
G-20 की अध्यक्षता पर बोले जयराम रमेश- कई देशों को ये मिली, लेकिन किसी ने हाई वोल्टेज ड्रामा नहीं किया

भारत को G-20 ग्रुप की अध्यक्षता मिल गई है, जिसको लेकर पीएम मोदी ने अपना एजेंडा भी साफ कर दिया। उन्होंने हाल ही में कई बैठकें की और अपने प्रोग्राम 'मन की बात' में भी इसका जिक्र किया। हालांकि पीएम मोदी की ये तैयारियां विपक्षी दलों को नहीं पसंद आ रहीं, ऐसे में वो बीजेपी और प्रधानमंत्री पर सवाल उठा रहे हैं। अब इस मुद्दे पर कांग्रेस नेता जयराम रमेश (Jairam Ramesh) के बयान से राजनीति गर्मा गई है।
जयराम रमेश ने ट्वीट कर लिखा कि G-20 की अध्यक्षता रोटेशनल है और वो सभी देशों को बारी-बारी जरूर मिलती है। हमसे पहले G-20 का अध्यक्ष अमेरिका, ब्रिटेन, कनाडा, दक्षिण कोरिया, फ्रांस, मैक्सिको, रूस, ऑस्ट्रेलिया, तुर्की, चीन, जर्मनी, अर्जेंटीना, जापान, सऊदी अरब, इटली और इंडोनेशिया रहा। इनमें से किसी भी देश ने हाई वोल्टेज ड्रामा नहीं किया जैसा कि भारत में एक साल के लिए G-20 का अध्यक्ष बनने पर किया जा रहा है। लालकृष्ण आडवाणी ने 5 अप्रैल 2014 को गांधीनगर में कहा था कि नरेंद्र मोदी एक शानदार इवेंट मैनेजर हैं, वो बात मुझे अच्छे से याद है। G-20 के चारों ओर बस इतना ही है।
समान नागरिक संहिता पर कही ये बात
वहीं एक अन्य बयान में जयराम रमेश ने कहा कि भारत में समान नागरिक संहिता की जरूरत नहीं है। 2018 में विधि आयोग ने केंद्र को एक रिपोर्ट भेजी थी, उसमें भी यही बात कही गई थी। बीजेपी चुनावी लाभ के लिए इन मुद्दों को उठाती है। वहीं भारत जोड़ो यात्रा पर उन्होंने कहा कि इस यात्रा में आरएसएस से जुड़े लोग शामिल हो रहे हैं। मोहन भागवत पर भी यात्रा का असर दिख रहा। आप देख सकते हैं कि वो किन-किन लोगों से मिल रहे और क्या-क्या कर रहे। कांग्रेस नेता के मुताबिक ये यात्रा पूरी तरह से सफल है। पहली बार ऐसा हुआ जब पूर्व सैनिक किसी राजनीतिक यात्रा में शामिल हुए हैं।