Congress Letter Crisis: सिब्बल का छलका दर्द, कहा- आहत हूं आवाज उठाने वालों को 'जयचंद' और 'गद्दार' कहा गया
नई दिल्ली। कांग्रेस वर्किंग कमिटी में नेतृत्व को लेकर मचे घमासान पर पूर्व केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल ने एक बड़ा बयान दिया है, जिससे जाहिर होता है कि सिब्बल का गुस्सा और दर्द दोनों कम नहीं हुआ है। सिब्बल ने अंग्रेजी अखबार द इंडियन एक्सप्रेस को दिए इंटरव्यू में कहा कि जब कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक हो रही थी और हम पर पार्टी विरोधी काम करने का आरोप लग रहे थे,तब एक भी इंसान ऐसा नहीं था जिसने हमारे पक्ष में बयान दिया हो, हमें बीजेपी से मिली भगत वाला कह दिया गया।
Recommended Video
'आवाज उठाने वालों को जयचंद और गद्दार कहा गया'
बैठक में हमें हमें धोखेबाज कहा गया था और नेतृत्व सहित उस बैठक में शामिल किसी सदस्य ने भी उन्हें नहीं बताया कि यह कांग्रेस की भाषा नहीं है। उन्हें दुख है कि आवाज उठाने वालों को 'जयचंद' और 'गद्दार' कहा गया, उन्होंने कहा कि हमारा पत्र का प्रत्येक भाग बहुत सभ्य भाषा में लिखा गया था। पूरी मीटिंग में केवल पत्र के अंदर क्या लिखा गया उसकी चर्चा होनी चाहिए थी लेकिन पत्र पर चर्चा करने के बजाय पत्र लिखने वालों पर निशाना साधा गया, जो कि सही नहीं था।
हमारा इरादा किसी का अपमान करना नहीं था: सिब्बल
सिब्बल ने कहा कि हमेशा से ही कांग्रेस पार्टी भाजपा पर संविधान का पालन नहीं करने और लोकतंत्र की नींव को नष्ट करने का आरोप लगाती है। हम क्या चाहते हैं? हम अपने (पार्टी के) संविधान का पालन करना चाहते हैं। जो कुछ भी लेटर में कहा गया था, वो पार्टी को सुधारने के मकसद से कहा गया था, ना कि किसी व्यक्ति विशेष का अपमान करने के उद्देश्य से किया गया था।
'मेरा उद्देश्य गांधी परिवार को चुनौती देना नहीं था'
मालूम हो कि इससे पहले कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने भी मीडिया में बयान दिया था कि मैं बस पार्टी को और मजबूत करना चाहता हूं, मेरा उद्देश्य गांधी परिवार को चुनौती देना या निरादर करना नहीं है। मैं बस पार्टी को और मजबूत करना चाहता हूं। आजाद ने कहा कि चिट्ठी लिखने की वजह कांग्रेस की कार्यसमिति थी, जिसमें बदलाव को लेकर हमने चिट्ठी लिखी है। चिट्ठी संगठन को मजबूत बनाने के लिए लिखी गई़ है।
सिब्बल समेत 23 नेताओं ने लिखी चिठ्ठी, जिस पर मचा बवाल
गौरतलब है कि बीते सोमवार को CWC की बैठक काफी हंगामा हुआ था। सारा बवाल एक चिट्ठी को लेकर मचा। दरअसल गुलाम नबी आजाद, आनंद शर्मा, विवेक तन्खा और पूर्व केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल समेत 23 कांग्रेस नेताओं ने दो हफ्ते पहले चिट्ठी लिखकर कांग्रेस नेतृत्व पर कुछ सवाल उठाए हैं। जिसके बाद सोमवार को हुई कांग्रेस कार्य समिति की बैठक में राहुल गांधी ने चिठ्ठी लिखने वालों पर सवाल खड़े कर दिए।
कांग्रेस पार्टी में सबकुछ ठीक नहीं
पहले खबर आई कि राहुल गांधी ने पत्र को भाजपा से मिली भगत बताया है। जिसे लेकर गुलाम नबी आजाद और कपिल सिब्बल जैसे वरिष्ठ नेताओं ने विरोध जताया। आजाद ने जहां पार्टी में सभी पदों से इस्तीफे की पेशकश कर दी वहीं कपिल सिब्बल ने एक कदम आगे बढ़ते हुए ट्वीट कर दिया। बाद में सफाई दी गई कि राहुल गांधी ने ऐसा कुछ नहीं कहा है जिसके बाद दोनों नेताओं की नाराजगी शांत हुई। कपिल सिब्बल, गुलाम नबी आजाद और कुछ सीनियर नेताओं की कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक के बाद मुलाकात भी हुई थी लेकिन सिब्बल का बयान ये साबित करता है कि ये मामला शांत नहीं हुआ है।