आलोक वर्मा को हटाने पर बढ़ा विवाद, कपिल सिब्बल बोले- पिंजरे का तोता पिंजरे में ही रहेगा
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे और जस्टिस एके सीकरी की सदस्यता वाली चयन समिति द्वारा आलोक वर्मा को सीबीआई के डायरेक्टर पद से हटाने को लेकर विपक्षी दल सरकार पर लगातार हमले कर रहे हैं। कांग्रेस के दिग्गज नेता और वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने भी इसपर तंज कसा है। सिब्बल ने सीबीआई को 'पिंजरे का तोता' करार दिया है। कपिल सिब्बल ने कहा कि पिंजरे के तोते को पिंजरे में ही रहना होगा।
आलोक वर्मा मामले पर कपिल सिब्बल ने कसा तंज
सीबीआई विवाद पर तंज कसते हुए दिग्गज कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने ट्वीट किया, 'आलोक वर्मा को हटाकर कमेटी ने ये सुनिश्चित किया कि पिंजरे का तोता कहीं उड़े न, उनको इस बात का डर था कि पिंजरे का तोता सत्ता के गलियारों में हो रही गतिविधियों की पोल ना खोल दे, इसलिए पिंजरे का तोता अब पिंजड़े में ही रहेगा।'
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सलेक्ट कमेटी ने आलोक वर्मा को सीबीआई डायरेक्टर पद से हटाया था
आलोक वर्मा को सीबीआई के डायरेक्टर पद से हटाकर अग्निशमन सेवा, नागरिक सुरक्षा और होम गार्ड का महानिदेशक बनाया गया है। कल पीएम मोदी की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय समिति ने आलोक वर्मा को उनके पद से हटाने का फैसला किया था। इस कमेटी ने आलोक वर्मा के खिलाफ 2-1 से फैसला सुनाया। कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे आलोक वर्मा को हटाने के खिलाफ थे जबकि जस्टिस सीकरी और पीएम मोदी आलोक वर्मा के खिलाफ जांच जारी रहने तक उनको पद से हटाने के पक्ष में थे।
सीवीसी ने की वर्मा के खिलाफ आपराधिक जांच की सिफारिश
वहीं, सीवीसी ने अपनी जांच रिपोर्ट में आलोक वर्मा के खिलाफ आपराधिक जांच की सिफारिश की है। सीवीसी ने आलोक वर्मा के आचरण को मोईन कुरैशी मामले में संदिग्ध बताया है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि सीवीसी के चीफ केवी चौधरी और दो अन्य सीवीसी अधिकारी शरद कुमार और टीएम भसीन ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि आलोक वर्मा ने सीबीआई के भीतर दो ऐसे अधिकारियों को जानबूझकर शामिल किया जिनके खिलाफ नकारात्मक रिपोर्ट थी।