Budget 2019: अमेरिका से जेटली बोले- किसानों पर घड़ियालू आंसू न बहाएं विपक्ष
नई दिल्ली। मोदी सरकार में अंतरिम वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने शुक्रवार को चुनाव से पहले अपना अंतिम बजट पेश किया और विपक्ष की तरफ हमले होने भी शुरू हो गए। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने किसानों को हर साल 6,000 रुपये दिए जाने की घोषणा पर हमला बोलते हुए कहा कि पांच साल तक मौन रहने वाली सरकार पर अब किसानों को रोजाना 17 रुपये देकर उनका मजाक उड़ा रही है। इस बीच अमेरिका में इलाज करा रहे केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली ने विपक्ष पर तंज कसते हुए किसानों के लिए 'घड़ियालू आंसू' नहीं बहाने के लिए कहा है।
अरुण जेटली ने विपक्ष पर हमला बोलते हुए कहा, 'कृपया किसानों के लिए आज 'घड़ियालू आंसू न बहाएं। अगर विपक्ष में भी कई सरकारें हैं, तो उन्हें इसी तरह की योजनाओं की घोषणा करने दें। मुझे यकीन है कि अन्य सरकारें भी इस पर विचार करेंगी। जेटली ने आगे कहा कि 2014 में चिदंबरम ने इंजीनियरिंग उत्पादों और ऑटोमोबाइल सहित कई उत्पादों पर शुल्क में छूट दी थी। अब वही तर्क लिया जा सकता है। बजट किसी भी संसदीय लोकतंत्र का अनिवार्य हिस्सा होते हैं, इसलिए चुनाव होते हैं।
विपक्ष ने कहा कि वोटरों को लुभाने के लिए सरकार ने इस प्रकार के बजट को पेश किया है। इस पर न्यूयॉर्क में जेटली ने कहा कि 2009 में प्रणब मुखर्जी ने अपने सरकार की अंतरिम बजट में एक्साइज ड्यूटी घटाकर 2 फीसदी तक घटा दी थी। जेटली ने कहा कि केंद्र और राज्यों दोनों को सहयोग करना चाहिए। न्यूज एजेंसी एएनआई से बात करते हुए जेटली ने कहा कि उनकी सरकार ने ग्रामीण सड़कों का काम 91 फीसदी तक पूरा कर दिया है। उन्होंने कहा कि ग्रामीण आवास प्रोजेक्ट के तहत 2022 में सभी के पास छत होगी, वहीं ग्रामीण क्षेत्रों में 98.7% लोगों के पास अब स्वच्छता है, प्रत्येक घर में बिजली है, प्रत्येक व्यक्ति ने खाना पकाने के तरीकों में बदलाव किया है।
इससे पहले जेटली ने ट्वीट कर कहा था कि पीयूष गोयल की ओर से पेश किया गया बजट दिखाता है कि मोदी के नेतृत्व में देश सही दिशा में बढ़ रहा है। मैं पीयूष गोयल जी को इस शानदार बजट के लिए बधाई देता हूं। उन्होंने बजट में देश के हर वर्ग का ध्यान रखा है। यह बजट विकास, किसान, दरीह और मध्यम वर्ग के पक्ष में है। 2014-2019 तक सरकार के सभी बजट में मध्यम वर्ग का ध्यान रखा गया।