MP उपचुनाव: बड़ा मलहरा में दो साध्वियों की जंग, कांग्रेस की राम सिया के सामने उमा भारती की साख दांव पर
भोपाल। मध्य प्रदेश में हो रहे उपचुनाव में कांग्रेस ने भाजपा नेता उमा भारती को उनके ही गढ़ ही चुनौती दी है। कांग्रेस ने छतरपुर की बड़ा मलहरा सीट से साध्वी राम सिया भारती (Ram Siya Bharti) को अपना प्रत्याशी बनाया है। राम सिया भारती भाजपा प्रत्याशी प्रद्युम्न लोधी को टक्कर देंगी। प्रद्युम्न लोधी उमा भारती के करीबी हैं और उसी लोधी समाज से आते हैं जिससे पूर्व केंद्रीय मंत्री उमा भारती आती हैं।
दो साध्वियों बीच होगी जंग
कांग्रेस ने राम सिया भारती को बड़ा मलहरा सीट से उम्मीदवार बनाकर इसे दो साध्वियों की जंग बना दिया है। कांग्रेस प्रत्याशी राम सिया भारती भी उमा भारती की तरह ही साध्वी हैं और उसी तरह छोटे-मोट प्रवचन करती हैं। सबसे बड़ी बात राम सिया भारती भी उसी लोधी समाज से आती हैं जिससे उमा भारती आती हैं। राम सिया टीकमगढ़ जिले से आती हैं।
भाजपा नेता उमा भारती भी टीकमगढ़ से ही आती हैं। उमा भारती छतरपुर-टीकमगढ़ में जिले की एकमात्र नेता तो हैं ही, आस-पास यहां तक कि पड़ोसी प्रदेश उत्तर प्रदेश के इलाकों में भी लोधी समाज की बड़ी नेता हैं। राम सिया भारती को टिकट देकर सिर्फ न सिर्फ हिंदू वोटों को खींचना चाह रही है बल्कि लोधी समाज का एक नया नेता भी तैयार करना चाह रही है।
उमा भारती की साख दांव पर
उमा भारती के सामने चुनौती होगी कि वह न सिर्फ लोधी समाज के वोटों में बिखराव में रोंके बल्कि भाजपा प्रत्याशी की जीत भी सुनिश्चित करेंगे। उमा भारती की साख इसलिए भी दांव पर लगी होगी क्योंकि भाजपा प्रत्याशी प्रद्युम्न लोधी को उमा भारती का करीबी माना जाता है। उमा भारती के कहने पर ही प्रद्युम्न कांग्रेस की विधायकी छोड़कर भाजपा में आए हैं। इसलिए रामसिया का मुकाबला प्रद्युम्न से नहीं बल्कि उमा भारती से होगा।
बता दें कि जब उमा भारती को पार्टी से निकाला गया था तब उन्होंने राम रोटी यात्रा निकाली थी। उस समय उमा भारती की इस यात्रा के संयोजक सूत्र की जिम्मेदारी प्रद्युम्न लोधी के कंधे पर हुआ करती थी।
कौन हैं राम सिया भारती ?
राम सिया भारती टीकमगढ़ जिले के पलेरा ब्लॉक के अतरार गांव की रहने वाली हैं। उन्होंने बचपन में ही संन्यास की दीक्षा ले ली थी और वे प्रवचन करती रही हैं। 2018 के विधानसभा चुनाव में भी वे टिकट की दौड़ में थी लेकिन उन्हें उम्मीदवारी नहीं मिली थी लेकिन इस बार उन्हें कमलनाथ का भरोसा मिल गया है।
हालांकि राम सिया भारती के नाम का ऐलान होते ही कांग्रेस में बगावत के सुर भी उठने लगे हैं। कांग्रेस के आनंद सिंह ने पार्टी छोड़ने की घोषणा कर दी और चुनाव मैदान में जाने की बात भी कही। वहीं कुछ अन्य दावेदार भी पार्टी के फैसले से दुखी बताए जा रहे हैं। जीत-हार का फैसला तो 10 नवम्बर को मतगणना के बाद ही होगा लेकिन इस सीट पर दो साध्वियों के बीच की लड़ाई ने यहां मुकाबले को दिलचस्प बना दिया है।