मायावती ने कहा- उजागर करेंगे भाजपा का दलित विरोधी चेहरा, सितंबर से शुरू होगा आंदोलन
लखनऊ। राज्यसभा से इस्तीफा देने के बाद बहुजन समाज पार्टी की सुप्रीमो मायावती ने भारतीय जनता पार्टी के खिलाफ मोर्चा खोलने की ठान ली है। माया ने कहा कि उनका दल 18 सितंबर से भाजपा के 'दलित विरोधी' रुख के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करेगा। माया ने कहा कि उन्हें राज्यसभा में उत्तर प्रदेश के सहारनपुर में दलित विरोधी हिंसा पर राज्यसभा में बोलने नहीं दिया इसलिए उन्होंने राज्यसभा से 18 जुलाई को इस्तीफा दे दिया।
हर महीन यूपी के दो मंडलों के कार्यक्रम आयोजित करेंगे जिसमें खुद मायावती भी शामिल होंगी। मायावती ने कहा कि यह आंदोलन मेरठ से शुरू होगा जो अगले साल जून तक जारी रहेगा ताकि 'भाजपा का पर्दाफाश हो सके'। उन्होंने पार्टी के सांसदों, विधायकों और अन्य नेताओं के साथ एक रणनीति सत्र आयोजित करने के बाद कार्यक्रम की घोषणा की। सितंबर की तारीख का निर्णय लिया गया क्योंकि संसद का मानसून सत्र तब तक खत्म हो जाएगा।
इस्तीफा हुआ स्वीकार
राज्यसभा के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि बसपा प्रमुख मायावती राज्यसभा से इस्तीफा दे चुकी हैं, जिसे उपराष्ट्रपति पदेन राज्यसभा के सभापति हामिद अंसारी ने स्वीकार कर लिया है। 61 वर्षीय मायावती ने बुधवार को राज्यसभा से इस्तीफा दे दिया था। उन्होंने भाजपा और सदन के उपसभापति पर आरोप लगाया था कि उन्हें उत्तर प्रदेश में "दलित हिंसा" का मुद्दा सदन उठाने से रोक जा रहा था।
माया के इस कदम को मूल दलित समर्थन आधार को मजबूत करने और इस साल के शुरू में उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों में भारी हार के बाद खुद को समुदाय के प्रमुख नेता के रूप में स्थापित करने के प्रयास के रूप में देखा गया। बता दें कि उनकी पार्टी केवल 18 सीटें जीत सकीथी, जबकि भाजपा 403 सीटों में से 300 से अधिक जीतकर सत्ता में आई है।
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