नीतीश-पासवान संग अमित शाह ने फाइनल की डील, ऐलान के लिए कुशवाहा की विदाई का इंतजार
बिहार में भाजपा, नीतीश कुमार की जेडीयू और रामविलास पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी के बीच सीटों के बंटवारे का गणित बन चुका है। इस गणित में उपेंद्र कुशवाहा की 'राष्ट्रीय लोक समता पार्टी' को जगह नहीं दी गई है।
नई दिल्ली। 2019 के लोकसभा चुनाव के लिए भाजपा अब अपने सहयोगी दलों के साथ मिलकर जीत की रणनीति को अंतिम रूप देने में जुट गई है। एनडीए के घटक दलों को लोकसभा के चुनावी महाभारत में फिर से मजबूत करने की जिम्मेदारी खुद भाजपा अध्यक्ष अमित शाह संभाल रहे हैं। इस बीच खबर है कि बिहार में भाजपा, नीतीश कुमार की जेडीयू और रामविलास पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी के बीच सीटों के बंटवारे का गणित बन चुका है। सूत्रों की मानें तो इस गणित में उपेंद्र कुशवाहा की 'राष्ट्रीय लोक समता पार्टी' को जगह नहीं दी गई है और सीटों के ऐलान के लिए केवल एनडीए से उनके अलग होने का इंतजार किया जा रहा है।
कुशवाहा के जाने से क्या फर्क पड़ेगा?
सूत्रों के हवाले से खबर है कि बिहार भाजपा के नेता और खुद नीतीश कुमार का मानना है कि उपेंद्र कुशवाहा के अलग होने से एनडीए पर कोई खास असर नहीं पड़ेगा। यही वजह है कि उपेंद्र कुशवाहा के हाल के बयानों पर दोनों दलों की तरफ से कोई टिप्पणी नहीं आई। दरअसल, भाजपा और जेडीयू के नेता दबी जुबान में यह कह रहे हैं कि 2015 के बिहार विधानसभा चुनाव में कुशवाहा समाज के बीच उपेंद्र कुशवाहा की 'राष्ट्रीय लोक समता पार्टी' का प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा था और आगे भी इस स्थिति में किसी तरह के सुधार की गुंजाइश नहीं है।
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खुद एनडीए छोड़ने के ऐलान का इंतजार
हाल के दिनों में उपेंद्र कुशवाहा भी अपने बयानों से ये जताते रहे हैं कि उन्हें एनडीए में नीतीश कुमार के बराबर ही सीटें दी जाएं, अन्यथा वह महागठबंधन के साथ चले जाएंगे। ऐसी स्थिति में भाजपा और जेडीयू कुशवाहा को अलग करने का मन बना चुके हैं और उनकी तरफ से एनडीए छोड़ने के ऐलान का इंतजार कर रहे हैं। माना जा रहा है कि उपेंद्र कुशवाहा की विदाई के ऐलान के साथ ही बिहार में एनडीए के तीनों घटक दलों भाजपा, जेडीयू और लोजपा के बीच सीटों के बंटवारे की घोषणा कर दी जाएगी।
जेडीयू को आखिर कितनी सीटें मिली
आपको बता दें कि हाल ही में जेडीयू कार्यकर्ताओं की बैठक में नीतीश कुमार ने कहा था कि सीटों के बंटवारे को लेकर भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष से उनकी बातचीत हो चुकी है। नीतीश कुमार ने अपनी पार्टी के नेताओं को ये तो नहीं बताया कि गठबंधन में उनकी पार्टी को कितनी सीटें मिली हैं, लेकिन उन्होंने कहा कि जेडीयू ने अपनी शर्तों पर ही सीटों को लेकर भाजपा से समझौता किया है। दरअसल भाजपा का मानना है कि नीतीश कुमार के साथ होने से उपेंद्र कुशवाहा के हटने का असर एनडीए पर नहीं पड़ेगा, इसलिए वो जेडीयू को सम्मानजनक सीटें देने को तैयार है।
'त्यागी जी बैठे हैं, मीडिया को बता देंगे'
नीतीश ने जेडीयू नेताओं से कहा कि वो सीटों की चिंता ना करें और अभी से 2019 के लोकसभा चुनाव की तैयारियों में जुट जाएं। हालांकि मजाकिया अंदाज में नीतीश कुमार ने केसी त्यागी की ओर इशारा करते हुए कहा कि अभी वो सीटों की संख्या नहीं बताएंगे, त्यागी जी यहां बैठे हैं, ये जाकर मीडिया को बता देंगे, इसलिए सीटों की संख्या की घोषणा वो अलग से करेंगे। सूत्रों की मानें तो नीतीश कुमार जेडीयू के लिए बिहार की 40 में से 17 सीटें चाहते हैं। सीटों को लेकर कुछ दिन पहले ही नीतीश कुमार ने प्रशांत किशोर को साथ लेकर भाजपा अध्यक्ष अमित शाह से बात की थी।
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