धार्मिक और चैरिटेबल ट्रस्टों के 'सराय' पर नहीं लगेगा कोई GST, केंद्र सरकार ने कहा- फैलाई जा रही अफवाह
केंद्र सरकार ने धार्मिक या चैरिटेबल ट्रस्टों द्वारा संचालित सराय (आवास) पर वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के बारे में बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि इसके बारे में अफवाहें फैलाई जा रही हैं।
नई दिल्ली, 05 अगस्त : केंद्र सरकार ने धार्मिक या चैरिटेबल ट्रस्टों द्वारा संचालित सराय (आवास) पर वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के बारे में बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि इसके बारे में अफवाहें फैलाई जा रही हैं। उन्होंने कहा कि सराय पर कोई जीएसटी नहीं लगाया गया है। इसके बारे में जो कुछ भी कहा जा रहा है, सब गलत है। मीडिया और सोशल मीडिया पर जो मैसेज फैलाया जा रहा है वह सच नहीं है।
सीबीआईसी ने ट्वीट कर दी जानकारी
18 जुलाई 2022 से जीएसटी की नई दरों के तहत धार्मिक और चैरिटेबल ट्रस्टों द्वारा संचालित सराय पर भी टैक्स लगाया गया है। केंद्र सरकार ने इसे खारिज करते हुए कहा कि यह सच नहीं है। केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (CBIC) ने ट्वीट कर यह जानकारी दी है।
राघव चड्ढा ने वापस लेने की थी मांग
सिखों के अग्रणी संगठन शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी और आम आदमी पार्टी के कई नेताओं खासकर राघव चड्ढा ने ऐसे आवासों पर जीएसटी को वापस लेने की मांग की थी। केंद्र सरकार द्वारा यह स्पष्टीकरण राज्यसभा सदस्य चड्ढा द्वारा गुरुवार को केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से मुलाकात के बाद ऐसे आवासों पर जीएसटी को वापस लेने की मांग के बाद आया है। जिसमें अमृतसर में पवित्र श्री हरमंदिर साहिब के भक्तों के लिए सराय भी शामिल है।
एक हजार से कम रुपये के कमरे पर छूट जारी
ऐसे सरायों पर जीएसटी लगाने पर चर्चा करने के लिए चड्ढा ने बुधवार को राज्यसभा में कामकाज को स्थगित करने का नोटिस दिया था। सीबीआईसी ने कहा कि हालांकि धर्मार्थ या धार्मिक ट्रस्ट द्वारा धार्मिक परिसर में कमरे किराए पर लेने से छूट देती है, जहां कमरे के लिए चार्ज की गई राशि प्रति दिन 1000 रुपये से कम है। बिना किसी बदलाव के यह छूट जारी है।
रिपोर्ट का दिला हवाला
सीबीआईसी ने रिपोर्टों का हवाला देते हुए कहा कि अमृतसर में एसजीपीसी द्वारा प्रबंधित तीन सराय गुरु गोबिंद सिंह एनआरआई निवास, बाबा दीप सिंह निवास, माता भाग कौर निवास ने 18 जुलाई से जीएसटी का भुगतान करना शुरू कर दिया है।
किसी को नहीं जारी किया गया नोटिस
इस संबंध में यह स्पष्ट करना है कि इनमें से किसी भी सराय को कोई नोटिस जारी नहीं किया गया है। हो सकता है कि इन सरायों ने स्वयं जीएसटी का भुगतान करने का विकल्प चुना हो।
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