कांग्रेस का 65 साल का वर्चस्व टूटा, राज्यसभा में भाजपा बनी सबसे बड़ी पार्टी
नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी ने राज्यसभा में कांग्रेस का वर्चस्व तोड़ दिया। मध्य प्रदेश के संपतिया उइके के सदस्यता ग्रहण करते ही भाजपा के कुल 58 सदस्य हो गए जबकि कांग्रेस के फिलहाल 57 सदस्य है। केंद्र में मोदी सरकार आने के बाद यह पहला मौका है जब राज्यसभा में भाजपा के सबसे ज्यादा सांसद हैं। हालांकि सबसे बड़ी पार्टी होने के बाद भी भाजपा राज्यसभा में बहुमत के आंकड़े से बहुत पीछे है। गौरतलब है कि कांग्रेस के दो सदस्यों का इस साल निधन हो गया जिसके चलते वो 59 से 57 सीट पर आ गई। वहीं उइके, अनिल माधव दवे के स्थान पर राज्यसभा आई हैं जिनका निधन इसी साल मई में हो गया था।
नहीं पड़ेगा असर
दूसरी ओर मंगलवार को होने वाले चुनाव में जिसमें 6 सीट पश्चिम बंगाल और 3 गुजरात के हैं उसमें भाजपा की बढ़त को कोई असर नहीं पड़ेगा। भाजपा को इसकी उम्मीद है कि वो दो सीट गुजरात से लाएगी और तीसरी सीट पर कांग्रेस के अहमद पटेल को जीतने नहीं देना चाह रही है।
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TMC से 5 सांसद!
वहीं बंगाल से दो कांग्रेस सांसदों का कार्यकाल इस साल समाप्त हुआ है लेकिन पार्टी केवल एक को ही वापस सदन भेज सकेगी। वहीं ममता बनर्जी की पार्टी ऑल इंडिया तृणमूल कांग्रेस ने जिस तरह से विधानसभा चुनावों में जीतदर्ज की थी उससे पांच सीटें आसानी से उनके खाते मे जा सकती है।
अगले साल मिलेगी और बढञत
भाजपा को अगले साल राज्यसभा में काफी लाभ मिल सकता है। यूपी की 9 में से 8 सीटों पर भाजपा के जीतने की उम्मीद है क्योंकि विधानसभा चुनाव में उसने बहुत बड़ी जीत हासिल की है। लोकसभा में तो भाजपा के पास बहुमत है लेकिन राज्यसभा में उसे सहयोगी दलों का सहारा लेना पड़ता है जिसमें ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (AIADMK) और बीजू जनता दल शामिल है।
जदयू पर संशय
भाजपा को राज्यसभा में जनता दल यूनाटेड के साथ आने से भी लाभ होगा। जदयू के 10 राज्यसभा सांसद है लेकिन अभी तक पार्टी ने इस आशय का निर्णय नहीं लिया है कि वो केंद्र में भी साझा सरकार चलाएंगे।
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