Budget 2023: यदि आप करदाता हैं तो इन बातों का रखें ध्यान, जानें 8 प्वाइंट में आपके लिए क्या नया है
मध्यम वर्ग को राहत देने के लिए वित्त मंत्री ने नई व्यवस्था के तहत आयकर दरों को और कम कर दिया है और 50,000 की मानक कटौती की अनुमति दी है।
Budget 2023: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार को संसद में आम बजट पेश किया। इस बजट में उन्होंने मिडिल क्लास खासकर टैक्स पेयर्स को लुभाने की हर संभव कोशिश की। अब 7 लाख रुपये प्रति वर्ष कमाने वाले को टैक्स नहीं देना पड़ेगा। करदाताओं को 2020-21 में शुरू की गई नई आयकर व्यवस्था की ओर आकर्षित किया, जिसमें पुरानी कर व्यवस्था को अपरिवर्तित रखते हुए इस योजना के तहत कई रियायतें दी गईं।
1. मध्यम वर्ग को राहत देने के लिए वित्त मंत्री ने नई व्यवस्था के तहत आयकर दरों को और कम कर दिया है और 50,000 की मानक कटौती की अनुमति दी है। करदाताओं को ध्यान देना चाहिए कि नई व्यवस्था अब एक डिफ़ॉल्ट विकल्प होगी जब तक कि वे पुरानी कर व्यवस्था का विकल्प नहीं चुनते।
2. फिलहाल 5 लाख तक आय वाले कोई टैक्स नहीं देते हैं, अब इसे बढ़ाकर 7 लाख कर दिया गया है। अब यह छूट नई टैक्स व्यवस्था के तहत 7 लाख तक की आय वालों को मिलेगी। नई व्यवस्था के तहत वेतन आय पर उपलब्ध 50,000 के मानक कटौती के साथ, वेतनभोगी व्यक्तियों के लिए 7.5 लाख तक की आय पर कोई कर नहीं होगा।
3. नई कर व्यवस्था के तहत 5 करोड़ से अधिक कर योग्य आय वाले करदाताओं के लिए अधिभार को 37% से घटाकर 25% कर दिया गया है। ऐसे करदाताओं के लिए उच्चतम कर दर अब 42.7% के बजाय अब 39% होगी।
4. गैर-सरकारी कर्मचारियों द्वारा प्राप्त छुट्टी नकदीकरण पर कर छूट की सीमा को 3 लाख की वर्तमान सीमा से बढ़ाकर 25 लाख कर दिया गया है।
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5. सोने को इलेक्ट्रॉनिक सोने की रसीद में बदलने पर कोई पूंजीगत लाभ कर नहीं लगेगा। इससे सोने के इलेक्ट्रॉनिक रूप में निवेश को बढ़ावा मिलेगा।
6. किसी संपत्ति की बिक्री से होने वाले दीर्घकालिक पूंजीगत लाभ पर कर से छूट मिलती है, यदि पूंजीगत लाभ या बिक्री का प्रतिफल एक नए आवासीय घर में पुनर्निवेश किया जाता है।
7. जीवन बीमा पॉलिसी के तहत प्राप्त राशि (ऐसी पॉलिसी पर बोनस सहित) को कर से छूट प्राप्त है यदि प्रीमियम राशि किसी भी वर्ष में वास्तविक पूंजीगत बीमा राशि के 10% से अधिक नहीं है। यह कर छूट अब उपलब्ध नहीं होगी जहां 1 अप्रैल, 2023 को या उसके बाद जारी जीवन बीमा पॉलिसियों के लिए व्यक्ति द्वारा देय कुल वार्षिक प्रीमियम 5 लाख से अधिक हो।
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