ईसाई धर्म के याचिकार्ता ने आधार बनवाने से किया इनकार, SC में दायर याचिका
नई दिल्ली। आधार कार्ड को धार्मिक स्वतंत्रता के लिए खतरा बताते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई है। याचिकाकर्ता ने कहा है कि 12 नंबर का आधार उनके मौलिक धार्मिक स्वतंत्रता के अधिकार का हनन है, लिहाजा वह आधार के लिए आवेदन नहीं कर सकते हैं। यह याचिका जॉन अब्राहम की ओर से दायर की गई है, उनकी ओर से कोर्ट में पेश हुए वरिष्ठ वकील संजय हेगड़े ने कहा कि याचिकाकर्ता और उनका परिवार ईसाई धर्म को मानने वाला है और वह चाहता है कि उसे इस योजना से छूट दी जाए क्योंकि यह संवैधानिक अधिकार का हनन करता है।
याचिकाकर्ता ने 66 पवित्र किताबों का हवाला देते हुए कहा है कि यह किताबें यह साफ तौर पर कहती हैं कि उन्हें गैर ईसाई परंपरा का पालन नहीं करना चाहिए। इस मामले की सुनवाई कर रहे सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा ने कहा कि हम धार्मिक मुद्दों में हस्तक्षेप नहीं करेंगे। इस मामले में याचिकाकर्ता के वकील हेगडे ने कोर्ट में कहा कि अब्राहम के बच्चे का मुंबई के सेंट जेवियर्स कॉलेज में आधार कार्ड नहीं होने की वजह से दाखिला नहीं किया गया।
अपनी याचिका में अब्राहम ने कहा है कि वह सभी ईसाई धर्म के लोगों के लिए नहीं बोल रहे हैं और ना ही वह चाहते हैं कि इस याचिका को सभी ईसाई धर्म के लोगों के तौर पर देखा जाए। अब्राहम ने कहा कि मेरा खुद का विवेक इस बात की इजाजत नहीं देता है, उनका खुद का अध्ययन उन्हे इस बात की इजाजत नहीं देता है कि वह आधार कार्ड के लिए आवेदन किया जाए। याचिकाकर्ता की याचिका पर जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि क्या आप यह कह सकते हैं कि आपका विवेक कर नहीं देने को कहता है। जस्टिस चंद्रचूड़ सिंह के इस सवाल का हेगडे ने कोई जवाब नहीं दिया। आपको बता दें कि इस याचिका की सुनवाई 5 जज कर रहे हैं।
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