पद से हटाए गए CBI चीफ आलोक वर्मा, कांग्रेस ने कहा-जांच से डरकर PM ने लिया फैसला
नई दिल्ली। सीबीआई चीफ आलोक वर्मा को उनके पद से हटा दिया गया है। सलेक्शन पैनल की मीटिंग के बाद उन्हें पद से हटाने का फैसला किया गया। गुरुवार को एक बार फिर से हुई पैनल कमेटी की बैठक में अलोक वर्मा को पद से हटाने का फैसला किया गया। सेलेक्शन कमेटी ने 2-1 से आलोक वर्मा को उन्हें पद से हटाने का फैसला किया।
सेलेक्शन कमेटी के फैसले पर कांग्रेस नेता वीरप्पा मोइली ने कहा कि ये फैसले बदले की कार्रवाई है। वहीं सेलेक्शन कमेटी में शामिल लोकसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने वर्मा को पद से हटाए जाने का विरोध किया। कांग्रेस से इस फैसले पर सवाल उठाते हुए कहा कि पीएम मोदी जांच से डर गए हैं, जिसकी वजह से उन्होंने ये फैसला लिया है।
कांग्रेस ने कहा कि PM मोदी राफेल घोटाले की संभावित जांच से भयभीत है, इसीलिए उन्होंने आलोक वर्मा को पद से हटाने का फैसला लिया है। आलोक वर्मा को हटाए जाने के बाद कांग्रेस ने ट्वीट किया और लिखा कि कि आलोक वर्मा को हटाए जाने से पहले उन्हें अपनी बात रखने का मौका नहीं मिला। इससे साफ है पीएम नरेंद्र मोदी जांच से डर चुके हैं। वो न तो स्वतंत्र एजेंसी से जांच चाहते हैं न ही जेपीसी का सामना करना चाहते हैं।
वहीं वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण ने आलोक वर्मा को पद से हटाए जाने पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि राफेल मामले में जांच से डरकर सरकार ने ये फैसला लिया है। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद मंगलवार को सीबीआई चीफ का पदभार संभालने के एक दिन बाद ही उन्हें पद से हटाया जाना दर्शाता है कि प्रधानमंत्री कितने डरे हुए हैं।इससे पहले राहुल गांधी ने ट्वीट करके लिखा कि 'प्रधानमंत्री सीबीआई प्रमुख को बर्खास्त करने की इतनी जल्दबाजी में क्यों हैं? वह सीबीआई प्रमुख को अपना मामला चयन समिति के समक्ष पेश करने की इजाजत क्यों नहीं देते? उत्तर : राफेल।'