'... तो इसलिए दो बार इस्तीफा देने वाले थे सीएम उद्धव ठाकरे, बीच में शरद पवार आ गए'
नई दिल्ली, 27 जून। महाराष्ट्र में चल रहे राजनीतिक संकट के बीच अब शिवसेना के बागी गुट ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है। डिप्टी स्पीकर की ओर से जारी अयोग्यता नोटिस और अजय चौधरी को विधायक दल का नेता बनाए जाने को चुनौती देते हुए दो याचिकाएं दाखिल की गई हैं। सुप्रीम कोर्ट उनकी याचिका पर जल्द सुनवाई कर सकता है। वहीं अब ये कहा जा रहा है कि जब उद्धव ने सोशल मीडिया अपना संबोधन दिया था तो वो उसी वक्त इस्तीफा देना चाहते थे।
राजनीतिक संकट से जुझ रहे राज्य महाराष्ट्र में महाविकास अघाड़ी सरकार का कभी भी फ्लोर टेस्ट संभव है। अपने ही बागी विधायकों के आरोपों का समना कर रही एमवीए सरकार लगातार घिरती जा रही है। वहीं जोड़तोड़ की राजनीति में जुटे शिंदे ग्रुप का पलड़ा भारी होता जा रही है। इस बीच शिवसेना के कई कार्यकर्ता महाराष्ट्र और दिल्ली में पार्टी के विद्रोहियों के खिलाफ सड़कों दिखे। वहीं दूसरी ओर शिवसेना और बागी गुट के बीच तीखे आरोप प्रत्यारोपों का दौर भी चल रहा है।
बागी विधायकों से घिरी महाविकास अघाड़ी सरकार के मुखिया को लेकर अब अलग एक दावा किया जा रहा है। सूत्रों की मानें तो यह कहा जा रहा है कि सीएम उद्धव ठाकरे इससे पहले कब का इस्तीफा दे चुके होते अगर बीच में शरद पवार ना आते। बताया जा रहा है कि सीएम ठाकरे दो बार इस्तीफा देना चाहते थे, लेकिन शरद पवार ने उन्हें रोक लिया था।
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अपने
ही
पाले
में
घिरी
शिवसेना
तो
क्या
करें
ठाकरें?
सीएम
उद्धव
ठाकरे
शिवसेना
में
बगावत
के
बाद
पार्टी
कार्यकर्ताओं
से
भावुक
अपील
कर
चुके
हैं।
उन्होंने
सीएम
आवास
पहले
ही
खाली
कर
दिया
है।
वहीं
दूसरी
ओर
सोमवार
को
सुप्रीम
कोर्ट
ने
विधायकों
की
अयोग्यता
के
डिप्टी
स्पीकर
के
फैसले
को
11
जुलाई
तक
रोक
दिया
है.
आदेश
पर
शिवसेना
सांसद
संजय
राउत
ने
कहा
कि
हमारे
लिए
सुप्रीम
कोर्ट
भगवान
है,
लेकिन
महाराष्ट्र
में
जनता
की
भावनाएं
अलग
हैं।
वहीं
सुप्रीम
कोर्ट
में
शिंदे
गुट
ने
दावा
किया
कि
उनके
साथ
39
विधायक
हैं।
ऐसे
में
महाराष्ट्र
सरकार
अल्पमत
में
है।
जिस
तरह
की
उथल
पुथल
महाराष्ट्र
में
चल
रही
है
उसमें
एमवीए
सरकार
का
अस्तित्व
के
विषय
में
कुछ
कहा
अभी
जलबाजी
होगी
लेकिन
उससे
निर्विवादित
रूप
से
उद्धव
ठाकरे
निकलना
चाहते
हैं
ये
तय
है।
सीएम
के
इस्तीफे
की
ये
बातें
शायद
इसी
ओर
से
इशारा
करती
हैं।