Xiaomi India:चाइनीज स्मार्टफोन कंपनी ने की 653 करोड़ रु की टैक्स चोरी, वसूली नोटिस जारी
नई दिल्ली, 5 जनवरी: भारत में एमआई ब्रांड नाम से मोबाइल हैंडसेट बेचने वाली चाइनीज कंपनी शाओनी इंडिया बहुत बड़ी कर चोरी में फंस गई है। उसपर नियमों को ताक पर रखकर 653 करोड़ रुपये की कर चोरी करने का आरोप लगा है। राजस्व सतर्कता निदेशालय (डीआरआई ने) चाइनीज स्मार्टफोन कंपनी शाओमी इंडिया के खिलाफ 653 करोड़ रुपये के सीमा चोरी का मामला पकड़ा है। डीआरआई ने मोबाइल बनाने वाली चाइनीज कंपनी को तीन कारण बताओ नोटिस जारी करके सीमा शुल्क चुकता करने को कहा है। शाओमी इंडिया ने 1 अप्रैल,2017 से 30 जून, 2020 तक यह सीमा शुल्क नहीं चुकाया है। डीआरआई के आधिकारिक बयान के मुताबिक उसे कस्टम ऐक्ट, 1962 के तहत रिकवरी नोटिस थमाया गया है।
शाओमी इंडिया के ठिकानों पर छापेमारी में मिले सबूत
पीआईबी की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि 'खुफिया सूचना के मुताबिक मेसर्स शाओमी टेक्नोलॉजी इंडिया प्राइवेट लिमिटेड (शाओमी इंडिया) अंडरवैल्युएशन के जरिए सीमा शुल्क चोरी कर रही थी। शाओमी इंडिया और इसके अनुबंध निर्माताओं के खिलाफ राजस्व सतर्कता निदेशालय ने ये जांच शुरू करवाई थी।' डीआरआई की ओर से करवाई गई जांच के दौरान शाओमी इंडिया के ठिकानों छापेमारी की गई और इस संबंध में कई अहम दस्तावेज जुटाए गए। इस कार्रवाई के दौरान अमेरिकी कंपनी क्वॉलकॉम और चीन की बीजिंग स्थित शाओमी मोबाइल सॉफ्टवेयर कंपनी लिमिटेड को अनुंबध के दायित्वों के तहत रॉयल्टी और लाइसेंस शुल्क दिए जाने के बारे में पता चला। इसमें कहा गया है कि 'शाओमी इंडिया के प्रमुख लोगों और इसके अनुबंधित निर्माताओं के बयान भी दर्ज किए गए। इस दौरान शाओमी इंडिया के एक डायरेक्टर ने इन भुगतानों की पुष्टि भी की।'
चाइनीज कंपनी कर रही थी बड़ी हेरा-फेरी
जांच के दौरान यह भी पता चला कि शाओमी इंडिया ने अमेरिकी कंपनी क्वॉलकॉम और चीन की बीजिंग स्थित शाओमी मोबाइल सॉफ्टवेयर कंपनी लिमिटेड को जो रॉयल्टी और लाइसेंस फीस का भुगतान किया, उसे कंपनी और उसके अनुबंधितनिर्माताओं की ओर से आयातित सामानों के ट्रांजैक्शन वैल्यू में नहीं जोड़ा जा रहा था। डीआरआई की जांच में यह बात भी सामने आई है कि शाओमी इंडिया एमआई ब्रांड के नाम से जो मोबाइल फोन बेचती है, वह मोबाइल फोन या तो शाओमी इंडिया आयात करके लाती है या इसके अनुबंधित निर्माताओं की ओर से पार्ट और बाकी कंपोनेंट आयात करके भारत में उस हैंडसेट को असेंबल किया जाता है।
कई धाराओं में शाओमी इंडिया को नोटिस
यही नहीं अनुबंध करार के तहत अनुबंधित निर्माताओं की ओर से निर्मित एमआई ब्रांड के मोबाइल फोन भी केवल शाओमी इंडिया ही बेचती है। डीआरआई ने जो सबूत जुटाए हैं, उसमें यह बात सामने आई है कि न तो शाओमी इंडिया और ना ही इसके कॉन्ट्रैक्ट मैन्युफैक्चरर आयातित सामानों की कीमत में शाओमी इंडिया की ओर से चुकाई गई रॉयल्टी को शामिल करती थी, जो कि कस्टम ऐक्ट, 1962 के सेक्शन 14 और कस्टम वैल्युएशन (आयातित सामानों की कीमत का निर्धारण) रूल्स 2007 का उल्लंघन है। बयान में साफ कहा गया है कि रॉयल्टी और लाइसेंस फीस ट्रांजैक्शन वैल्यू में शामिल नहीं करके शाओमी इंडिया सीमा शुल्क की चोरी कर रही थी।