पश्चिम बंगाल: मूर्ति विसर्जन पर Calcutta High Court से ममता सरकार का झटका, रोक हटाई
कलकत्ता। पश्चिम बंगाल में दुर्गा प्रतिमा विसर्जन पर रोक को लेकर कलकत्ता हाईकोर्ट ने ममता सरकार का फैसला पलट दिया है। हाईकोर्ट के इस फैसले के बाद 30 सिंतबर को रात 12 बजे तक विसर्जन होगा। हाईकोर्ट ने कहा कि मुहर्रम और मूर्ति विसर्जन के लिए अलग-अलग रूट हो। हाईकोर्ट ने ममता सरकार को फटकार लगाते हुए कहा कि प्रतिबंध आखिरी विकल्प नहीं है। आखिरी विकल्प का इस्तेमाल सबसे पहले नहीं कर सकते। हाईकोर्ट ने कहा कि सरकार मनमानी नहीं कर सकती। हाईकोर्ट ने यह भी कहा कि आप बिना किसी आधार के अधिक शक्ति का प्रयोग कर रहे हैं। सरकार को सिलसिलेवार कदम उठाने होंगे। हाईकोर्ट के फैसले पर पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने कहा है कि कोई मेरा गला काट सकता है लेकिन कोई भी मुझे यह नहीं बता सकता कि क्या करना है। मैं शांति बनाए रखने के लिए जो कर सकती हूं, वो करूंगी।
राज्य सरकार से कलकत्ता हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि , 'सिर्फ इसलिए कि आप राज्य हैं, आप मनमाने ढंग से आदेश पारित कर सकते हैं?' इससे पहले कल कोर्ट ने कहा था कि आखिर दो समुदाय एक साथ त्योहार क्यों नहीं मना सकते हैं? कोर्ट ने सवाल किया कि आखिर राज्य सरकार दो समुदायों को लेकर अंतर क्यों पैदा कर रही है? कोर्ट ने कहा कि उन्हें सौहार्द के साथ जीने दो, उनके बीच में कोई लकीर मत खींचो, उन्हें साथ में जीने दो। गौरतलब है कि ये मामला तब सामने आया जब पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी सरकार ने हाल में एक बयान जारी करके कहा था कि दशहरे वाले दिन शाम छह बजे तक ही प्रतिमा का विसर्जन किया जाएगा।
सरकार ने ये फैसला इसलिए लिया क्योंकि विजयादशमी के अगले दिन मुहर्रम है। उसको ध्यान में रखते हुए दुर्गा प्रतिमा विसर्जन पर रोक लगाने का ऐलान सरकार की ओर से किया गया। इसी फैसले को लेकर कलकत्ता हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दाखिल की गई थी।
दुर्गा प्रतिमा विसर्जन को लेकर बुधवार को हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। इस सुनवाई के दौरान कोर्ट ने प्रदेश सरकार के रवैये पर सवाल उठाया। कोर्ट कहा कि आखिर दो समुदाय एक साथ त्योहार क्यों नहीं मना सकते हैं?