राम माधव ने बताया, भाजपा ने पीडीपी से क्यों वापस लिया समर्थन
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नई दिल्ली। जम्मू कश्मीर सरकार से भाजपा ने हटने का फैसला किया है। भाजपा के महासचिव राम माधव ने बताया है कि भाजपा ने पीडीपी से समर्थन वापस ले लिया है और उसके सभी मंत्रियों ने इस्तीफा दे दिया है। माधव ने इसके पीछे महबूबा मुफ्ती को जिम्मेदार कहा है। उन्होंने कहा कि जिस मकसद से उन्होंने पीडीपी के साथ सरकार बनाई थी, उसमें कामयाबी ना मिलने पर सरकार से समर्थन वापस ले लिया गया।
गठबंधन का मकसद पूरा नहीं हो रहा था: माधव
राम माधव ने कहा कि राज्य में गठबंधन सरकार बनाने के पीछे भाजपा के दो मकसद थे। पहला राज्य में शांति रहे और दूसरा विकास कार्य तेजी से हो लेकिन ये नहीं हो रहा है। ऐसे में कश्मीर के हालात पर नियंत्रण के लिए समर्थन वापस लिया है। राम माधव ने कहा कि जम्मू कश्मीर में कट्टरता और आतंकवाद चरम पर है। नागरिकों के मूल अधिकार भी खतरे में है और जिस तरह से पत्रकार शुजात बुखारी की हत्या हुई, उससे साफ है कि कानून व्यवस्था भी ठीक नहीं है।
महबूबा ने स्थिति को नहीं संभाला
राम माधव ने कहा कि केंद्र ने लगातार राज्य सरकार को समर्थन दिया, 80 हजार करोड़ का पैकेज भी दिया, लेकिन राज्य सरकार ने हालात को संभाला नहीं। माधव ने कहा कि मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती कश्मीर घाटी में परिस्थितियों को संभाल नहीं पाई, सरकार लगातार फेल रही। सरकार ने काम नहीं किया। ऐसे में तीन साल की सरकार चलाने के बाद भाजपा ने पीडीपी से अलग होने का फैसला किया है।
राज्यपाल शासन लगाने की मांग
माधव ने कहा कि रमजान में हमने आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई ना करने का फैसला किया, इससे बहुत उम्मीद थी लेकिन दूसरी तरफ से जैसी उम्मीद थी वैसा रिस्पॉन्स आतंकियों की तरफ से नहीं आया। सारी चीजों को देखने और तमाम विमर्श के बाद भाजपा ने समर्थन वापस लिया है। राम माधव ने जम्मू कश्मीर में राज्यपाल शासन की मांग की है।
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