राष्ट्रपति के अभिभाषण के बहिष्कार को भाजपा ने बताया दुर्भाग्यपूर्ण, कांग्रेस ने भी दिया जवाब
नई दिल्ली। Congress boycott president address to parliament राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के अभिभाषण के साथ शुक्रवार को संसद के बजट सत्र का आगाज हो गया। बजट सत्र के आगाज से पहले कांग्रेस पार्टी समेत 16 विपक्षी दलों ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के अभिभाषण का बहिष्कार किया। एक दिन पहले ही इन विपक्षी पार्टियों ने इसकी जानकारी दे दी थी। विपक्ष के इस बर्ताव को राष्ट्रपति के अभिभाषण के अपमान के तौर पर देखा जा रहा है। हालांकि कांग्रेस पार्टी ने इस पर सफाई दी है। कांग्रेस का कहना है कि महामहिम के अभिभाषण का बहिष्कार करने का मतलब ये नहीं है कि हमने उनका अपमान किया है, बल्कि हम किसानों के साथ खड़े हैं और उनकी मांगों का समर्थन करते हैं।
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किसानों की भावनाओं का सम्मान होगा, तब बहस में शामिल होंगे- कांग्रेस
कांग्रेस की तरफ से सांसद अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि हमने राष्ट्रपति के अभिभाषण का अपमान नहीं किया है, हम तो किसानों के समर्थन में खड़े हैं और ये मांग करते हैं कि कृषि कानूनों को वापस ले लिया जाए। अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि जब किसानों की भावनाओं का सम्मान होगा, तब हम इस सत्र में बहस में शामिल होंगे।
बीजेपी का कांग्रेस पर हमला
वहीं दूसरी तरफ राष्ट्रपति के अभिभाषण के बहिष्कार को लेकर सियासी घमासान शुरू हो गया है। बीजेपी ने कांग्रेस पर हमला करना शुरू कर दिया है। केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा है कि लोकतंत्र में राष्ट्रपति का पद हमेशा से राजनीति से उपर रहा है। राष्ट्रपति संवैधानिक प्रमुख होता है। उनके संबोधन का सम्मान करना लोकतंत्र का सम्मान है। रविशंकर प्रसाद ने कहा कि जिस तरह से कांग्रेस पार्टी ने इस देश पर 50 साल से अधिक शासन किया है और फिर वो पार्टी राष्ट्रपति के अभिभाषण का बहिष्कार करती है तो वो दुर्भाग्यपूर्ण है।
इन दलों ने किया बहिष्कार
आपको बता दें कि राष्ट्रपति के अभिभाषण का बहिष्कार करने वाली पार्टियों में कांग्रेस समेत 16 विपक्षी दल हैं। इनमें राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी, नेशनल कांफ्रेंस, द्रमुक, तृणमूल कांग्रेस, शिवसेना, सपा, राजद, माकपा, भाकपा, आईयूएमएल, आरएसपी, पीडीपी, एमडीएमके, केरल कांग्रेस(एम) और एआईयूडीएफ शामिल है।