क्या कोई महिला RSS प्रमुख बन सकती है? जानिए इस सवाल का क्या जवाब दिया संघ नेता कृष्ण गोपाल ने
नई दिल्ली। आरएसएस नेता कृष्ण गोपाल ने कहा कि संघ पुरुषों का एक संगठन है। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि बीजेपी के वैचारिक अभिभाव महिला विरोधी नहीं हैं। कृष्ण गोपाल से जब यह पूछा गया कि क्या कोई महिला सरसंघचालक बन सकती है या आरएसएस नेता बन सकती है तो उन्होंने जवाब दिया 'मित्रों, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ पुरुषों का संगठन है। आरएसएस के संयुक्त महासचिव कृष्ण गोपाल ने जब पूछा गया कि भारतीय क्रिकेट टीम की प्लेइंग इलेवन में कितनी महिलाएं शामिल थीं, तो उन्होंने जवाब में कहा कि महिलाएं अलग-अलग संगठन चलाती हैं, और पुरुषों और महिलाओं को एक ही समूह में रहने की जरूरत नहीं है।
कृष्ण गोपाल शुक्रवार को इंडिया टुडे कॉन्क्लेव 2019 में बोल रहे थे। आपको बता दें कि अक्टूबर 2017 में, गुजरात में एक सार्वजनिक बैठक में, कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने पूछा कि आरएसएस की कितनी महिला सदस्य हैं। "क्या आपने किसी महिला को शॉर्ट्स में देखा है? मैंने कोई नहीं देखा है। इस संबंध में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि राहुल गांधी आरएसएस को महिला विरोधी होने का आरोप लगाते हैं जो कहीं से भी संभव नहीं है। उन्होंने कहा उन्होंने कहा कि आरएसएस के सदस्यों के परिवार में महिलाएं थीं और परंपरा ने महिलाओं को दिव्य दर्जा दिया।
सितंबर 2015 में मोदी सरकार के कैबिनट मंत्रियों का राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सामने अपने कार्यों का हिसाब देने के सवाल पर आरएसएस के सह सर कार्यवाह कृष्ण गोपाल ने कहा संघ सरकार से कोई हिसाब किताब नहीं लेता। हम स्वयंसेवकों से परामर्श करते हैं, वो पार्टी में हो, संगठनों में हो। कृष्ण गोपाल ने कहा कि संघ की बीजेपी और शिवसेना गठबंधन कराने में कोई भूमिका नहीं थी।
गौरतलब है कि बीते साल दिसंबर में कृष्ण गोपाल ने कुंभ को लेकर बयान दिया था। राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के सरकार्यवाह डॉ कृष्ण गोपाल ने कहा था कि हम धर्मनिरपेक्ष हैं क्योंकि हम हिंदू हैं। हम हिंदू हैं और इसी नाते हम आध्यात्मिक, धार्मिक हैं ये हमारी विशेष पहचान है। हमारा व्यवहार विशेष होना चाहिए। कृष्ण गोपाल ने युवा कुंभ को संबोधित करते हुए कहा कि हिंदू चाहे अमेरिका में रहे या पाकिस्तान में वह सर्वे भवंतु सुखिन: की सोच रखता है। हमारा देश हमारा समाज कैसी स्थिति में है, भविष्य में किस दिशा में जाएगा, इस चिंतन के लिए ऐसे कुंभ का आयोजन होना चाहिए। हमारा देश विश्व पटल पर महान था और अध्यात्म की धारा दूर दूर तक गई ।