछ अमान्य बैलेट पर मिला राहुल गांधी का नाम
रिपोर्ट के मुताबिक एक और बैलेट मिला है, जिसमें मल्लिकार्जुन खड़गे के नाम के सामने स्वस्तिक बनाया गया है और थरूर के नाम के आगे टिक लगाया गया है। इसी आधार पर इस बैलेट को अमान्य करना पड़ा है। लेकिन, कांग्रेस अध्यक्ष के चुनाव में अमान्य करार दिए गए कई बैलेट पेपर पर राहुल गांधी का नाम लिखा गया है। जबकि, राहुल इस चुनाव में खड़े भी नहीं हुए थे। वह एक बार कांग्रेस अध्यक्ष बन भी चुके हैं, लेकिन उन्हें इसके लिए चुनाव लड़ने की आवश्यकता नहीं पड़ी थी। इसके बावजूद कांग्रेस के कुछ मतदाताओं ने राहुल गांधी का नाम लिखा है तो इसका अर्थ यही है कि कम से कम उनकी नजर में दोनों मौजूदा प्रत्याशी राहुल के मुकाबले कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए उपयुक्त नहीं हैं।
'कांग्रेस का असल रिवाइवल शुरू हो गया है'
बुधवार को वोटों की गिनती के बाद जब मल्लिकार्जुन खड़गे की कांग्रेस अध्यक्ष पद पर जीत की घोषणा कर दी गई तो शशि थरूर ने कहा था कि वह बदलाव के लिए चुनाव लड़े हैं, मतभेद के चलते नहीं। उन्होंने यह भी कहा कि पार्टी का असल रिवाइवल शुरू हो गया है। वो बोले कि 'यह एक व्यक्ति का मुद्दा नहीं है। मैं सिर्फ यही चाहता हूं कि पार्टी मजबूत हो। मजबूत भारत के लिए आपको मजबूत कांग्रेस की जरूरत है।' उन्होंने यह भी कहा कि खड़गे की जीत कांग्रेस की जीत है।
नतीजे से पहले ही राहुल ने कर दी घोषणा!
कांग्रेस अध्यक्ष का चुनाव परिणाम घोषित होने से पहले एक और दिलचस्प वाक्या हुआ। शायद राहुल गांधी को पहले से ही पता था कि खड़गे की जीत पक्की है। क्योंकि, वोटों की गिनती जारी ही थी, उसी दौरान आंध्र प्रदेश में संववाददाताओं से अपनी अगली भूमिका के बारे में उन्होंने कह दिया कि खड़गे जी से पूछिए। उन्होंने कहा, 'नए अध्यक्ष फैसला करेंगे कि मेरा रोल क्या होगा, खड़गे जी और सोनिया जी से पूछिए।' राहुल के इस बयान के काफी देर बाद चुनाव के नतीजे घोषित किए गए। उनके इस बयान से यह भी संकेत मिल रहा है कि चाहे खड़गे अध्यक्ष चुने गए हों, लेकिन गांधी परिवार की पार्टी में प्रभावी भूमिका पहले की तरह ही जारी रह सकती है।