किसानों के समर्थन में सोमवार को उपवास रखेंगे सीएम केजरीवाल, पूरे देश से भी की यही अपील
नई दिल्ली। केंद्र सरकार और किसानों के बीच कृषि कानूनों को लेकर कोई मध्यस्थता होती नजर नहीं आ रही है। किसनों संगठन केंद्र सरकार के सभी प्रस्तावों को ठुकराते हुए कृषि कानूनों को रद्द किए जाने की मांग पर अड़े हुए हैं। इस बीच दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने किसानों के सपोर्ट में सोमवार यानी 14 दिसंबर को एक दिन का उपवास (व्रत) रखने का ऐलान किया है, उन्होंने पूरे देश से भी अपील की सभी कल उपवास रखें। रविवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान सीएम केजरीवाल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह को अंहकार छोड़ किसानों की बात सुनने की सलाह दी है।
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गौरतलब है कि संसद के मानसून सत्र से पास होने के बाद कानून बने कृषि बिलों के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर पिछले दो सप्ताह से भी अधिक समय से हजारों किसान शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। इस बीच कई राजनीतिक दलों ने भी किसानों की मांगो का समर्थन करते हुए केंद्र सरकार पर निशाना साधा है। दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल भी कई मौकों पर किसान प्रोटेस्ट का समर्थन कर चुके हैं और पिछले सप्ताह वह किसानों से मिलने सिंधु बॉर्डर भी गए थे।
I appeal to AAP workers & supporters and the public to observe one-day fast tomorrow in support of farmers. I will also fast tomorrow: Delhi CM and Aam Aadmi Party leader Arvind Kejriwal pic.twitter.com/LstrQ7UMg4
— ANI (@ANI) December 13, 2020
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रविवार को एक बार फिर सीएम केजरीवाल ने किसानों के समर्थन में बड़ी घोषणा की है। उन्होंने कहा, 'किसानों ने कल (सोमवार) एक दिन के उपवास का ऐलान किया है। उन्होंने अपील की है देश की जनता से कि किसानों के समर्थन में सब लोग एक दिन का उपवास रखें। मैं भी कल उनके साथ एक दिन का उपवास रखूंगा। मैं आम आदमी पार्टी के सभी कार्यकर्ताओं और समर्थकों से अपील करता हूं कि वो भी किसानों की इन मांगों के समर्थन में उपवास रखें। ऐसे सभी लोग जो दिल से किसानों के साथ हैं पर अपनी व्यस्तता के कारण बॉर्डर पर नहीं जा पाए, उनको अब मौका मिला है। वो भी एक दिन का उपवास ज़रूर रखें।'
सीएम केजरीवाल ने भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और सत्ता पक्ष पर निशाना साधते हुए कहा, 'मुझे याद है अपने और अन्ना हजारे जी के आंदोलन के समय, जब हम भी रामलीला मैदान में आंदोलन के लिए बैठे थे तो तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने भी हम पर तरह-तरह के इल्जाम लगाए थे। जिस तरह से हमारे आंदोलन को उन दिनों में कांग्रेस के द्वारा बदनाम करने की कोशिश की जा रही थी। आज वही कोशिश किसानों के आंदोलन को बदनाम करने के लिए भाजपा और सत्ता पक्ष कर रहा है।'