वीके सिंह ने पूछा- अगर अधीर रंजन 'अधीर खान' होते तो क्या वह ज्यादा अहमियत रखते?
नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर के कुलगाम में हिजबुल मुजाहिदीन आतंकियों के साथ डीएसपी दविंदर सिंह की गिरफ्तारी पर राजनीति शुरू हो गई है। अधीर रंजन चौधरी के बयान पर पलटवार किया है। पूर्व सेना प्रमुख और भाजपा मंत्री वीके सिंह ने चौधरी पर हमला करते हुए पूछा, "यदि अधीर रंजन अधीर खान होते, तो क्या उनके बयान को अधिक गंभीरता से लिया जाता? हम इसे सांप्रदायिक रंग कैसे दे सकते हैं? अधीर रंजन ने कहा था कि 'आतंकियों के साथ दविंदर सिंह की जगह कोई खान होता तो RSS वाले बवाल करते'।
2019 फरवरी के पुलवामा हमले की नए सिरे से जांच करने की अधीर रंजन चौधरी की मांग पर केंद्रीय मंत्री वीके सिंह ने कहा कि, पुलवामा के असली अपराधी? क्या अधीर को शक हैं ? कौन अपराधी हैं? क्या वे भारतीय हैं, या कोई अन्य समुदाय के? मैं कह सकता हूं कि उन्हें कुछ समय के लिए आराम करना चाहिए। उन्होंने कहा कि, अगर अधीर रंजन ने सेना की वर्दी पहनी होती है और कश्मीर में रहकर सेवाएं दी होती तो उन्होंने कई चीजें सीखी होतीं।
वीके सिंह ने कहा कि दविंदर सिंह की आतंकवादियों के साथ कथित संलिप्तता की जांच की जाएगी। कई लोग इस पूछताछ में सामने आएंगे। दविंदर सिंह से लगातार पूछताछ की जाएगी। कई अहम चीजें सामने आएंगी। हमें जम्मू कश्मीर पुलिस पर भरोसा करना चाहिए। उन्होंने जो कुछ भी किया है, चाहे वह किसी भी समुदाय से हो। आपको बता दें कि जम्मू-कश्मीर के कुलगाम में चेकिंग के दौरान रविवार को एक गाड़ी से हिजबुल मुजाहिदीन के दो आतंकियों को गिरफ़्तार किया गया।
मंगलवार को लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि अगर देविंदर सिंह इत्तफाक से देविंदर खान होता, तो RSS की ट्रोल टुकड़ी की प्रतिक्रिया कहीं ज़्यादा तीखी और मुखर होती। देश के दुश्मनों की धर्म, आस्था या रंग देखे बिना निंदा की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि घाटी की जो कमजोर कड़ी है, वह हमारे लिए बेहद चिंताजनक ढंग से उजागर हो गई है और हमें सामने की चौकसी करते हुए पीछे से आंखें मूंदना महंगा पड़ेगा। अब निश्चित तौर पर यह सवाल उठेगा कि पुलवामा के खौफनाक हादसे के पीछे के असली मुजरिम कौन थे - इसे नए सिरे से देखने की जरूरत है।
सोना खरीदने से पहले पढ़ लें ये अहम खबर, कल से नियमों में हो रहा बड़ा बदलाव