उन्नाव रेप केस: BJP विधायक ने जेल से फोन कर कहा, जिंदा रहना चाहते हो तो बयान बदल दो
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लखनऊ: उन्नाव रेप केस की पीड़िता केजीएमयू हॉस्पिटल में जिंदगी और मौत से लड़ रही है। हादसे के एक दिन बाद पुलिस ने जेल में बंद बीजेपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर के खिलाफ दर्ज शिकायत में कहा है कि बीजेपी विधायक जेल के अंदर से पीड़िता के परिवार के लोगों को फोन कर धमकी देता था। विधायक पर दो साल पहले पीड़िता के साथ रेप करने का आरोप है। रविवार को पीड़िता की कार की टक्कर से हुई भिड़ंत के बाद बीजेपी नेता और अन्य 9 लोगों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज किया गया। इस दुर्घटना में पीड़िता और उसके वकील को गंभीर चोटे आई हैं। जबकि इस हादसे में पीड़िता की चाची और मौसी की मौत हो गई।
'बीजेपी विधायक ने एक्सीडेंट करवाया'
रेप पीड़िता लड़की के परिवार ने चार बार के विधायक पर आरोप लगाया कि उसने ये दुर्घटना करवाई है। एफआईआर में पीड़िता के चाचा ने आरोप लगाया कि जब वो शिकायत करने के लिए पुलिस के पास गए, तो उनसे पुलिस वालों ने कहा कि कुलदीप सिंह सेंगर सत्ताधारी बीजेपी का विधायक है। उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस ने उनसे समझौता करने के लिए कहा क्योंकि उन लोगों को अपनी नौकरी खोने का डर था।
'बयान बदलने का दवाब डाला'
पीड़िता के चाचा ने आगे बताया कि बाद में कुलदीप सिंह सेंहर ने उन लोगों को जेल से फोन किया। उसने फोन कर कहा कि अगर हम जीना चाहते हैं तो बयान बदल दो। वो रायबरेली की जेल में एक अन्य केस में बंद है और आजीवन कारावास की सजा काट रहा है, उन्हीं से मिलने के लिए परिवार जब जेल जा रहा था, तब ये दुर्घटना हुई। परिवार वालों का आरोप है कि उन पर लगातार केस को वापस लेने के लिए दवाब बनाया जा रहा था। बार-बार शिकायत करने पर कोई कार्रवाई नहीं की गई। आखिरकार पुलिस द्वारा दर्ज पहली एफआईआर में दावा किया गया कि पीड़िता के गांव में तैनात पुलिसकर्मी के सामने ही बीजेपी विधायक का फोन आया। कुलदीप के परिवार वालों से कहा गया कि उन्होंने मामला नहीं सुलझाया तो उन्हें मार दिया जाएगा।
'हमारे साथ सरकार है'
पीड़िता के चाचा ने आरोप लगाया कि बीजेपी विधायक के समर्थकों ने उनसे यहां तक कहा कि पूरी सरकार उनके साथ खड़ी है। उन्होंने कहा कि सेंगर के आदमी हमें डराते थे। वो कहते थे कि तुम कुछ नहीं कर पाओगे। एफआईआर में ये भी गया कि यह धमकियां इलाहाबाद हाईकोर्ट की ओर से रेप के मामले में एक सह अभियुक्त की जमानत खारिज होने के बाद से बढ़ गई हैं। वहीं मुलाकात के दौरान चाचा ने परिवार को दिल्ली चले जाने को कहा था ताकि वहां सुरक्षित रह सकें। एफआईआर में कहा गया है कि सुरक्षा में तैनात एक पुलिसकर्मी ही पीड़िता के हर पल की जानकारी कुलदीप सिंह सेंगर को देता था।
क्या है पूरा मामला?
वहीं पुलिस ने बताया कि उन्नाव रेप केस की पीड़िता अपने परिवार और वकील के साथ रविवार को रायबरेली जेल में बंद अपने चाचा से मिलने जा रही थी। रास्ते में उसकी कार को एक तेज रफ्तार ट्रक ने जोरदार टक्कर मार दी। हादसे में पीड़िता की चाची और मौसी की मौत हो गई है, जबकि पीड़िता और वकील की हालत गंभीर बनी हुई है। पुलिस ने कहा कि वाहन विपरीत दिशा में आ रहे थे और बारिश की वजह से कम दृश्यता के कारण आपस में टकरा गए। लखनऊ के एडीजी (लखनऊ रेंज) राजीव कृष्णा ने हादसे को लेकर कहा कि पूरी जांच के दो पहलू हैं, पहला हादसा और दूसरा साजिश। जहां तक हादसे की बात है तो फॉरेंसिक डिटेल एग्जामिनेशन और रीक्रिएशन हो रहा है और इसके अलग-अलग पहलुओं पर भी जांच हो रही है।
महिला ने विधायक पर लगाया है रेप का आरोप
गौरतलब है कि उन्नाव में माखी पुलिस थाना क्षेत्र में रहने वाली पीड़िता ने आरोप लगाया कि उन्नाव के बांगरमऊ से चार विधायक के बीजेपी विधायक कुलदीप सेंगर ने साल 2017 में अपने आवास पर उसके साथ बलात्कार किया था। इसके बाद उसके पिता को पुलिस पकड़ ले गई जहां हिरासत के दौरान उनकी मौत हो गई। मौत के पहले कुलदीप सिंह सेंगर के भाई अतुल सेंगर और उनके लोगों ने पुलिस हिरासत में ही पिता की पिटाई की थी। पीड़िता ने जब योगी आदित्यनाथ के आवास के बाहर कथित रूप से आत्मदाह का प्रयास किया था। तब ये मामला सामने आया था।
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