वीरप्प मोइली ने खुद को G-23 से बताया अलग, कहा- कुछ कांग्रेस नेता कर रहे इस ग्रुप का दुरुपयोग
नई दिल्ली, 12 सितंबर: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एम वीरप्पा मोइली ने पार्टी में चल रही गुटबाजी पर सवाल उठाए हैं। रविवार को उन्होंने कहा कि कुछ नेताओं ने G-23 का दुरुपयोग किया। साथ ही उसका इस्तेमाल निहित स्वार्थ के लिए हो रहा, क्योंकि सोनिया गांधी के नेतृत्व में पार्टी में सुधार पहले से ही चल रहा था। उन्होंने चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर (पीके) के कांग्रेस में शामिल होने का समर्थन किया। साथ ही कहा कि जो लोग पीके का विरोध कर रहे थे, वो सुधार विरोधी हैं।
पीटीआई को दिए अपने इंटरव्यू में मोइली ने माना कि वो G-23 के सदस्य थे, लेकिन उनके जैसे कुछ नेताओं ने सिर्फ पार्टी के सुधार के लिए पत्र पर हस्ताक्षर किए थे। बाद में कुछ ने इस ग्रुप का दुरुपयोग किया। सोनिया गांधी ने जैसे ही पार्टी को अंदर से और जमीनी स्तर से सुधारने के बारे में सोचा, हमने G-23 के विचार को स्वीकार नहीं किया।
मोइली ने कहा कि अगर कुछ नेता ग्रुप G-23 के साथ बने रहते हैं, तो इसका मतलब है कि उनमें से कुछ के लिए कांग्रेस पार्टी के खिलाफ काम करने का निहित स्वार्थ है। जिसकी हम सदस्यता नहीं लेते बल्कि इसका विरोध करते हैं। कांग्रेस नेता ने ये माना कि ये ग्रुप अब कांग्रेस की विरासत को नुकसान पहुंचा रहा है। इस तरह के काम करने से विरोधियों को मदद मिलेगी।
मोइली के इस बयान को काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है, क्योंकि उन्होंने अब G-23 से दूरी बना ली है। इसके अलावा वो पार्टी हाईकमान के खिलाफ चुप हैं। हाल ही में ग्रुप के एक सदस्य जितिन प्रसाद बीजेपी में शामिल हो गए थे। वहीं पीके के कांग्रेस में शामिल होने की अटकलों के बारे में पूछे जाने पर मोइली ने कहा कि उनका मानना है कि वो कांग्रेस में शामिल हों और भीतर के सुधार को करें।
कांग्रेस छोड़ने के लिए भाजपा ने मुझे पैसे की पेशकश की थी: श्रीमंत पाटिल
हार
पर
कही
ये
बात
वहीं
पिछले
कई
विधानसभा
चुनावों
में
कांग्रेस
का
प्रदर्शन
अच्छा
नहीं
रहा।
इस
पर
उन्होंने
कहा
कि
हम
कभी-कभी
हार
सकते
हैं,
लेकिन
ये
नहीं
कहा
जा
सकता
कि
हम
हमेशा
के
लिए
हार
जाएंगे।
उदाहरण
के
लिए
1977
में
हम
हार
गए,
लेकिन
कुछ
ही
सालों
बाद
इंदिरा
जी
ने
तगड़ी
वापसी
की
थी।
ऐसे
में
सभी
को
मेहनत
करते
रहना
चाहिए।