बेटिकट सांसदों की सेंचुरी मार, क्या भाजपा कर पाएगी 282 पार?
नई दिल्ली- बीजेपी ने इस बार के चुनाव में देश की कुल 543 लोकसभा सीटों में से 437 पर अपने उम्मीदवार उतारे हैं। यह भाजपा के 39 साल के इतिहास में प्रत्याशियों की सबसे लंबी लिस्ट है। लेकिन, पार्टी ने इनमें से लगभग सौ मौजूदा सांसदों का टिकट काट लिया है। अलबत्ता इसके अलग-अलग कारण हैं। अगर 2014 की बात करें, तो तब भाजपा ने 427 उम्मीदवारों को टिकट देकर 282 सीटें जीतने में कामयाबी पाई थी और पहली बार खुद की पूर्ण बहुमत वाली सरकार बनाई थी। ऐसे में सवाल उठता है कि इतनी बड़ी संख्या में अपने मौजूदा सांसदों की जगह नए प्रत्याशियों को मौका देकर पार्टी क्या इस बार वह 282 के पुराने आंकड़े को बरकरार रख पाएगी या उसको भी पार कर जाएगी? क्योंकि, ज्यादातर उन सांसदों का पत्ता कटने की बात आ रही है, जिनके खिलाफ फीडबैक अच्छे नहीं मिले थे।
बागियों का पत्ता साफ
बीजेपी ने जिन करीब सौ सांसदों को इस बार दोबारा चुनाव लड़ने के लिए टिकट नहीं दिया है, उनमें से कई बागी सांसद थे, जिन्होंने पिछले पांच साल में पार्टी के नाक में दम कर रखा था। कुछ तो पहले से ही साइड लाइन चल रहे थे और तय था कि बीजेपी उन्हें दोबारा टिकट नहीं देगी। इनमें बिहार के पटना साहिब से शत्रुघ्न सिन्हा और दरभंगा से कीर्ति आजाद का नाम शामिल है। इनके अलावा यूपी की बहराइच से सावित्री बाई फुले, राजस्थान के दौसा से हरीश मीणा जैसे सांसद हैं। इन सांसदों ने या तो पार्टी का खुद से साथ छोड़ दिया या फिर इन पर पार्टी विरोधी बयानबाजी के आरोप लगे।
इन सांसदों पर पड़ी उम्र की मार
नरेंद्र मोदी ने 75 साल से ज्यादा उम्र के नेताओं को सक्रिय राजनीति से दूर रखने की पार्टी में एक अलिखित परंपरा शुरू करवाई है। इसी नीति के चलते पार्टी के कई सांसदों को पहले मंत्री पद भी छोड़ना पड़ गया था। जब लोकसभा चुनाव में टिकट देने की बारी आई तो पार्टी ने वही 75 वर्ष का फॉर्मूला टिकट देने के लिए भी लागू कर दिया। इसकी चपेट में पार्टी के सबसे वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी भी आ गए। इनके अलावा पार्टी की इस लिस्ट में मौजूदा लोकसभा की अध्यक्ष सुमित्रा महाजन, कलराज मिश्रा, भूवन चंद्र खंडूरी, भगत सिंह कोश्यारी, करिया मुंडा, शांता कुमार, हुकुमदेव नारायण यादव और राम टहल चौधरी जैसे वरिष्ठ नेता भी शामिल हैं।
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खुद चुनाव नहीं लड़ने का फैसला
बीजेपी के जो मौजूदा सांसद इसबार चुनाव नहीं लड़ रहे हैं, उनमें कुछ ऐसे नाम भी हैं, जिन्होंने खुद ही चुनावी राजनीति से संन्यास लेने का फैसला किया है। इनमें विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और केंद्रीय पेयजल एवं स्वच्छता मंत्री उमा भारती शामिल हैं। इसी तरह किरीट सोमैया को मुंबई नॉर्थ-ईस्ट से इसलिए टिकट नहीं मिल पाया है, क्योंकि शिवसेना ने इनके खिलाफ वीटो लगा दिया था।
एंटी इंकम्बेंसी फैक्टर का सबसे बड़ा रोल
अलबत्ता बीजेपी ने जिन सांसदों को दोबारा टिकट नहीं देने का फैसला किया है, उसके पीछे सबसे बड़ा कारण उन जन-प्रतिनिधियों के खिलाफ पार्टी के आंतरिक फीडबैक में मिली शिकायतें बताई जा रही हैं। यानी ज्यादातर सांसद एंटी इंकम्बेंसी फैक्टर के शिकार हो गए। शायद पार्टी को लगा कि ऐसे सांसदों को ढोने के बजाय ज्यादा अच्छा है कि नए चेहरों को मौका दे दिया जाय, ताकि पार्टी सांसदों के खिलाफ जनता के गुस्से के असर को खत्म किया जा सके। इसका सबसे बड़ा उदाहरण छत्तीसगढ़ का है, जहां पार्टी ने अपने दस के दस सांसदों का टिकट काट दिया है। कई विश्लेषणों में पार्टी के इस फैसले को मास्टरस्ट्रोक बताया जा रहा है। क्योंकि, विधानसभा चुनाव में वहां पार्टी को करारी शिकस्त मिली थी। इसलिए, नए चेहरों का कार्ड चलकर पार्टी ने उस एंटी इंकम्बेंसी फैक्टर को पूरी तरह से मिटाने का प्रयास किया है। हालांकि, यूपी के संत कबीर नगर के सांसद शरद त्रिपाठी का टिकट इसलिए काटा गया है, क्योंकि उन्होंने पार्टी के ही एक विधायक की जूते से पिटाई कर दी थी और वह विडियो सार्वजनिक हो गया था।
सुरक्षित सीटों पर भी गिरी गाज
अगर पार्टी की पूरी लिस्ट पर गौर करें तो यूपी में उसने सुरक्षित सीटों पर कई सारे उम्मीदवार बदल दिए हैं। आंकड़ों पर गौर करें तो उत्तर प्रदेश की 13 सुरक्षित सीटों में से पार्टी ने 7 पर नए उम्मीदवारों को इस बार मौका दिया है। इसी तरह से छत्तीसगढ़ और मध्यप्रदेश में 5-5 और महाराष्ट्र में 3 सुरक्षित सीटों के मौजूदा सांसदों का टिकट काटा गया है। दिल्ली में भी पार्टी ने अपने दलित चेहरे उदित राज का टिकट नॉर्थ-वेस्ट सीट से काट लिया है, जिसके अगले ही उन्होंने का कांग्रेस की हाथ पकड़ ली है।
टिकट कटने वाले भाजपा सांसदों की पूरी लिस्ट
1. लालकृष्ण आडवाणी- गांधीनगर
2. मुरली मनोहर जोशी- कानपुर
3. कलराज मिश्रा- देवरिया
4. विनय सांपला- होशियारपुर
5. उदित राज- नॉर्थ-वेस्ट दिल्ली
6. महेश गिरी- पूर्वी दिल्ली
7. बिष्णु पद रे- अंडमान एवं निकोबार द्वीप समूह
8. शत्रुघ्न सिन्हा- पटना साहिब (बागी)
9. कीर्ति आजाद दरभंगा (बागी)
10. भूवन चंद्र खंडूरी- गढ़वाल
11. भगत सिंह कोश्यारी- नैनीताल-उधमसिंह नगर
12. छोटेलाल- रॉबर्ट्सगंज
13. राम चरित्र निषाद- मछलीशहर
14. भरत सिंह- बलिया
15. राजेश पांडे- कुशीनगर
16. शरद त्रिपाठी- संत कबीर नगर
17. सावित्री बाई फुले- बहराइच (बागी)
18. हरिओम पांडे- अंबेडकर नगर
19. प्रियंका सिंह रावत- बाराबंकी
20. श्याम चरण गुप्ता- इलाहाबाद
21. भैरों प्रसाद मिश्रा- बांदा
22. उमा भारती- झांसी
23. सुषमा स्वराज- विदिशा
24. अशोक कुमार ढोरे- इटावा
25. अंजु बाला- मिश्रिख
26. अंशुल वर्मा- हरदोई
27. कृष्णा राज- शाहजहांपुर
28. चौधरी बाबुलाल- फतेहपुर सीकरी
29. राजेश कुमार दिवाकर- हाथरस
30. सत्यपाल सिंह सैनी- संभल
31. नेपाल सिंह- रामपुर
32. बंडारू दत्तात्रेय- सिकंदराबाद
33. हरिओम सिंह राठौर- राजसमंद
34. मानशंकर निनामा- बांसवाड़ा
35. सोनाराम चौधरी- बाड़मेर
36. सीआर चौधरी- नागौर
37. हरीश मीणा- दौसा (बागी)
38. बहादुर सिंह कोली- भरतपुर
39. संतोष अहलावत- झुंझुनू
40. एटी (नाना) पाटिल- जलगांव
41. नाना पटोले- भंडारा-गोंडिया
42. हरीशचंद्र चव्हाण- डिंडोरी
43. किरीट सोमैया- मुंबई नॉर्थ-ईस्ट
44. अनिल शिरोले- पुणे
45. दिलीप कुमार गांधी- अहमदनगर
46. सुनील बलीराम गायकवाड़- लातूर
47. शरद बनसोडे- सोलापुर
48. अनूप मिश्रा- मोरैना
49. भगीरथ प्रसाद- भिंड
50. लक्ष्मी नारायण यादव- सागर
51. ज्ञान सिंह- शहडोल
52. बोध सिंह भगत- बाालाघाट
53. आलोक संजर- भोपाल
54. चिंतामणी मालवीय- उज्जैन
55. सावित्री ठाकर- धार
56. सुमित्रा महाजन- इंदौर
57. सुभाष पटेल- खरगौन
58. ज्योति धुर्वे- बैतूल
59. रवींद्र कुमार रे- कोडरमा
60. रवींद्र कुमार पांडे- गिरिडीह
61. राम टहल चौधरी- रांची
62. करिया मुंडा- खूंटी
63. थुपस्तान छेवांग- लद्दाख
64. वीरेंद्र कश्यप- शिमला
65. शांता कुमार- कांगड़ा
66. राज कुमार सैनी- कुरुक्षेत्र
67. अश्विनी कुमार- करनाल
68. कमलभान सिंह मराबी- सरगुजा
69. विष्णु देव साई- रायगढ़
70. कमला देवी पटेल- जांजगीर
71. बंशीलाल महतो- कोरबा
72. लखन लाल साहू- बिलासपुर
73. अभिषेक सिंह- राजनांदगांव
74. रमेश बैस- रायपुर
75. चंदू लाल साहू- महासमुंद
76. दिनेश कश्यप- बस्तर
77. विक्रम उसेंडी- कांकेर
78. बिजॉय चक्रवर्ती- गुवाहाटी
79. रमेन डेका- मंगलदोई
80. राम प्रसाद शर्मा- तेजपुर
81. राजेन गोहेन- नोगोंग
82. कामख्या प्रसाद तासा- जोरहाट
83. के हरि बाबू- विशाकापत्तनम
84. गोकाराजू गंगा राजू- नरसापुरम
85- सतीश चंद्र दुबे- वाल्मिकी नगर
86. हुकुमदेव नारायण यादव- मधुबनी
87. बिरेंद्र कुमार चौधरी- झंझारपुर
88. जनक राम- गोपालगंज
89. ओम प्रकास यादव- सीवान
90- हरी मांझी- गया
91- परेश रावल- अहमदाबाद ईस्ट
92. दिलीप पटेल- आणंद
93. प्रभातसिंह चौहान- पंचमहल
94. रामसिंह रठावा- छोटा उदयपुर
95. हरिभाई चौधरी- बनासकांठा
96. लीलाधरभाई खोडाजी वाघेला- पाटन
97. जयश्रीबेन कनुभाई पटेल- मेहसाणा
98. देवजीभाई गोविंदभाई फतेपारा- सुरेंद्रनगर
99. विट्ठलभाई राडाडिया- पोरबंदर
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