चीन की नई चाल: सिक्किम में टकराव के बीच जारी किया नया नक्शा
चीन की ओर से जारी किए गए नक्शे में कहा गया है कि भारतीय सेना ने डोका-ला पास के पास सीमा को पार किया है। इसके अलावा डोकलम पठार को भारत और भूटान दोनों ही भूटानी क्षेत्र मानते हैं।
नई दिल्ली। भारत और चीन के बीच रिश्तों में दूरी का दौर जारी है। सिक्किम के सीमावर्ती इलाकों में तनाव देखा जा रहा है। इस बीच चीन ने नई चाल चलते हुए भारत पर दबाव बनाने की कोशिश की है। चीन ने नया नक्शा जारी करते हुए उस जमीन पर दावा किया है जिसको लेकर विवाद चल रहा है। चीन ने इसके साथ-साथ भारत-चीन-भूटान त्रिकोणीय जंक्शन पर भी अपना दावा ठोंक दिया है।
सीमा पर तनाव के बीच चीन का नया दांव
चीन की ओर से जारी किए गए नक्शे में कहा गया है कि भारतीय सेना ने डोका-ला पास के पास सीमा को पार किया है। इसके अलावा डोकलम पठार को भारत और भूटान दोनों ही भूटानी क्षेत्र मानते हैं। हालांकि चीन इस पर अपना दावा जताता रहा है। इंडिया टुडे में छपी खबर के मुताबिक चीन ने शुक्रवार को ये नक्शा जारी किया है जिसमें भारत और भूटान के बीच सीमावर्ती इलाकों पर अपना दावा जताया है। चीन ने नक्शे में नीले रंग के तीर से उस इलाके को दर्शाया है और दावा किया कि ये 1890 में ब्रिटिश-चीन संधि तहत आती है।
पूरा विवाद उस समय शुरू हुआ जब सिक्किम के डोंगलोंग में चीन की ओर से सड़क बनाने की कोशिश की गई लेकिन भारतीय सेना के जवानों ने चीन के इस कदम का विरोध किया। इस बीच चीन की ओर से भारत के दो बंकरों को तोड़ दिया गया। बता दें कि भारत और चीन के बीच सीमा विवाद कोई नया नहीं है। इस बार चीन का रवैया भारत को लेकर इसलिए नाराजगी भरा है क्योंकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अभी अमेरिका के दौरे से लौटे हैं। वहां पीएम मोदी की ट्रंप से खास मुलाकात हुई। इसके बाद चीनी मीडिया ने भारत पर निशाना साधा था। इसके बाद सिक्किम में चीन की ओर से सीमा पर तनातनी की खबरें आई। वहीं अब चीन की ओर से भारत पर गुप्त एजेंडा चलाने का आरोप लगाया है। चीन के विदेश मंत्रालय की ओर से भारत और भूटान सीमा को लेकर टिप्पणी की गई है। इसमें कहा गया है कि अगर कोई तीसरा पक्ष गुप्त एजेंडे से, हस्तक्षेप करता है तो यह भूटान की संप्रभुता का अपमान है। चीन ने सिक्किम सेक्टर में सड़क निर्माण को वैध बताया और जोर दिया कि यह चीनी क्षेत्र में बनाया जा रहा है जो न तो भारत का और न ही भूटान का है।
इसे भी पढ़ें:- रक्षा मंत्री जेटली ने चीन की धमकी पर दिया जवाब, 1962 से अलग है 2017 का भारत