नागालैंड से अफस्पा हटाने को लेकर गठित की जाएगी कमेटी- अमित शाह की बैठक में हुआ फैसला
गृह मंत्री अमित शाह ने 23 दिसंबर को नागालैंड के मौजूदा हालात पर चर्चा के लिए बैठक की। इस बैठक में नागालैंड के मुख्यमंत्री, असम के मुख्यमंत्री व अन्य नेता व अधिकारी शामिल हुए।
कोहिमा, 26 दिसंबर। गृह मंत्री अमित शाह ने 23 दिसंबर को नागालैंड के मौजूदा हालात पर चर्चा के लिए बैठक की। इस बैठक में नागालैंड के मुख्यमंत्री, असम के मुख्यमंत्री व अन्य नेता व अधिकारी शामिल हुए। बैठक में निर्णय लिया गया कि नागालैंड में अफस्पा को वापस लेने की जांच के लिए एक समिति गठित की जाएगी। बैठक के बाद नागालैंड सरकार ने कहा कि राज्य से अफस्पा हटाया जाए या नहीं, इसकी जांच के लिए एक कमेटी गठित की जाएगी और वर्तमान परिस्थियों को देखते हुए वहीं इस विषय पर फैसला लेगी।
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45
दिन
में
अपनी
रिपोर्ट
सौंपेगी
कमेटी
नागालैंड
के
हालातों
का
जायजा
लेकर
यह
कमेटी
45
दिन
में
सरकार
को
अपनी
रिपोर्ट
सौंपेगी
और
कमेटी
की
शिफारिशों
के
आधा
पर
ही
सरकार
अपस्पा
को
हटाने
को
लेकर
फैसला
लेगी।
राज्य सरकार ने ओटिंग की घटना को लेकर कहा कि बैठक में ओटिंग की घटना को लेकर चर्चा हुई। घटना में सीधे तौर पर शामिल सैन्य इकाई और सैन्य कर्मियों के खिलाफ कोर्ट ऑफ इंक्वायरी द्वारा अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरू की जाएगी, और दोषियों के खिलाफ तत्काल कार्रवाई की जाएगी।
ओटिंग
की
घटना
में
मारे
गए
लोगों
के
परिजनों
को
मिलेगी
नौकरी
राज्य
सरकार
ने
कहा
कि
ओटिंग
की
घटना
में
मारे
गए
लोगों
के
परिजनों
को
सरकारी
नौकरी
दी
जाएगी।
इस
प्रक्रिया
को
शुरू
करने
के
लिए
मोन
जिले
के
उपायुक्त
एवं
पुलिस
अधीक्षक
संबंधित
ग्राम
पंचायतों
के
साथ
मिलकर
आवश्यक
कार्यवाही
करेंगे
तथा
अनुकम्पा
के
आधार
पर
सरकारी
नौकरी
दी
जायेगी।
बैठक
के
दौरान
नागालैंड
प्रतिनिधिमंडल
ने
मोन
जिले
से
असम
राइफल्स
की
इकाई
को
तत्काल
प्रभाव
से
बदलने
का
भी
आग्रह
किया।
यह भी पढ़ें: कासगंज में बोले अमित शाह: बुआ-बबुआ ने यूपी को जमकर लूटा, जबकि योगी सरकार में केवल विकास हुआ
क्या है AFSPA
भारतीय सुरक्षा बलों को नागा सशस्त्र विद्रोह से निपटने के लिए विशेष शक्तियां देने के लिए 1958 में संसद द्वारा AFSPA अधिनियमित किया गया था। बता दें कि जिन इलाकों में अफस्पा लागू है वहां, यह बिना वारंट के लोगों को हिरासत में लेने और उन्हें गिरफ्तार करने की आजादी देता है।
बता दें कि मोन जिले के ओटिंग-तिरू गांव में 4 दिसंबर को भारतीय सेना की 21 पैरा स्पेशल फोर्सेज ने अंधाधुंध फायरिंग की, जिसमें 13 निर्दोष लोगों की मौत हो गई, इसके अलावा 5 दिसंबर को भी एक निर्दोष व्यक्ति की हत्या कर दी गई और 35 लोग घायल हुए। इस संबंध में, नागालैंड विधानसभा ने 20 दिसंबर को अफ्सपा के खिलाफ एक प्रस्ताव पारित किया। पिछले 6 सालों से भी कम समय में यह तीसरी बार है जब नागालैंड विधानसभा ने अफस्पा के विरोध में बिल पास किया है।