औरतों को बंधक बनाने के आरोप में फरार चल रहे वीरेंद्र देव दीक्षित पर CBI ने रखा 5 लाख का इनाम
नई दिल्ली। आध्यात्मिक विश्वविद्यालय में महिलाओं के यौन उत्पीड़न के मामले में अब तक सीबीआई को स्वयंभू आध्यात्मिक बाबा वीरेंद्र देव दीक्षित का पता नहीं चल सका है। सीबीआई ने आज उसकी जानकारी देने वाले को पांच लाख का इनाम देने की घोषणा की। वीरेंद्र देव दीक्षित को अंतिम बार नेपाल में देखे जाने की आशंका जताई जा रही है। नेपाल में भी उसका एक आश्रम है। इस मामले में उसके खिलाफ जांच एजेंसी की तरफ से ब्लू कॉर्नर नोटिस और लुकआउट नोटिस जारी किया गया है।
यौन शोषण के मामले में दिल्ली पुलिस ने अध्यात्मिक गुरु वीरेंद्र देव के खिलाफ जनवरी, नवंबर तथा दिसम्बर 2017 में तीन एफआईआर दर्ज की थीं। दीक्षित की काफी तलाश की गई, लेकिन उसका पता नहीं चल सका। बाद में दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश पर तीनों मामलों की तफ्तीश सीबीआई को सौंपी गई। हाईकोर्ट के आदेश पर सीबीआई ने तीन जनवरी 2018 को ताजा एफआईआर दर्ज कीं और मामले की तफ्तीश शुरू की। यह जानकारी देते हुए सीबीआई अधिकारियों ने बताया कि वीरेंद्र देव दीक्षित की तलाश में 20 दिसंबर 2017 को स्पेशल जांच टीम (एसआईटी) गठित की गई।
सीबीआई ने कहा कि आज उसकी जानकारी देने पर पांच लाख के इनाम की घोषणा की गई है। लुक आउट नोटिस भी जारी किया जा चुका है. 26 मार्च 2018 को ब्लू कॉर्नर नोटिस जारी हुआ है, क्योंकि उसका नेपाल में आश्रम है। कोर्ट से बाबा के खिलाफ दो गैर जमानती वारंट जारी हो चुके हैं। इससे पहले दिल्ली हाईकोर्ट ने पांच फरवरी को वीरेंद्र देव दीक्षित के वकील से संस्थान के सभी केंद्रों के नाम और पतों की विस्तृत जानकारी देने का आदेश दिया था। इसी दौरान केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने दिल्ली उच्च न्यायालय को बताया था कि धार्मिक उपदेश के नाम पर औरतों और लड़कियों को कथित रूप से अवैध तरीके से बंदी बनाने वाले आश्रम के संस्थापक वीरेंद्र देव दीक्षित के खिलाफ लुक आउट सर्कुलर जारी कर दिया गया है।
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