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समुद्र के 7 किलोमीटर नीचे सुरंग में 300 kmph की रफ्तार से दौड़ेगी बुलेट ट्रेन, जानिए कहां होगा निर्माण?

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नई दिल्ली, 24 सितंबर। देश में समुद्र के भीतर से बुलेट ट्रेन दौड़ाने के लिए सी टलन की पहले प्रोजेक्ट पर भारत काम करने जा रहा है। समुद्र के भीतर बनने वाली ये 21 किलोमीटर लंबी सुरंग होगी। इतना ही नहीं इसे समुद्र में सात किलोमीटर गहराई बनाया जाएगा। नेशनल हाई स्पीलड रेलवे कॉरपोरेशन (NHSRCL) इसकी तैयारी कर रहा है। साल 2026 पर देश के इस प्रोजेक्ट के पूरा होने के बाद सी टनल से होकर बुलेट ट्रेन गुजारने की योजना है।

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First Undersea Tunnel In India: कबसे समुद्र के नीचे दौड़ेगी Bullet Train ? | वनइंडिया हिंदी |*News
7 किलोमीटर समु्द्र के नीचे 21 किमी लंबी सुरंग

7 किलोमीटर समु्द्र के नीचे 21 किमी लंबी सुरंग

ये टनल नेशनल हाई स्पीड रेलवे कॉरपोरेशन लिमिटेड (NHSRCL) ने मुंबई-अहमदाबाद हाई स्पीड रेल कॉरिडोर के लिए प्रोजेक्ट की है। जो 21 किलोमीटर लंबी है। ये टलन समुद्र में 7 किलोमीटर की गहराई से होकर गुजरेगी। एनएचएसआरसीएल के सूत्रों के अनुसार महाराष्ट्र में सरकार बदलने के बाद कॉरिडोर पर काम तेज हो गया है।

समुद्री टनल में बुलेट ट्रेन की रफ्तार 300 kmph

समुद्री टनल में बुलेट ट्रेन की रफ्तार 300 kmph

बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट के तहत समुद्र के भीतर टनल बनाने की भारत की ये पहली योजना है। टनल के निर्माण के लिए बोलियां जमा करने की अंतिम तिथि 29 जनवरी 2023 की तय की गई है। रेल मंत्रालय को उम्मीद है कि साल 2026 में गुजरात में 50 किलोमीटर के रूट पर बुलेट ट्रेन का पहला ट्रायल रन शुरू होगा। इस टनल में ट्रेन 300 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ सकेगी।

BKC और शिलफाटा में भूमिगत स्टेशन के बीच टनल

BKC और शिलफाटा में भूमिगत स्टेशन के बीच टनल

महाराष्ट्र में सरकार बदलने के बाद टनल की परियोजना के कार्य में तेजी आई है। नेशनल हाई स्पीड रेलवे कॉरपोरेशन लिमिटेड महाराष्ट्र व गुजरात के बीच बनने वाली इस टनल के प्रोजेक्ट पर काफी आगे बढ़ चुका है। सुरंग का निर्माण महाराष्ट्र के ठाणे जिले के बांद्रा-कुर्ला कॉम्प्लेक्स और शिलफाटा में भूमिगत स्टेशन के बीच किया जाएगा। टेंडर डॉक्यूमेंट के मुताबिक टनल बोरिंग मशीन और न्यू ऑस्ट्रियन टनलिंग मेथड (NATM) का इस्तेमाल करके टनल का निर्माण किया जाएगा।

टनल के लिए भूमि अधिग्रहण का मुद्दा

टनल के लिए भूमि अधिग्रहण का मुद्दा

पिछली राज्य सरकार के दौरान बांद्रा-कुर्ला कॉम्प्लेक्स सहित महाराष्ट्र में परियोजना के लिए भूमि अधिग्रहण एक ज्वलंत मुद्दा रहा है। पिछले साल नवंबर में NHSRCL ने परियोजना के लिए टनल निर्माण के लिए बोलियां आमंत्रित की थीं। लेकिन इस साल इसे रद्द कर दिया गया था। अधिकारियों ने प्रशासनिक कारणों का हवाला देते हुए इसे रद्द कर दिया था। सबसे पहले 2019 में NHSRCL ने इस परियोजना के लिए निविदाएं आमंत्रित की थीं, लेकिन इस प्रोजेक्ट को लेकर किसी ने बोली नहीं लगाई थी।

मुंबई में पहाड़ी से 114 मीटर नीचे होगा निर्माण

मुंबई में पहाड़ी से 114 मीटर नीचे होगा निर्माण

देश में समुद्र के भीतर पहली बार बनने वाले वाले टनल का निर्माण मुंबई के शिलफाटा के पास पारसिक पहाड़ी से 114 मीटर नीचे होगा। इस परियोजना के लिए 13.1 मीटर व्यास के कटर हेड वाली टनल बोरिंग मशीनों का इस्तेमाल किया जाएगा।

क्या होगी टनल की खासियत?

क्या होगी टनल की खासियत?

ठाणे की खाड़ी में बनने वाली सुरंग एक सिंगल ट्यूब तकनीक पर आधारित होगी। ये भारत की पहली समुद्री टनल होगी। हाई स्पीड रेलवे कॉरपोरेशन लिमिटेड (NHSRCL) के अनुसार, इस ट्यूब के अंदर दो ट्रैक होंगे। परियोजना में सुरंग से सटे 37 स्थानों पर 39 उपकरण कक्ष भी बनाए जाएंगे। जिससे रूट की निगरानी की जाएगी।

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English summary
Bullet train will run in India's first 7 km deep Under Sea Tunnel projaect of NHSRCL
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