बजट सत्र: पेगासस पर आईटी मंत्री के खिलाफ टीएमसी भी लाएगी विशेषाधिकार प्रस्ताव
पेगासस: आईटी मिनिस्टर के खिलाफ टीमएमसी भी लाएगी विशेषाधिकार प्रस्ताव
नई दिल्ली, 31 जनवरी: पेगासस स्पाईवेयर मामले को लेकर आज बजट सत्र के पहले दिन ही विपक्ष ने केंद्र सरकार को घेरा है। तृणमूल कांग्रेस ने विशेषाधिकार के हनन के प्रस्ताव की मांग की है। टीएमसी सांसद सौगत रॉय ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को चिट्ठी लिखकर कहा है कि पेगासस स्पाइवेयर के मुद्दे पर सदन को गुमराह करने के लिए आईटी मिनिस्टर के खिलाफ विशेषाधिकार प्रस्ताव लाएंगे।
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कांग्रेस लेकर आई प्रस्ताव
पेगासस पर अमेरिकी अखबार न्यूयॉर्क टाइम्स अखबार की रिपोर्ट को लेकर कांग्रेस ने भी नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार को घेरा है। लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने बताया है कि हमने पेगासस पर सदन में विशेषाधिकार प्रस्ताव पेश किया है। यह सरकार सदन, सुप्रीम कोर्ट, लोगों को गुमराह कर रही है। विपक्ष के रूप में, यह हमारी जिम्मेदारी है कि हम इस मुद्दे को उठाएं। राज्यसभा में कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने भी कहा है कि इस मुद्दे को संसद में जोर-शोर से उठाया जाएगा और सरकार से जवाब मांगा जाएगा।
क्या कहा था सरकार ने संसद में
केंद्रीय सूचना और प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने जुलाई, 2021 में संसद में कहा था कि पेगासस के इस्तेमाल को लेकर सरकार पर लग रहे आरोप झूठा हैं। वैष्णव ने अपने बयान में पेगासस पर मीडिया रिपोर्टों को सनसनीखेज और देश को बदनाम करने की कोशिश बताया था। इसी को लेकर अब विपक्षी दल सरकार को घेर रहे हैं।
क्या है न्यूयॉर्क टाईम्स की रिपोर्ट
अमेरिकी अखबार द न्यूयॉर्क टाइम्स ने अपनी एक रिपोर्ट में दावा किया है कि भारत सरकार ने इजराइल से एक रक्षा सौदे में जासूसी सॉफ्टवेयर पेगासस खरीदा था। भारत सरकार ने 2017 में 2 बिलियन डॉलर के रक्षा डील में इजराइल से स्पाईवेयर पेगासस खरीदा था। अखबार ने अपनी जांच में पाया है कि भारत के अलावा मेक्सिको में विरोधियों को निशाना बनाने, सऊदी अरब में महिला कार्यकर्ताओं के खिलाफ और कई देशों में इसका इस्तेमाल किया गया। रिपोर्ट में कहा गया है कि इजरायल के रक्षा मंत्रालय ने नए सौदों के तहत पोलैंड, हंगरी और भारत समेत कई देशों को पेगासस दिया गया।
बीते साल सामने आया था पेगासस का मामला
बीते साल, 2021 में दुनिया के कई बड़े मीडिया ग्रुप ने एक रिपोर्ट जारी की गई थी। इसमें दावा किया गया है कि इजराइली कंपनी के जासूसी सॉफ्टवेयर पेगासस को फोन में भेजकर कई देशों में हजारों लोगों की जासूसी हुई। भारत में भी इसका जमकर इस्तेमाल किया गया। भारत में दो मंत्रियों, कई विपक्ष के नेताओं, पत्रकारों, जज, कारोबारी और एक्टिविस्ट की जासूसी इस सॉफ्टवेयर से करने का दावा इस रिपोर्ट में किया गया। इसको लेकर विपक्ष के राजनीतिकत दल और कई संगठन जांच की मांग और मोदी सरकार से जवाब देने को कहते रहे हैं। हालांकि मोदी सरकार की ओर से इस तरह की खरीद से इनकार कर दिया था। अब इस नई रिपोर्ट से एक बार फिर केंद्र सरकार सवालों के घेरे में आ गई है।
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