MI-17V5: विंग कमांडर पृथ्वीसिंह थे पायलट, CDS रावत संग कैसे हुए हादसे का शिकार, उठ रहे ऐसे सवाल
विंग कमांडर पृथ्वीसिंह चौहान उड़ा रहे थे CDS बिपिन रावत का हेलिकॉप्टर, अनुभवी पायलट और MI-17V5 की भरोसेमंद तकनीक के बावजूद कैसे हुए हादसे का शिकार, उठे रहे ऐसे सवाल
नई दिल्ली। भारतीय सेना का MI-17V5 हेलिकॉप्टर तमिलनाडु में कन्नूर के जंगलों में दुर्घटनाग्रस्त हो गया। इस हेलिकॉप्टर में भारत के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टॉफ (CDS) बिपिन रावत, उनकी पत्नी मधुलिका और कई वरिष्ठ सैन्य-अधिकारियों समेत 14 लोग सवार थे। जिनमें विंग कमांडर पृथ्वीसिंह चौहान भी थे, वही इस हेलिकॉप्टर के पायलट थे। अधिकारियों के मुताबिक, हादसे के शिकार सभी लोगों के शरीर आग से बुरी तरह जल गए थे। जिनमें से 13 की मौत की पुष्टि हो चुकी है। वहीं, एक गंभीर रूप से घायलावस्था में हैं।
बहुत दर्दनाक हादसा, लोग गमगीन, उठ रहे कई सवाल
आज हुआ MI-17V5 हेलिकॉप्टर का यह हादसा बहुत दर्दनाक है, और लोगों को दुख पहुंचाने व गमगीन कर देने के साथ-साथ कई सवाल छोड़ गया है। एक तो इस हेलिकॉप्टर की तकनीक बहुत भरोसेमंद मानी जाती है, दूसरे इसके ट्रिपल इंजन भी इसे दमदार और संकट से निकाल ले जाने वाला चॉपर साबित करते हैं। भारतीय सैन्य अधिकारियों के मुताबिक, ये हेलिकॉप्टर भले ही रूस निर्मित हैं, लेकिन ये भारतीय सेना के लिए रीढ़ माने जाते हैं। यहां कई पायलट इसे उड़ाने का लंबा अनुभव रखते हैं। विंग कमांडर पृथ्वीसिंह चौहान भी ऐसे ही पायलट थे।
विंग कमांडर पृथ्वीसिंह चौहान उड़ा रहे थे चॉपर
विंग कमांडर पृथ्वीसिंह चौहान को बरसों का अनुभव था। वह 109 हेलीकॉप्टर यूनिट के कमांडिंग ऑफिसर रहे। एक अनुभवी पायलट होने और मॉडर्न तकनीक से लैस हेलीकॉप्टर होने पर भी देश की तीनों सेनाओं के चीफ आज हादसे का कैसे शिकार हुए..यह सवाल बहुत से लोगों के मन में उठ रहा है। एयर कमोडोर बीएस सिवाच (रिटायर्ड) कहते हैं कि, "हमारी सेना को इस हेलीकॉप्टर की तकनीक पर भरोसा रहा है। लेकिन कई बार कुछ उपकरण ऐसे होते हैं, जिनकी विश्वसनीयता संदिग्ध रहती है, लेकिन MI-17V5 हेलीकॉप्टर ऐसा नहीं था।"
इस
तरह
के
दुनिया
में
12
हजार
से
ज्यादा
हेलिकॉप्टर
हैं
और
यहां
तक
कि
पश्चिमी
देशों
की
सेना
ने
अफगानिस्तान
में
इसे
इस्तेमाल
किया।
भारत
में
तकरीबन
60
देशों
में
ये
सेवा
दे
रहे
हैं।
और,
मिलिट्री
के
अलावा
वीवीआईपी
भी
इसकी
सेवा
लेते
हैं।
प्रधानमंत्री
मोदी
MI-17
से
रैलियां
कर
चुके
हैं।
ये वजहें हो सकती हैं हादसे की
एयर कमोडोर बीएस सिवाच (रिटायर्ड) ने कहा, "MI-17 हेलिकॉप्टर को उड़ाने के लिए बहुत ही दक्ष पायलट और क्रू-मेंबर का सिलेक्शन होता है। फिर भी ये आज क्रैश हुआ, तो उसके लिए 3 कारण जिम्मेदार हो सकते हैं। पहला, खराब मौसम में हेलिकॉप्टर फंस गया हो। चूंकि, जहां पर यह हादसा हुआ है, वहां पहाड़ और जंगल, दोनों हैं। यदि ये हेलिकॉप्टर ज्यादा ऊंचाई पर भी था तो एकाएक मौसम खराब हो गया हो, इसलिए उसका संतुलन बिगड़ गया हो।
Recommended Video
क्या होंगी दूसरी और तीसरी वजहें?
इस
हेलिकॉप्टर
हादसे
का
दूसरा
कारण-
तकनीकी
खराबी
हो
सकती
है।
हालांकि,
ये
वीआईपी
हेलिकॉप्टर
था
तो
उसके
लिए
टीम
भी
विशेष
होती
है।
इस
हेलिकॉप्टर
को
दो
पायलट
उड़ाते
हैं।
एक
इंजीनियर
भी
रहता
है।
प्रशिक्षित
क्रू-मेंबर
होते
हैं।
पायलट
के
तौर
पर
जिनका
नाम
आया
है,
उनको
लंबा
अनुभव
था।
तो
ऐसे
में
हादसे
की
वजह
तकनीकी
फॉल्ट
हो
सकता
है।
वैसे
इस
हेलिकॉप्टर
में
बैकअप
इंजन
और
ईंधन,
दोनों
की
सुविधा
भी
रहती
है।
हादसे
की
तीसरी
वजह-
हेलिकॉप्टर
जब
उड़
रहा
था
तो
उससे
कुछ
टकरा
गया
हो!
जैसे-
बड़े
पक्षी
टकराना।
हालांकि,
इन
सब
कारणों
पर
देश
का
सिस्टम
विश्लेषण
करेगा।
विस्तृत
जांच
के
बाद
वजह
पता
लग
पाएगी।"