Char Dham Yatra Registration : यात्रा के लिए पंजीकरण की पूरी प्रक्रिया, तीर्थ यात्रा से पहले जान लें डिटेल्स
Char Dham Yatra Registration : यात्रा के लिए पंजीकरण की पूरी प्रक्रिया, तीर्थ यात्रा से पहले जान लें डिटेल्स
देहरादून, 18 सितंबर। कोरोना वायरस काल में एहतियात के तौर पर चारधाम यात्रा पर लगाए गए प्रतिबंध को बीते दिनों उत्तराखंड की नैनीताल हाई कोर्ट ने कुछ शर्तों के साथ हटा दिया। हाई कोर्ट के आदेश के बाद अब राज्य सरकार ने शुक्रवार देर शाम एसओपी जारी करने के बाद चारधाम यात्रा के लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया को भी शुरू कर दिया है। श्रद्धालुओं को चारों धाम मे यात्रा से पहले ई-पास और पंजीकरण करना अनिवार्य होगा। अगर आप भी उत्तराखंड में चारधाम यात्रा पर जाने का विचार बनाने जा रहे हैं तो यहां रजिस्ट्रेशन प्रोसेस के बार में पूरी जानकारी ले सकते हैं।
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उत्तराखंड चारधाम पंजीकरण (Char Dham Yatra Registration)
राज्य के स्थानीय निवासियों को उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड से धामों में दर्शन के लिए अनिवार्य रूप से यात्रा ई-पास जारी किए जाएंगे। इसके लिए ई-पास बोर्ड की वेबसाइट devasthanam.uk.gov.in या फिर badrinath-kedarnath.gov.in पर लॉगिन करना होगा। वहीं, अगर कोई किसी अन्य राज्य से यात्रा के लिए आ रहा है तो उन्हें देहरादून स्मार्ट सिटी पोर्टल smartcitydehradun.uk.gov.in पर अपना पंजीकरण कराना होगा। इसके बाद ही तीर्थ यात्रा के लिए अनुमति दी जाएगी।
उत्तराखंड से बहार के लोगों को क्या करना होगा?
- सबसे पहले आपको smartcitydehradun.uk.gov.in पर लॉगिन करना होगा।
- इसके बाद सबसे पहले विकल्प 'प्रवासी और अन्य पंजीकरण' पर क्लिक करना होगा।
- अगले पेज पर मांगी गई जानकारी को भरें और सबमिट पर क्लिक कर दें।
- इस बात का ख्याल रखें कि आपके द्वारा दी गई जानकारी आपके दस्तावेजों से मिलना चाहिए।
- इसके बाद आप इसी वेबसाइट से अपना पंजीकरण डाउनलोड कर सकते हैं।
स्थानीय निवासी ऐसे करें पंजीकरण (Registration Details Char Dham Yatra in Uttarakhand)
- उत्तराखंड के लोगों को सबसे पहले Badrinath-kedarnath.gov.in वेबसाइट पर लॉगिन करना होगा।
- इसके बाद अपना सही फोन नंबर दर्ज करें और पासवर्ड जनरेट करें।
- लॉगिन होने के बाद आपके नंबर पर वेरिफिकेशन के लिए ओटीपी आएगा उसे सही-सही वेबसाइट पर दर्ज करना होगा।
- स्थानीय और अन्य राज्यों से आने वाले तीर्थ यात्रियों को पूजा, पाठ, आरती, भोग या रुकने ठहरने संबंधी बुकिंग आदि के लिए इसी तरह रजिस्ट्रेशन करवाना अनिवार्य होगा।
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