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लोकसभा चुनाव 2019: कांग्रेस ने यूपी में 11 उम्मीदवारों पर दांव ताल ठोककर लगाया है

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नई दिल्ली: कांग्रेस ने गुरुवार की रात को आगामी लोकसभा चुनाव के लिए उत्तर प्रदेश में उम्मीदवारों की पहली लिस्ट जारी की। इस लिस्ट में 11 लोकसभा सीटों के लिए उम्मीदवार पार्टी ने घोषित किए हैं। कांग्रेस जानती है कि आने वाले चुनाव में उत्तर प्रदेश की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण होगी। इसलिए उसने 11 लोकसभा सीटों और उन पर लड़ने वाले उम्मीदवारों का ऐलान काफी सोच समझकर किया है। इन सीटों पर पार्टी ने ताल ठोककर उन उम्मीदवारों को टिकट दिया है, जिसकी अपेक्षा की जा रही थी। ये सभी सीटें कांग्रेस की यूपी में 'मिशन 30' का महत्वपूर्ण हिस्सा है।

कांग्रेस ने ताल ठोककर बांटे टिकट

कांग्रेस ने ताल ठोककर बांटे टिकट

कांग्रेस की इन लोकसभा सीटों में उम्मीदवारों की पसंद कोई बड़ा आश्चर्य पैदा नहीं करता है। पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी और यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी सहित सभी उम्मीदवार पूरी तरह से 'कोशिश और परीक्षण' लेबल में फिट बैठते हैं। इस लिस्ट में से अधिकतर नेताओं ने साल 2009 का आम चुनाव जीता था। साल 2009 में कांग्रेस ने शानदार प्रदर्शन करते हुए 22 सीटें जीती थी।

प्रियकां गांधी के रायबरेली से लड़ने की अटकले हुई खत्म

प्रियकां गांधी के रायबरेली से लड़ने की अटकले हुई खत्म

पहले ऐसे अटकलें लगाई जा रही थीं कि आने वाले लोकसभा चुनाव में प्रियंका गांधी रायबरेली सीट से चुनाव लड़ सकती हैं। सोनिया गांधी के नाम के ऐलान के साथ ही ये अटकलें खारिज हो गई हैं। अब ये निश्चित है कि प्रियंका का फोकस चुनाव लड़ने की जगह पूरी तरह संगठन को मजबूत करना होगा। जैसे की कयास थे कि राहुल गांधी अमेठी से दोबारा चुनाव लड़ेंगे। उस पर मुहर लग गई है। कांग्रेस ने युवा ब्राह्मण चेहरे जितिन प्रसाद एक बार से फिर से धौराहा लोकसभा सीट पर किस्मत आजमाएंगे। साल 2009 में उन्होंने वहां से चुनाव जीता था लेकिन 2014 में उन्हें इस सीट से मात मिली।

2009 में जीते चेहरों पर लगाया दाव

2009 में जीते चेहरों पर लगाया दाव

कांग्रेस ने आरपीएन सिंह को कुशीनगर, अनु टंडन को उन्नाव, सलमान खुर्शीद को फर्रुखाबाद और निर्मल खत्री को फैजाबाद सीट से मैदान में उतारा है। इन सबने 2009 में लोकसभा चुनाव में जीत दर्ज की थी पर साल 2014 में ये सभी हार गए थे। पश्चिमी यूपी में कांग्रेस ने दो बड़े चेहरों को मैदान में उतारा है। इमरान मसूद को सहारनपुर और सलीम शेरवानी को बदांयू से टिकट दिया गया है। सलीम शेरवानी सांसद रह चुके हैं जबकि साल 2014 के चुनाव में इमरान मसूद दूसरे नंबर पर रहे थे। मसूद को सहारनपुर सीट पर साल 2014 में चार लाख से अधिक वोट मिले थे। वो भाजपा से 70000 वोटों के अंतर से हारे थे। वहीं बदांयू सीट कांग्रेस के लिए आसान नहीं है। वहां उसे समाजवादी पार्टी से सीधी टक्कर मिलेगी। इस सीट का प्रतिनिधित्व अखिलेश यादव के चचेरे भाई धर्मेंद्र यादव करते हैं। साल 2014 में समाजवादी पार्टी ने जो पांच सीटें जीती थी, उनमें एक ये भी है।

पश्चिमी यूपी में मुस्लिम उम्मीदवारों को दिया टिकट

पश्चिमी यूपी में मुस्लिम उम्मीदवारों को दिया टिकट

कांग्रेस ने पश्चिमी यूपी के लिए पहली लिस्ट जारी की है, उसमें दो मुस्लिमों को उम्मीदवार बनाया है। इसके जरिए संवदेशील क्षेत्र में उन्होंने अल्पसंख्यकों को संदेश देने की कोशिश की है। एसपी-बीएएसपी-आरएलडी गठबंधन के लिए भी चिंता का विषय है। सूत्रों के अनुसार भीम आर्मी इस क्षेत्र में कांग्रेस को फायदा पहुंचाने का महत्वपूर्ण कारक हो सकती है। हालांकि भीम आर्मी के चेहरे और प्रमुख चंद्रशेखर बसपा प्रमुख मायावती के साथ खड़े होने की बात करते हैं। वहीं इमरान मसूद को इस क्षेत्र में उनके सबसे बड़े राजनीतिक सहयोगी के रूप में देखा जाता है।

बुंदेलखंड मे मोदी लहर के बावजूद एक लाख वोट का अंतर

बुंदेलखंड मे मोदी लहर के बावजूद एक लाख वोट का अंतर

बुंदेलखंड क्षेत्र में साल 2014 के लोकसभा चुनाव में अकबरपुर और जालौन सीट में मोदी लहर के बावजूद कांग्रेस के उम्मीदवार राजा राम पाल और एक बृज लाल एक लाख वोटों के अंतर से हारे थे। पार्टी ने इन दोनों पर फिर से दांव लगाया है। इस समय कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी किसानों के बुरे हालात पर जोर दे रहे हैं और बड़े पैमाने पर किसानों के लोन माफ करने का वादा कर रहे हैं। पार्टी को उम्मीद है कि वो बुंदेलखंड में साल 2009 की स्थिति में लौट आएगी। 2009 में यूपीए के पहले कार्यकाल में किसानों के लोन वापस करने के बाद पार्टी ने बुंदेलखंड में वापसी की थी। कांग्रेस के मिशन 30 में से जिन 11 सीटों पर उम्मीदवारों का ऐलान हुआ है वहां पार्टी ने साल 2014 के आम चुनाव में सम्माजनक वोट पाए थे। जबकि राज्य में उसका प्रदर्शन सबसे खराब था। यहां पार्टी को एक लाख से चार लाख तक वोट मिले थे।

सपा-बसपा गठबंधन में जगह मिलने की उम्मीद कम।

सपा-बसपा गठबंधन में जगह मिलने की उम्मीद कम।

सपा-बसपा गठबंधन में जगह मिलने की उम्मीद अब कम हैं। ऐसे में पार्टी को अपने मिशन 30 की बची शेष सीटों पर अपने उम्मीदवारों की घोषणा जल्द करने की उम्मीद है। इसमें कानपुर, लखनऊ, लखीमपुर, बाराबंकी, बहराइच, गोंडा, गाज़ियाबाद, रामपुर, आंवला, बरेली, प्रतापगढ़, झांसी, हमीरपुर सहित अन्य सीटें हैं। सूत्रों का कहना है कि इन 30 प्राथमिकता वाली सीटों के अलावा पार्टी का राज्य में लगभग 60-65 सीटों पर चुनाव लड़ने का इरादा है। बाकी सीटें छोटे-छोटे सहयोगियों के लिए रखी जाएंगी।

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English summary
Congress announced eleven candidates from Uttar Pradesh after Tried and Tested
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