महाराष्ट्र में कैबिनेट विस्तार का फॉर्मूला फाइनल! बीजेपी से बन सकते हैं 24-25 मंत्री
नई दिल्ली, 29 जुलाई: महाराष्ट्र में करीब एक महीने बाद नई सरकार की कैबिनेट पर फॉर्मूला तय हो जाने की खबरें हैं। इसके मुताबिक भारतीय जनता पार्टी मंत्रिपरिषद में बड़े भाई की भूमिका निभाएगी। साथ ही साथ शिंदे गुट के विधायकों को भी पर्याप्त प्रतिनिधित्व देने की कोशिश की जा रही है। यही नहीं कुछ सहयोगी दलों और निर्दलीय विधायकों को भी मंत्री बनाकर उनका सम्मान किया जा सकता है। महाराष्ट्र में कैबिनेट के विस्तार में हो रही अप्रत्याशित देरी को लेकर तरह-तरह के सवाल उठ रहे हैं। कैबिनेट की लिस्ट पर फाइनल मुहर को लेकर मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के कई बार दिल्ली आने की बात कही गई है।
करीब एक महीने से दो सदस्यीय है महाराष्ट्र सरकार
शनिवार को महाराष्ट्र में शिवसेना के एकनाथ शिंदे गुट और बीजेपी गठबंधन की सरकार बने एक महीने पूरे हो रहे हैं। लेकिन, इतने दिनों के बावजूद में महाराष्ट्र सरकार सिर्फ दो लोगों के ही जिम्मे चल रही है। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस। 288 सदस्यों वाली महाराष्ट्र विधानसभा के हिसाब से राज्य में कुल 42 सदस्यीय मंत्रिपरिषद गठित हो सकती है। लेकिन, अभी 40 मंत्रियों का पद इतने लंबे समय से खाली है। इसका मूल कारण है-एक अनार और सौ बीमार। यानी जितने लोगों को मंत्री बनाया जा सकता है, उसपर दावेदारी करने वालों की संख्या कहीं ज्यादा है।
शिंदे गुट के 15 से 16 मंत्री बन सकते हैं-रिपोर्ट
इंडिया टुडे की एक रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से बताया गया है कि राज्य में कैबिनेट को लेकर भाजपा और शिंदे गुट के बीच 65 और 35 फीसदी का फॉर्मूला तय हुआ है। रिपोर्ट के मुताबिक एकनाथ शिंदे कैंप के 15 से 16 एमएलए को मंत्रिपरिषद में जगह मिल सकती है और बाकी बीजेपी के एमएलए मंत्री बनाए जा सकते हैं। जानकारी के मुताबिक शिवसेना के उद्धव ठाकरे गुट को छोड़कर शिंदे के साथ आए बागी विधायकों का मंत्री बनाने का भारी दबाव है और इसलिए इस काम में इतनी देरी भी हुई है।
भाजपा से 24-25 एमएलए मंत्री बन सकते हैं
पिछले महीने उद्धव ठाकरे से बगावत करने वाले शिवसेना के विधायकों में 9 मंत्री भी शामिल थे, जिनमें 5 कैबिनेट और 4 राज्यमंत्री थे। सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि नई सरकार में इन सबकी जगह पक्की है। जबकि, बीजेपी की ओर से 24 से 25 एमएलए को मंत्री बनाए जाने की संभावना है। हालांकि, भाजपा के विधायकों के मामले में यह उतना मुश्किल काम नहीं लग रहा है, क्योंकि जानकारी के मुताबिक इसे फडणवीस खुद देख रहे हैं और ऊपर से केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह की भी निगरानी है।
भाजपा के पास आ सकते हैं कई महत्वपूर्ण विभाग
भारतीय जनता पार्टी ने देवेंद्र फडणनीस की जगह एकनाथ शिंदे को मुख्यमंत्री के रूप में चुना है। इसलिए चर्चित फॉर्मूले के तहत विधानसभा अध्यक्ष के पद के अलावा कई और महत्वपूर्ण विभाग भी पार्टी के खाते में जाने की संभावना है। इसके अलावा सू्त्रों का कहना है कि कुछ छोटी पार्टियों और निर्दलीय विधायकों को भी नई मंत्रिपरिषद में स्थान दिए जाने की चर्चा है।
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शिंदे गुट ने किसी तरह की खींचतान से किया है इनकार
उधर इंडियन एक्सप्रेस ने एक रिपोर्ट दी है कि मंत्रियों के ना होने से सरकार के कामकाज में दिक्कतें आ रही हैं। इसलिए भी मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे पर जल्द से जल्द कैबिनेट विस्तार का दबाव है। वैसे शिंदे गुट के नेताओं ने इस बात से इनकार किया है कि सरकार में किसी तरह की आपसी खींचतान की वजह से फॉर्मूला फाइनल करने में देरी हो रही है। गौरतलब है उद्धव गुट की ओर से संजय राउत तो नई सरकार के टिके रहने पर भी प्रश्नचिन्ह खड़े कर चुके हैं।