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काली मिर्च कोरोना वायरस का इलाज है- इस दावे का सच जानिए- फ़ैक्ट चेक

सोशल मीडिया पर लगातार दावे किए जा रहे हैं कि कोरोना वायरस की एक दवा को WHO ने मंज़ूरी दे दी है.

By फ़ैक्ट चेक टीम बीबीसी हिंदी
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काली मिर्च कोरोना वायरस का इलाज है- इस दावे का सच जानिए- फ़ैक्ट चेक

सोशल मीडिया पर लगातार कोरोना वायरस महामारी को लेकर अलग-अलग दावे किए जाते रहे हैं.

इसके अलावा कोरोना वायरस की दवा कब आएगी इस पर भी लोगों की जिज्ञासा बनी हुई है.

इसी कड़ी में सोशल मीडिया और व्हॉट्सऐप पर एक मैसेज लगातार वायरल हो रहा है जिसमें दावा किया जा रहा है कि कोरोना वायरस का घरेलू उपचार मिल चुका है.

बीबीसी को भी उसके पाठकों ने फ़ैक्ट चेक नंबर पर इस वायरल मैसेज को भेजा और इसकी सत्यता जानने के लिए कहा. अब तक हमारे कई पाठक इस मैसेज को हमें भेज चुके हैं.

जानते हैं क्या है मैसेज

"एक सुखद समाचार, अन्ततोगत्वा पॉन्डिचेरी विश्वविद्यालय के एक भारतीय छात्र रामू ने कोविड-19 का घरेलू उपचार खोज लिया जिसे WHO ने पहली बार में ही स्वीकृति प्रदान कर दी. उसने सिद्ध कर दिया कि एक चाय के चम्मच भरकर काली मिर्च का चूर्ण, दो चम्मच शहद, थोड़ा सा अदरक का रस, लगातार 5 दिनों तक लिया जाय तो कोरोना के प्रभाव को 100% तक समाप्त किया जा सकता है. सम्पूर्ण जगत इस उपचार को लेना आरम्भ कर रहा है. अन्ततः 2020 में एक सुखद अनुभव. इसे अपने सभी समूहों में प्रेषित अवश्य करें. धन्यवाद."

वायरल मैसेज
BBC
वायरल मैसेज

वहीं, सोशल मीडिया वेबसाइट ट्विटर पर भी अंग्रेज़ी में इसी दावे को लेकर ट्वीट किए गए हैं.

क्या कहता है विश्वविद्यालय और WHO

बीबीसी हिंदी की फ़ैक्ट चेक टीम ने जब पुडुचेरी विशवविद्यालय के प्रवक्ता के. मकेश से बात की तो उनका कहना था कि ऐसी कोई दवा विश्वविद्यालय के छात्र ने नहीं बनाई है और यह दावा फ़र्ज़ी है.

WHO की वेबसाइट पर जाएं तो उसने ऐसी भ्रामक ख़बरों के लिए एक अलग सेक्शन बना रखा है और उसने वहां दवाओं और खान-पान के संबंध में सभी फ़र्ज़ी दावों की हक़ीक़त बयान की है.

WHO ने दवा के संबंध में अपनी वेबसाइट पर लिखा है, "अभी कई दवाओं के ट्रायल चल रहे हैं और अभी तक कोई सबूत नहीं मिला है कि हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन या कोई और दवा कोविड-19 का इलाज है. हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन के ग़लत इस्तेमाल से दुष्परिणाम और अन्य बीमारियां हो सकती हैं, यहां तक की जान भी जा सकती है. कोविड-19 के इलाज के लिए WHO दवा बनाने की कोशिशों और उसके मूल्यांकन में सहायता कर रहा है."

विश्व स्वास्थ्य संगठन

इसके साथ ही WHO ने साफ़ किया है कि कोरोना वायरस की अब तक कोई दवा नहीं बनी है और न ही काली मिर्च के खाने में इस्तेमाल करने से कोरोना वायरस से बचा जा सकता है.

विश्व स्वास्थ्य संगठन का कहना है कि काली मिर्च आपके खाने को स्वादिष्ट बना सकती है लेकिन कोरोना वायरस से नहीं बचा सकती है. उसका कहना है कि कोरोन वायरस से बचने के लिए लोगों से एक मीटर की दूरी बनाए रखें, लगातार हाथ धोएं, संतुलित खाएं, पानी ठीक से पिएं, व्यायाम करें और अच्छी नींद लें.

हालांकि, WHO ने ये स्वीकार किया है कि कुछ पश्चिमी, पारंपरिक और घरेलू उपचार कोविड-19 के लक्षणों में राहत दे सकते हैं लेकिन वो इस बीमारी का इलाज नहीं हैं.

कोविड-19 के संक्रमण के मामले में शरीर की प्रतिरोधक क्षमता का अहम रोल माना जाता है. इसी प्रतिरोधक क्षमता को बेहतर करने के लिए भारत के आयुष मंत्रालय ने कई प्रकार की सलाह जारी की थी.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी विश्व योग दिवस पर प्रतिरोधक क्षमता को बेहतर करने के लिए प्राणायाम का अभ्यास करने और काढ़ा पीने जैसे विकल्प सुझाए थे. आयुष मंत्रालय ने भी प्रतिरोधक क्षमता बेहतर करने के लिए काढ़ा, हल्दी दूध और व्यायाम जैसे उपायों के बारे में सुझाव देता रहा है.

काली मिर्च कोरोना वायरस का इलाज है- इस दावे का सच जानिए- फ़ैक्ट चेक

कोरोना के लक्षणों में खांसी, ज़ुकाम, बुख़ार, बदन दर्द, गंध न आना आदि शामिल हैं.

खांसी और ज़ुकाम जैसे लक्षणों में काली मिर्च, शहद, अदरक आदि के उपयोग से राहत मिलती है लेकिन यह कोरोना वायरस का इलाज है ऐसा बीबीसी के फ़ैक्ट चेक में साबित नहीं होता है.

BBC Hindi
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English summary
Black pepper is a treatment for coronavirus - know the truth of this claim - fact check
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