केंद्रीय मंत्री का बयान- महाराष्ट्र में इस फॉर्मूले पर बन सकती है भाजपा-शिवसेना की सरकार
पीएम मोदी से उद्धव ठाकरे की मुलाकात के बाद केंद्रीय मंत्री रामदास आठवले के बयान से सियासी हलचल बढ़ गई है।
मुंबई, 12 जून: महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात के बाद शुरू हुए कयासों के दौर को केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता राज्य मंत्री रामदास अठावले के एक बयान से और हवा मिल गई है। रामदास आठवले ने शुक्रवार को एक बड़ा बयान देते हुए कहा कि महाराष्ट्र में पूर्व सहयोगी भाजपा और शिवसेना सहित अन्य दलों की 'महायुति' (महागठबंधन) सरकार बनाई जा सकती है। आठवले ने कहा कि इस महायुति में मुख्यमंत्री पद को आधे-आधे कार्यकाल के लिए शिवसेना के साथ बांटा जा सकता है।
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'गठबंधन पर जल्द करेंगे पीएम से चर्चा'
अपने बयान में रामदास आठवले ने कहा, 'इस मुद्दे को लेकर मैंने भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस से चर्चा की है और जल्द ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ बैठक में भी इस मामले पर चर्चा की जाएगी। इसके अलावा मराठा आरक्षण और चक्रवात तौकते के बाद महाराष्ट्र में राहत उपायों के मुद्दों पर भी पीएम मोदी के साथ चर्चा की जाएगी।'
'भाजपा-शिवसेना के बीच गठबंधन का यही सही वक्त'
आपको बता दें कि अभी हाल ही में महाराष्ट्र के सीएम उद्धव ठाकरे ने दिल्ली पहुंचकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की थी। हालांकि उद्धव ठाकरने ने बताया कि उनकी मुलाकात मराठा आरक्षण सहित राज्य के कुछ अन्य मुद्दों को लेकर थी। इस मुलाकात के बाद शिवसेना सांसद उद्धव ठाकरे की तरफ से की गई प्रधानमंत्री मोदी की तारीफ का जिक्र करते हुए रामदास आठवले ने कहा कि भाजपा और शिवसेना के बीच गठबंधन सरकार बनाने का यही सही वक्त है।
'हर चीज का नाम बाल ठाकरे के नाम पर जरूरी नहीं'
साथ ही रामदास आठवले ने यह भी कहा कि नवी मुंबई हवाई अड्डे का नाम दिवंगत किसान नेता डीबी पाटिल के नाम पर रखा जाना चाहिए, क्योंकि उन्होंने इस क्षेत्र के लोगों के लिए बहुत काम किया। उन्होंने कहा कि यह जरूरी नहीं कि महाराष्ट्र में हर चीज का नाम शिवसेना के संस्थापक बालासाहेब ठाकरे के नाम पर रखा जाए।
'मैं कोई नवाज शरीफ से मिलने नहीं गया'
आपको बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंदी से दिल्ली में मुलाकात को लेकर जब पत्रकारों ने उद्धव ठाकरे से सवाल पूछे तो उन्होंने कहा, 'हम राजनीतिक रूप से एक साथ नहीं हैं लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि हमारा रिश्ता टूट गया है। मैं कोई नवाज शरीफ से मिलने नहीं गया था, जो मुलाकात को इतना बड़ा मुद्दा बनाया जा रहा है। प्रधानमंत्री से मुलाकात करने में क्या गलत है।
'मुलाकात को जो लोग राजनीतिक समझ रहे हैं वो...'
वहीं, शिवसेना के प्रवक्ता और राज्यसभा सांसद संजय राउत ने इस मुलाकात पर कहा, 'मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे का दिल्ली दौरा कोई राजनीतिक दौरा नहीं था। अगर कुछ लोग पीएम मोदी और उद्धव ठाकरे की मुलाकात के राजनीतिक मतलब निकालते हैं, तो उन लोगों को उनकी सोच के साथ खुश रहने देना चाहिए। इस मीटिंग को लेकर अभी इस तरह के और कयास लगाए जाएंगे। हम इस मुलाकात से केवल यही उम्मीद करते हैं कि केंद्र के साथ महाराष्ट्र के लंबित मुद्दे जल्द ही हल हो जाएं।
किस वजह से अलग हुए थे भाजपा-शिवसेना
लंबे समय तक साथ रहने के बाद 2019 के महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में मुख्यमंत्री पद को लेकर भाजपा और शिवसेना के बीच विवाद हुआ था। यह विवाद इतना बढ़ा कि शिवसेना ने भाजपा से गठबंधन तोड़ते हुए कांग्रेस और एनसीपी के साथ मिलकर सरकार का गठन कर लिया। शिवसेना ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री पद बांटने को लेकर दोनों दलों के बीच बात हुई थी, लेकिन भाजपा अपना वादा तोड़ रही है। वहीं, भाजपा ने कहा कि मुख्यमंत्री पर पर शिवसेना का दावा पूरी तरह गलत है।