भाजपा-शिवसेना गठबंधन पर शरद पवार बोले- कुछ नया नहीं, पहले से तय था समझौता
नई दिल्ली: सोमवार को महाराष्ट्र में भाजपा-शिवसेना के बीच लोकसभा चुनाव को लेकर गठबंधन हो गया है। इससे पहले कई मुद्दों पर दोनों पार्टियों के रिश्ते तल्ख हो गए थे। महाराष्ट्र में कुल 48 लोकसभा सीटें हैं। इसमें से भाजपा 25 और शिवसेना 23 सीटों पर चुनाव लडे़गी। भाजपा-शिवसेना गठबंधन पर मंगलवार को राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के सुप्रीमो शरद पवार ने टिप्पणी की। गौरतलब है कि शरद पवार 10 साल बाद दोबारा चुनाव लड़ने पर तैयार हो गए हैं।
'भाजपा-शिवसेना गठबंधन पहले से तय था'
शरद पवार ने कहा कि वो भाजपा-शिवसेना के गठबंधन करने की घोषणा से बिल्कुल भी आश्चर्यचकित नहीं हैं। उन्होंने कहा कि 'भगवा भाइयों' के बीच चुनाव संबंधी समझौता पहले से ही तय था। उन्होंने आगे कहा कि दोनों का साथ आना कोई नहीं बात नहीं है। 25 सालों के लंबे समय से गठबंधन साझीदार बीजेपी और शिवसेना के मिलकर चुनाव लड़ने की ही उम्मीद थी। वे पिछले कुछ सालों से एक दूसरे के खिलाफ खुलकर बोलते रहे हैं। लेकिन उनके मिलकर चुनाव लड़ने की ही संभावना थी। पवार ने केंद्र और महाराष्ट्र में 2014 में एनडीए के सत्ता में आने के बाद से दोनों सत्तारूढ़ सहयोगियों के बीच लगातार तकरार का जिक्र करते हुए ये बयान दिया। शिवसेना भाजपा की सबसे पुरानी सहयोगी पार्टी है।
विधानसभा चुनाव में बराबर सीटों पर लड़ेगी भाजपा-शिवसेन
दोनों दलों के बीच हुए समझौते के मुताबिक महाराष्ट्र में आने वाले विधानसभा चुनाव में दोनों पार्टियां(भाजपा-शिवसेना) बराबर सीटों पर लड़ेंगे। महाराष्ट्र में विधानसभा की 288 सीटें हैं। महाराष्ट्र में 2019 में ही चुनाव होने हैं। अक्टूबर 2014 में हुए चुनाव में भाजपा-शिवसेना ने अलग-अलग चुनाव लड़ा था। इस चुनाव में भाजपा को 122 और शिवसेना को 63 सीटें मिली थीं। हालांकि चुनाव के बाद दोनों पार्टियों ने साथ मिलकर सरकार बनाई।
एनसीपी-कांग्रेस गठबंधन पर दिया बयान
शरद
पवार
ने
लोकसभा
चुनाव
में
एनसीपी-कांग्रेस
गठबंधन
पर
कहा
कि
अभी
एक
दो
सीटों
पर
सर्वसम्मति
होनी
बची
है।
हालांकि
उन्होंने
इन
सीटों
का
नाम
नहीं
बताया।
दोनों
पार्टियां
एनडीए
के
खिलाफ
प्रस्तावित
महागठबंधन
पर
प्रकाश
अम्बेडकर
के
भारिपा
बहुजन
महासंघ
जैसी
विचारधारा
वाली
पार्टियों
को
साथ
लाने
की
कोशिश
कर
रही
हैं।
शरद
पवार
ने
जानकारी
दी
कि
एनसीपी
और
कांग्रेस
अपनी
पहली
सयुंक्त
रैली
नांदेड़
में
बुधवार
को
करेंगी।
इसके
अलावा
दोनों
दलों
की
एक
अन्य
संयुक्त
रैली
23
फरवरी
को
मराठवाड़ा
के
बीड
में
होगी।
कांग्रेस
के
नेता
ने
बताया
कि
कांग्रेस
अहमदनगर
सीट
से
उम्मीदवार
खड़ा
करना
चाहती
है
लेकिन
एनसीपी
इस
पर
राजी
नहीं
है,
क्योंकि
उसे
लगता
है
कि
इस
क्षेत्र
में
उसका
अधिक
प्रभाव
है।
साल
2014
में
कांग्रेस
ने
औरंगाबाद
और
एनसीपी
ने
अहमदनगर
से
चुनाव
लड़े
थे।
गौरतलब
है
कि
साल
2014
का
लोकसभा
चुनाव
दोनों
पार्टियों
ने
साथ
लड़ा
था।
कांग्रेस
ने
गठबंधन
के
तहत
26
और
एनसीपी
ने
22
सीटों
पर
चुनाव
लड़ा
था।
लेकिन
2014
में
दोनों
पार्टियों
ने
विधानसभा
चुनाव
अकेले-अकेले
लड़ा
था।