RSS प्रमुख मोहन भागवत बोले- जो भी देश में होता है उसके लिए यहां के नागरिक जिम्मेदार ना कि ब्रिटिशर्स
नई दिल्ली। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत ने गुरुवार को एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि संविधान पेश करते समय डॉक्टर अंबेडकर ने अपने दो भाषणों में कहा था कि जो कुछ भी हमारे देश में होता है, उसके लिए देश के नागरिक जिम्मेदार हैं। अब अंग्रेजों पर और दोष नहीं लगाया जा सकता है। अब हमारे देश का जो होगा, उसके लिए हम जिम्मेदार हैं क्योंकि अब हमारा देश हमारे हाथों में है।
'नव-उत्सव 2020' कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि संविधान प्रदान करते समय डॉक्टर अंबेडकर ने जिन बातों का जिक्र किया था, वो यही हैं। अब हमारा देश स्वतंत्र है और हमें अपने देश की रक्षा करनी है। भागवत ने कहा कि कुछ रह गया, उल्टा सीधा हुआ तो अंग्रेजों को दोष नहीं दे सकते हैं। अनुशासन और सामाजिक अनुशासन समाज की भलाई के लिए जरूरी हैं। हमें देशभक्ति के साथ-साथ सामाजिक अनुशासन बनाए रखना होगा, इसी को लेकर स्वतंत्रता से पूर्व हमें भगिनी निवेदिता ने भी सचेत किया था।
उन्होंने अपने भाषण में भगिनी निवेदिता का जिक्र करते हुए कहा, 'इसके बारे में स्वतंत्रता से पूर्व भगिनी निवेदिता ने हम सभी लोगों को सचेत किया था, कि देशभक्ति की दैनिक जीवन में अभिव्यक्ति नागरिकता के अनुशासन को पालन करने की होती है।' नागपुर में चल रहे नव-उत्सव 2020 कार्यक्रम में सामाजिक अनुशासन पर जोर देते हुए आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने कहा, 'हम अब स्वतंत्र हो गए हैं। आज अपने देश में अपना राज है। राज्य की स्वतंत्रता टिकी रहे और राज्य सुचारू रूप से चलता रहे इसके लिए सामाजिक और नागरिक अनुशासन बेहद आवश्यक है।'
उन्होंने कहा कि हमें संपूर्ण समाज को एकजुट करने की आवश्यकता है और एक ऐसे भारत का निर्माण करना है जो दुनिया को मानवता प्रदान करे। बता दें डॉक्टर अंबेडकर संविधान निर्माता थे, जिन्हें 1990 में भारत रत्न से भी नवाजा गया था।
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