वैक्सीन वितरण में असमानता की खबरों को केंद्र ने बताया निराधार, कहा- वैक्सीन नीति बेहतर पहुंच की सुविधा देती है
अपनी उदार वैक्सीन पॉलिसी की आलोचना के बीच केंद्र सरकार ने उन मीडिया रिपोर्ट्स को गलत और काल्पनिक बताया है जिनमें कहा गया है कि वैक्सीन के वितरण को लेकर केंद्र सरकार भेदभाव कर रही है।
नई दिल्ली, 6 जून। अपनी उदार वैक्सीन पॉलिसी की आलोचना के बीच केंद्र सरकार ने उन मीडिया रिपोर्ट्स को गलत और काल्पनिक बताया है जिनमें कहा गया है कि वैक्सीन के वितरण को लेकर केंद्र सरकार भेदभाव कर रही है। केंद्र ने कहा कि ये रिपोर्ट्स गलत और काल्पनिक हैं। सरकार ने कहा कि 1 मई को शुरू की गई वैक्सीन नीति बेहतर पहुंच की सुविधा देती है और सरकारी टीकाकरण सुविधाओं पर 'परिचालन संबंधी समस्या' को कम करती है।
सरकार ने एक बयान जारी कर कहा कि, 'उदारीकृत वैक्सीन नीति जिसमें निजी क्षेत्र और केंद्र की एक बड़ी भूमिका की परिकल्पना की गई है, निजी क्षेत्र के लिए 25% वैक्सीन को अलग रख रही है। यह तंत्र इस मायने में बेहतर पहुंच की सुविधा देता है और सरकारी टीकाकरण सुविधाओं पर परिचालन तनाव को कम करता है कि जो भुगतान करने में सक्षम हैं वह निजी अस्पताल में जाना पसंद करेंगे।' केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने भी कहा कि वैक्सीन वितरण में असमानता की खबरें पूरी तरह से निराधार थीं।
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छोटे
शहरों
को
भी
दी
जा
रही
हैं
वैक्सीन
सरकार
ने
इन
खबरों
का
खंडन
करते
हुए
कहा
कि
वैक्सीनों
की
सप्लाई
केवल
बड़े
शहरों
तक
सीमित
नहीं
है
बल्कि
छोटे
शहरों
को
भी
वैक्सीन
की
आपूर्ति
की
जा
रही
है।
डॉ.
हर्षवर्धन
ने
कहा,
'1
जून
2021
तक
प्राइवेट
अस्पतालों
को
1.20
करोड़
से
अधिक
कोविड
वैक्सीन
दी
गईं।
4
मई
2021
की
स्थिति
के
अनुसार
बड़ी
संख्या
में
निजी
अस्पतालों
ने
सीरम
और
भारत
बायोटेक
के
साथ
अनुबंध
किया
जिसके
बाद
उन्हें
कोविशील्ड
और
कोवैक्सिन
की
डोज
की
आपूर्ति
की
गई।
ये
प्राइवेट
अस्पताल
केवल
मेट्रो
सिटीज
के
नहीं
थे
बल्कि
राज्यों
के
टियर
II
और
III
शहरों
से
भी
थे।'
अप्रैल
में
हुई
थी
उदार
वैक्सीन
नीति
की
घोषणा
केंद्र
सरकार
ने
अप्रैल
में
अपनी
उदार
वैक्सीन
नीति
की
घोषणा
की
थी,
जिसके
तहत
1
मई
से
18
वर्ष
से
अधिक
की
उम्र
के
सभी
वयस्कों
को
टीकाकरण
होना
था।
नई
नीति
के
तहत,
वैक्सीन
निर्माताओं
को
अपनी
मासिक
खुराक
का
50%
केंद्र
सरकार
को
देना
था
और
शेष
50%
को
वे
राज्य
सरकारों
और
खुले
बाजार
में
बेचने
के
लिए
स्वतंत्र
थे।
नई वैक्सीन नीति पर विवाद
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नई वैक्सीन नीति पर कई राज्य सरकारों ने आपत्ति जताई है। उन्होंने कहा है कि केंद्र को सभी वैक्सीन खरीदनी चाहिए और उनका मुफ्त में आवंटन करना चाहिए। एक सप्ताह पहले सुप्रीम कोर्ट ने सरकार की 45 से अधिक उम्र के लोगों को मुफ्त और 18-44 की उम्र के लोगों को खरीदकर वैक्सीन लगाने की नीति को प्रथम दृष्टया मनमाना और तर्कहीन बताया था। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र को 31 दिसंबर तक वैक्सीन की अनुमानित उपलब्धता का रोडमैप और कोरोना की तीसरी लहर में बच्चों की आवश्यकताओं के संबंध में तैयारिकों का स्पष्टीकरण देने को कहा था।