Budget 2023: रेलवे के लिए मेगा प्लान! 500 वंदेभारत एक्सप्रेस-हाइड्रोजन-इंजन वाली ट्रेनें, जानें और क्या हैं ?
बजट 2023: इस बार रेलवे के बजट में कुछ बड़ी घोषणाओं की संभावना है। इसमें सैकड़ों वंदे भारत ट्रेन चलाने का ऐलान हो सकता है। हाइड्रोजन इंधन वाले इंजन चलाने की भी घोषणा होने की उम्मीद है। प्रीमियर ट्रेनों के कोच भी बेहतर किए
बजट 2023: 1 फरवरी को पेश होने वाले आम बजट के लिए केंद्र सरकार की ओर से तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा रहा है। अब रेलवे बजट भी आम बजट के साथ ही पेश किया जाता है। आम लोगों की रेल बजट में काफी दिलचस्पी और उम्मीदें रहती हैं। ऐसे में संभावना है कि इस बार वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ट्रेनों और रेलवे की बाकी सेवाओं को लेकर कुछ बड़ा ऐलान कर सकती हैं। 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले यह मोदी सरकार का अंतिम पूर्ण बजट होगा। इसलिए इसपर ज्यादा नजरें टिकी हुई हैं। जानकारी के मुताबिक संभावना है कि इस बार बेहतर ट्रेनों के लिए बजट में काफी बड़ा प्रावधान किया जा सकता है।
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रेलवे को 1.9 लाख करोड़ रुपए का बजट देने का अनुमान
केंद्र सरकार 1 फरवरी को जो आम बजट पेश करने जा रही है, उसमें भारतीय रेलवे के लिए कुछ बड़ी घोषणाओं के आसार हैं। गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का यह आखिरी पूर्ण बजट होगा। अगले साल यह सरकार बजट तो पेश करेगी, लेकिन कुछ ही महीनों में चुनाव की वजह से वह पूर्ण बजट नहीं हो सकता। अंग्रेजी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया ने सूत्रों के हवाले से रिपोर्ट दी है कि वित्त वर्ष 2023-24 के बजट में केंद्र सरकार भारतीय रेलवे के लिए 1.9 लाख करोड़ रुपए का बजट आवंटित कर सकती है। क्योंकि, इस बार के बजट में सरकार कई बड़े ऐलान कर सकती है।
400 से 500 वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेनों की घोषणा संभव
इस बार के आम बजट में रेलवे से संबंधित जो बड़ी घोषणाओं की संभावनाएं हैं, उनमें 400 से 500 की संख्या में वंदे भारत एक्स्प्रेस ट्रेनें चलाने का ऐलान किया जा सकता है। यही नहीं देश में पहली बार हाइड्रोजन-इंजन से चलने वाली ट्रेनें लॉन्च करने की भी योजना तैयार की जा रही है और इस बजट में 35 ऐसी ट्रेनों की घोषणाएं पाइपलाइन में बताई जा रही हैं। भारतीय रेलवे के बजट में सिर्फ यात्रियों की सुविधाओं का ही ख्याल नहीं रहेगा। बल्कि, आने वाले बजट में माल-ढुलाई पर भी खास फोकस रहने की संभावना है। इसके तहत 4,000 नई ऑटोमोबाइल कैरियर कोच और 58,000 वैगन की भी घोषणा हो सकती है। सूत्रों के मुताबिक 500 वंदे भारत ट्रेनों के निर्माण पर 65,000 करोड़ रुपए की लागत आने का अनुमान है।
हेरिटेज रूट पर हाइड्रोजन-इंजन चलाने की कोशिश
दरअसल, 2030 तक जीरो-कार्बन उत्सर्जन के लक्ष्य को हासिल करने के लिए भारत सरकार और भारतीय रेलवे की ओर से हर तरह की कोशिशें की जा रही हैं। जिसमें अत्याधुनिक ट्रेनों, कोचों और वैगन का इस्तेमाल, रेलवे लाइनों का विद्युतीकरण और वैकल्पिक इंधनों का उपयोग शामिल है। हाल ही में रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा था कि भारतीय रेल देश के आठ हेरिटेज रूटों, जैसे कि दार्जीलिंग, नीलगिरी, कालका-शिमला और कांगड़ा घाटी में हाइड्रोजन-इंधन से संचालित ट्रेनें चलाएगा। लक्ष्य एक है कि इन विरासत मार्गों को पूरी तरह हरित और पर्यावरण के अनुकूल रखा जाए।
100 विस्टाडोम कोच निर्माण की भी योजना-रिपोर्ट
नॉर्दर्न रेलवे के वर्कशॉप में रेलवे हाइड्रोजन-आधारित इंधन वाली ट्रेन का प्रोटोटाइप बना रहा है। हरियाणा में सोनीपत-जींद सेक्शन पर इसका टेस्ट रन किया जाना है। सूत्रों का कहना है कि रोलिंग स्टॉक प्रोग्राम के तहत इन सारी घोषणाओं को तीन वर्षों में धरातल पर उतारा जाएगा, जिसपर करीब 2.7 लाख करोड़ रुपए का अनुमानित लागत आएगा, जो कि अबतक का सबसे ज्यादा है। उनका कहना है कि नई पीढ़ी के इन रॉलिंग स्टॉक के अलावा 100 विस्टाडोम कोचों के निर्माण की भी योजना है।
1,000 कोचों का नवीकरण होगा-रिपोर्ट
यही नहीं इसी कार्यक्रम के तहत प्रीमियर ट्रेनों के 1,000 कोचों का नवीकरण भी किए जाने की संभावना है। दरअसल, पिछले कुछ समय में ट्रेन के कोचों में आग लगने की कई घटनाएं देखी गई हैं। इसलिए रेलवे ने यात्रियों की सुरक्षा को मजबूत करने के लिए 1,000 कोचों में पानी के फुहार आधारित अग्नि शामक यंत्रों (water mistbased fire extinguishers) को लगाने की योजना बनाई है।